सरकार के साथ बैठक के बावजूद उगराहां धड़ा जारी रखेगा निजी थर्मलों का घेराव

Edited By Sunita sarangal,Updated: 30 Oct, 2020 10:03 AM

ugrahan continue the encirclement of private thermals

नेताओं ने कहा कि खेती कानूनों को रद्द करवाने के लिए भाजपा नेताओं के घेराव और कॉर्पोरेट घरानों के कारोबारों को ठप्प करने के....

चंडीगढ़(रमनजीत): पंजाब सरकार के तीन मंत्रियों की तरफ से भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के नेताओं को पंजाब भवन चंडीगढ़ में बुलाकर बणांवाली और राजपुरा थर्मलों के घेराव खत्म करने की मांग को किसान नेताओं ने रद्द कर दिया है। फिलहाल किसानों ने संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया है। नेताओं ने कहा कि जत्थेबंदी की सूबा समिति में सरकार की मांग पर विचार किया जाएगा। 

नेताओं ने कहा कि खेती कानूनों को रद्द करवाने के लिए भाजपा नेताओं के घेराव और कॉर्पोरेट घरानों के कारोबारों को ठप्प करने के संघर्ष को जारी रखने की कड़ी के तौर पर ही राजपुरा और बणांवाली में लार्सन एंड टुब्रो और वेदांता कंपनी के थर्मलों को ठप्प करने के लिए कई दिनों से विशेष रेल लाइनों पर धरने दिए हुए हैं। पंजाब के 3 मंत्रियों तृप्त राजिंद्र सिंह बाजवा, सुखजिंद्र सिंह रंधावा और सुखबिंद्र सिंह सुख सरकारिया ने भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के राज्य प्रधान जोगिंद्र सिंह उगराहां, महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां, जसविंद्र सिंह लौंगोवाल, रूप सिंह छन्ना और मनजीत सिंह न्याल के साथ बैठक की।

किसान नेता उगराहां और महासचिव कोकरीकलां ने कहा कि सरकार द्वारा थर्मलों के घेराव खत्म करने की मांग तुरंत रद्द कर दी गई। नेताओं ने कहा कि उन्होंने अपील को कल होने वाली राज्य मीटिंग में विचारने की हामी भरी है परंतु फैसले में बदलाव की गुंजाइश कम ही है, इस बारे में सरकारी पक्ष को भी स्पष्ट कर दिया गया है। सरकारी पक्ष से मांग की कि कद्दावर कंपनियों के थर्मलों को सरकारी हाथों में लेकर वहां मजदूरों और मुलाजिमों को पूरे वेतन पर पक्का किया जाए। 

सरकार को चुनाव से पहले थर्मल प्लांटों के बारे में वायदा याद करने के लिए कहा
इन थर्मलों को जाता कोयला सरकारी थर्मलों को भेज कर पूरे लोड और बठिंडा के बंद थर्मल प्लांट को फिर चलाया जाए। किसान नेताओं ने मंत्रियों से पूछा कि 2017 चुनाव के समय कांग्रेस ने बादल सरकार द्वारा प्राइवेट थर्मलों के साथ समझौते रद्द करने का वायदा किया था उसे पूरा क्यों नहीं किया जा रहा? उगराहां और कोकरीकलां ने कहा कि बणांवाली का थर्मल उस कद्दावर बहुराष्ट्रीय वेदांता कंपनी का है जिसकी सालाना आमदन एक लाख करोड़ से ज्यादा है। यह वही कंपनी है जो सरकारों की मिलीभगत के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के अदारे बालको और हिन्दोस्तान जिंक लिमिटेड को कौड़ियों के भाव निगल चुकी है। 

उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी की तरफ से गुजरात के मुख्यमंत्री होते हुए सब कानूनों को दरकिनार करके लार्सन एंड टुब्रो को कौड़ियों के भाव जमीनें दी गई थीं। उन्होंने कहा कि इस कंपनी के कुल संपत्ति 3 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा है और इस पर भारतीय अधिकारियों को 27 करोड़ रुपए की रिश्वत देने में दलाली के भी आरोप हैं। उन्होंने ऐलान किया कि काले खेती कानूनों को रद्द करवाने के लिए वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे और 5 नवम्बर को देश व्यापक चक्का जाम समय उनकी जत्थेबंदी अपने आजाद एक्शन द्वारा पूरा योगदान डालेगी।

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