Edited By Tania pathak,Updated: 22 Jun, 2020 05:16 PM
उल्लेखनीय है कि भारत लद्दाख़ की गलवान घाटी में सोमवार रात को भारत और चीन फौजियों बीच हिंसक झड़प में देश के 20 जवान शहीद हो गए थे। इनमें से एक बुढलाडा गाँव बीरेवाल डोगरा के गुरजेत सिंह (22) पुत्र विरसा सिंह था...
मानसा (अमरजीत चाहल): मानसा के गाँव वीरे वाला डोगरा के 22 वर्षीय नौजवान गुरतेज सिंह जो दुश्मन देश चीन के साथ लोहा लेते शहीद हो गए थे, उनके नाम पर पंजाब सरकार ने गाँव के स्कूल का नाम बदल कर शहीद गुरतेज सिंह सरकारी माध्यमिक स्कूल रख दिया है, क्योंकि इस स्कूल में शहीद गुरतेज सिंह ने विद्या हासिल की थी। पंजाब सरकार के इस फैसले पर गाँव वासियों ने प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार के इस कदम के साथ उनके पुत्र की याद हमेशा ताज़ा रहेगी। उन्होंने स्कूल को अपग्रेड करन की मांग भी की। शहीद गुरतेज की माता ने पंजाब सरकार से फिर मांग की है उनके दोनों पुत्रों को सरकारी नौकरी दी जाये जिससे उनका बुढापा आराम के साथ निकल जाये। उन्होंने पंजाब सरकार का धन्यवाद भी किया, जिन्होंने शहीद गुरतेज सिंह की याद में स्कूल का नाम बदल दिया। इस संबंधी गाँव के सरपंच ने भी सरकार के इस कदम की प्रंशसा की है।
उल्लेखनीय है कि भारत लद्दाख़ की गलवान घाटी में सोमवार रात को भारत और चीन फौजियों बीच हिंसक झड़प में देश के 20 जवान शहीद हो गए थे। इनमें से एक बुढलाडा गाँव बीरेवाल डोगरा के गुरजेत सिंह (22) पुत्र विरसा सिंह था, जिस ने हमेशा देश को परिवार से पहले रखा। इसी कारण गुरतेज सिंह अपने बड़े भाई गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी के विवाह में शामिल नहीं हो सका था।