Edited By Subhash Kapoor,Updated: 18 May, 2022 10:09 PM

पंजाब रोडवेज पनबस/पी.आर.टी.सी. कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन द्वारा ट्रांसपोर्ट विभाग के उच्चाधिकारियों के रवैये से परेशान होकर कर्मचारियों ने पंजाब के रोडवेज डिपो को बंद करके रोष प्रदर्शन किया और बसों का चक्का जाम रखा।
लुधियाना (मोहिनी): पंजाब रोडवेज पनबस/पी.आर.टी.सी. कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन द्वारा ट्रांसपोर्ट विभाग के उच्चाधिकारियों के रवैये से परेशान होकर कर्मचारियों ने पंजाब के रोडवेज डिपो को बंद करके रोष प्रदर्शन किया और बसों का चक्का जाम रखा। लुधियाना डिपो जिला प्रधान सतनाम सिंह, शमशेर सिंह, जगतार सिंह ने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग के उच्चाधिकारी भारत के संविधान से उल्ट नीति बनाकर कच्चे मुलाजिमों पर तानाशाही रवैया अपनाकर शोषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई कर्मचारी रास्ते में सवारी को मुश्किल आने पर बस को रोकता है तो उसकी नाजायज तौर पर रिपोर्ट करके ड्यूटी से फारिग कर दिया जाता है। कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के सपने दिखाने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार अब अफसरशाही की बेलगाम होती प्रतीत हो रही है।
उन्होंने कहा कि कर्मचारी पिछले 15 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन अधिकारियों द्वारा कच्चे कर्मचारियों का शोषण करने की नीति बनाई जा रही है। उन्हें अभी तक पक्का नहीं किया गया, जिससे कर्मचारियों में रोष पाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैनेजमेंट के तानाशाही रवैये की हद उस समय पार हो गई, जब चंडीगढ़ डिपो में एक कंडक्टर की सवारी के पास खड़े होने की फोटो खींचकर उसको आधार बनाया कि वह निजी बस वाले से रुपए ले रहा है और उसे नौकरी से हटा दिया गया।
वहीं कर्मचारियों की हड़ताल के चलते लुधियाना बस स्टैंड पर यात्री खासकर महिलाएं परेशान दिखीं। उन्हें निजी बसों में टिकट खर्च करके सफर कर अपने गंतव्य तक जाना पड़ा। बस स्टैंड पर ज्यादातर निजी बसें ही कांऊटरों पर नजर आई। अगर ऐसा ही रवैया रहा तो सरकार के प्रति लोगों का भी गुस्सा फूट सकता है।

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