सरकारी खजाने को चूना लगाने वाली पूर्व सरकार का मामला पहुंचा CM मान के पास

Edited By Urmila,Updated: 21 Jun, 2022 10:32 AM

the matter of the former government defrauding the government treasury

आम आदमी पार्टी को सत्ता में आए 100 दिन का समय होने जा रहा है परंतु भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मान सरकार जिस प्रकार की सख्ती और दृढ़ इच्छा शक्ति...

पठानकोट (शारदा): आम आदमी पार्टी को सत्ता में आए 100 दिन का समय होने जा रहा है परंतु भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मान सरकार जिस प्रकार की सख्ती और दृढ़ इच्छा शक्ति दिखा रही है वह धीरे-धीरे पंजाब की जनता को प्रभावित कर रही है। परिणामस्वरूप कुछ ऐसे स्कैंडल बाहर आ सकते हैं जिसकी आमजन ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी।

सेहत विभाग में अचानक यह बात सामने आई कि आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना जिसके अंतर्गत पंजाब की जनता का इलाज होता था, को एकतरफा चुनावों से कुछ समय पहले पंजाब सरकार ने ही कांट्रैक्ट को रद्द कर दिया जबकि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट को लगने में कुछ दिन ही शेष थे। यह कारनामा भी कांग्रेस की चन्नी सरकार जाते-जाते कर गई। देखने में यह साधारण बात लगती है परंतु सेहत बीमा कम्पनी को कांट्रैक्ट से बाहर निकलने का रास्ता मिल गया।

अब यह मामला पंजाब की मान सरकार के ध्यान में आ चुका है और संभावना है कि जनता को इस पर हैरान करने वाले परिणाम देखने को मिलेंगे। यह हैल्थ इंश्योरैंस स्कीम 20 अगस्त 2019 को लागू की गई थी जिसके अंतर्गत लगभग 45 लाख परिवार आए थे और लगभग प्रदेश की दो तिहाई जनसंख्या इस स्कीम का लाभ उठा रही थी। इसके चलते 5 लाख रुपए प्रति परिवार प्रतिवर्ष बिना पैसे दिए प्राइवेट अस्पतालों से इलाज करवा सकते थे।
 
दुखद बात यह है कि 29 दिसम्बर 2021 को रहस्यमयी तरीके से यह कांट्रैक्ट सरकार ने ही रद्द कर दिया जबकि इसका समय 18 अगस्त 2022 तक था। कम्पनी का कांट्रैक्ट रद्द करने के पीछे यह कारण बताया गया कि अस्पताल को पेमैंट देने में 15 दिन से अधिक का समय लग रहा है। 

हैल्थ सैक्रेटरी के मुख्यमंत्री को लिखे नोट से मामला उछला
पंजाब हैल्थ सैक्रेटरी अज्वाय शर्मा ने मुख्यमंत्री को इस संबंध में नोट लिखा है कि इस अनुबंध के रद्द होने से इंश्योरैंस फर्म सभी लायबिलिटियों से बच गई और इस स्कीम का फायदा ले रहे मरीजों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा, क्योंकि इस योजना से जुड़े प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों ने रोगियों का इलाज करने से मना कर दिया। 

नोट में स्पष्ट किया गया है कि अनुबंध तोड़ने से पहले फाइनांस विभाग से कोई भी मंजूरी नहीं ली गई क्योंकि अगर फाइनांस विभाग के ध्यान में मामला आता तो निश्चित रूप से वह एकतरफा अनुबंध करने की कार्रवाई को कभी न मानते, क्योंकि इस अनुबंध को तोड़ने के चलते पंजाब के खजाने पर 600-700 करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ा है और एक तरह से इंश्योरैंस कम्पनी को बहुत फायदा हुआ है।

मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना में हुए एग्रीमैंट के अंतर्गत विभाग को 30 दिन का नोटिस कम्पनी को देना होता है जिसमें वह अपना कार्य ठीक कर सके अन्यथा विभाग उस पर हैवी पैनल्टी भी लगा सकता है। ऐसा कोई भी काम नहीं किया गया उलटा तुरंत अनुबंध के टूटने से कम्पनी के चेहरे खिल उठे। मुख्यमंत्री ने मामले को देख लिया है और उन्होंने अज्वाय शर्मा पंजाब हैल्थ सैक्रेटरी को सारी फाइल देने के लिए कहा है। अज्वाय शर्मा ने मुख्यमंत्री को भेजे नोट की पुष्टि की है।

नए टैंडरों में अनुबंध के लिए कम्पनियों ने मांगे 3 गुना रेट
जब चन्नी सरकार ने यह अनुबंध रद्द कर दिया तो विभाग ने योजना को चलाने के लिए तथा गरीबों के इलाज को रूटीन में जारी रखने के लिए नए सिरे पर टैंडर मांगे तो विभाग स्तब्ध रह गया कि कम्पनियों ने 3 गुना अधिक रेट सरकार से मांगे। पुरानी फर्मों के साथ जो कांट्रैक्ट किया गया था वह 1050 रुपए प्रति लाभपात्री था जबकि नए टैंडरों में उन्होंने 3000 से अधिक का प्रति लाभपात्री प्रीमियम मांगा। इसका अभिप्राय यह है कि प्रदेश सरकार पर सैंकड़ों करोड़ का भार बिना कारण बढ़ गया।

ज्यादा क्लेम आने से इंश्योरैंस वाली कम्पनी को हो रहा था बड़ा घाटा
सरकार की योजना आमजन में पॉपुलर हो गई थी और ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना के अंतर्गत क्लेम ले रहे थे। जितना प्रीमियम आ रहा था उससे ज्यादा अस्पतालों को क्लेम दिया जा रहा था। इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है कि अगर कम्पनी का एग्रीमैंट पूरा समय चलता तो उसका कम से कम लॉस 600-700 करोड़ होता जबकि एग्रीमैंट रद्द होने से उसकी देनदारियां तुरंत खत्म होंगी। अब सरकार को 249 करोड़ रुपए की देनदारियां इसके अंतर्गत प्राइवेट अस्पतालों और गवर्नमैंट अस्पतालों को देनी हैं। इस संदिग्ध टर्मिनेशन में एक तथ्य और सामने आया है कि सरकार ने प्राइवेट वकील से अनुबंध रद्द करने की लीगल एडवाइज ली है, जबकि सरकार के पास एडवोकेट जनरल और उसके अंतर्गत आने वाले वकीलों की बड़ी संख्या है। 

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