Edited By Urmila,Updated: 13 Aug, 2024 12:23 PM
भारत में अफगानी सिखों को लेकर अहम खबर सामने आई है। अफगानी सिखों का 32 वर्ष का इंतजार खत्म हुआ है।
पंजाब डेस्क: भारत में अफगानी सिखों को लेकर अहम खबर सामने आई है। अफगानी सिखों का 32 वर्ष का इंतजार खत्म हुआ है। भारत में प्रवेश करने वालों 400 अफगानी सिखों में से 20 को भारतीय नागरिकता मिल गई है। अभी बाकी केस पेंडिंग पड़े हुए हैं। जानकारी के अनुसार 1992 में अफगानिस्तान में स्थिति खराब होने के चलते ये उक्त सिख भारत आ गए थे। इसके बाद इन्होंने भारत की नागरिकता लेने के लिए गृह मंत्रालय भारत सरकार को 1955 एक्ट के तहत आवेदनों को सी.ए.ए. में बदलने के लिए याचिका दायर की थी जिसके चलते नागरिकता संशोधन कानून सी.ए.ए. के तहत भारतीय नागरिकता मिल सकी है।
इन आवेदनों की जांच पड़ताल करने के बाद 20 अफगानी सिखों को भारत की नागरिकता मिल पाई है। वहीं बता दें कि कई अफगानी सिखों के दस्तावेज व पासपोर्ट गुम हो गए हैं जिसके चलते वह भारत की नागरिकता लेने में मुश्किल आ रही है। कई लोग तो बुजुर्ग हो गए हैं और कई तो नागरिकता के इंतजार में दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। भारत में रहने के लिए उक्त सिखों को हर साल अपना वीजा एक्सटेंड करवाना पड़ता था। वीजे की अवधि बढ़ाने के लिए उन्हें चंडीगढ़ व दिल्ली के चक्कर लगाने पड़ते थे। बताया जा रहा है कि पहले आवेदन करने के लिए राज्य सरकारों का भी हस्तक्षेप होता था लेकिन सी.ए.ए. ने अब इस प्रक्रिया को खत्म कर दिया है।
आपको बता दें कि इनमें से अधिकतर अफगानी सिख लुधियाना, जालंधर व अमृतसर में रह रहे हैं। इनमें से जिन्हें भारतीय नागरिकता मिल चुकी है वह अब पहचान पत्र या पासपोर्ट एप्लाई कर सकते हैं। गौरतलब है कि 2009 में अफगानिस्तान के हिंदुओं व सिखों के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में यू.पी.ए. सरकार काफी ढील दी थी जिसके बाद उक्त सिखों ने 1955 नागरिकता एक्ट के तहत अपने आवेदन एप्लाई किए थे।
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