Edited By Vatika,Updated: 16 Jun, 2025 09:50 AM

पंजाब भर में भीषण गर्मी पड़ रही है, इसी को ध्यान में रखते हुए एसएमओ सीएचसी डॉ.
करतारपु (साहनी): पंजाब भर में भीषण गर्मी पड़ रही है, इसी को ध्यान में रखते हुए एसएमओ सीएचसी डॉ. सरबजीत सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि अगर मैदानी क्षेत्र का तापमान 40 डिग्री या इससे अधिक हो जाता है तो इस स्थिति को हीट स्ट्रोक यानी लू कहा जाता है। यह अधिक तापमान शरीर के तापमान नियंत्रण तंत्र को बाधित करता है और गर्मी से संबंधित बीमारियों का कारण बनता है।
डॉ. सरबजीत सिंह ने लोगों से स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील करते हुए कहा कि जून माह में हीट वेव की संभावना अधिक रहती है और इस दौरान आम लोगों के साथ-साथ खास तौर पर जोखिम श्रेणी में आने वाले लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने सलाह दी कि टीवी, रेडियो, समाचार पत्रों आदि के माध्यम से स्थानीय मौसम की खबरों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके अलावा मौसम विभाग की वेबसाइट के माध्यम से भी मौसम की ताजा जानकारी प्राप्त की जा सकती है। लोगों को अपने दैनिक क्रियाकलापों की योजना पूर्वानुमान के अनुसार बनानी चाहिए। हीट स्ट्रोक से बचने के लिए बाहरी काम दिन के ठंडे घंटों जैसे सुबह और शाम को करना चाहिए। प्यास न लगने पर भी हर आधे घंटे के बाद पानी पीते रहें। बाहर काम करते समय हल्के रंग के पूरे बाजू के कपड़े पहनें। गर्मियों में कोशिश करें कि सूती कपड़े ही पहनें। अपने सिर को सीधी धूप से बचाने के लिए छाता, टोपी, तौलिया या दुपट्टा का इस्तेमाल करें। नंगे पैर बाहर न निकलें, धूप में निकलते समय हमेशा जूते या चप्पल पहनें।
धूप में काम करने वाले लोगों को छाया में आराम करना चाहिए या शरीर का तापमान सही बनाए रखने के लिए अपने सिर पर गीला कपड़ा रखना चाहिए। धूप में निकलते समय हमेशा पानी साथ रखें। तरबूज, मौसमी, खरबूजा और खीरे जैसे मौसमी फल और सब्जियां खाएं क्योंकि इनमें पानी की मात्रा अधिक होती है। नींबू पानी, लस्सी, नारियल पानी जैसे घर के बने पेय पदार्थों का सेवन और इस्तेमाल बढ़ाएं। अपनी त्वचा की सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन और आँखों की सुरक्षा के लिए काला चश्मा पहनें। इसके इलावा धूप में बाहर जाने से बचें, खास तौर पर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच। व्यस्त समय में खाना पकाने से बचें, रसोई में अच्छी तरह से हवादार रखने के लिए दरवाज़े और खिड़कियाँ खुली रखें। शराब, चाय, कॉफ़ी और कार्बोनेटेड और ज़्यादा मीठे पेय पदार्थों से बचें क्योंकि ये वास्तव में शरीर के तरल पदार्थों को कम करते हैं। तले हुए खाद्य पदार्थों से बचें, बासी खाना न खाएं। बच्चों या पालतू जानवरों को बंद वाहन में न छोड़ें।