तरुण चुघ ने राहुल गांधी पर साधा निशाना, कहा- सदन में हिन्दुओं को हिंसक कहना दुर्भाग्यपूर्ण एवं निन्दनीय

Edited By Kamini,Updated: 02 Jul, 2024 03:48 PM

tarun chugh targeted rahul gandhi

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने प्रेस से बातचीत  करते हुए लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के गैर जिम्मेदाराना द्वेषपूर्ण वक्तव्य पर जमकर निशाना साधा।

पंजाब डेस्क : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने प्रेस से बातचीत  करते हुए लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के गैर जिम्मेदाराना द्वेषपूर्ण वक्तव्य पर जमकर निशाना साधा। चुघ ने कहा कि संसद किसी नेता या परिवार से नहीं, अपितु नियम और व्यवहार से चलता है। राहुल गांधी ने संसदीय लोकतंत्र के स्तर को पूरी तरह गिरा दिया। संसद में जिस तरह से भगवान शंकर के चित्र को दिखाया जा रहा था, वह बेहद ही आपत्तिजनक था।

चुघ ने कांग्रेस पार्टी के दोहरे चरित्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह दुर्भागपूर्ण है कि देश में दंगे करवाने वाले सिखों के 1984 के नरसंहार की जिम्मेदार, गुरुद्वारे जलाने वाले कांग्रेस आज अहिंसा की बात कर रही है। देश में 1984 में भोपाल गैस कांड के दोषी को देश से सुरक्षित किसने निकाला उसमें कांग्रेस की भूमिका थी यह भी देश को जानना चाहिए। चुघ ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने लगातर सदन को गुमराह किया है, आज संसद में राहुल गांधी ने सम्पूर्ण हिन्दु समाज को हिंसक और असत्यवादी बताकर, हिन्दु समाज का घोर अपमान किया है। कांग्रेस ने यह भी पहली बार नहीं किया है। 2010 में तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने हिंदुओं को आतंकवादी कहा था। 2013 में पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी हिंदुओं को आतंकवादी बताया था। 2021 में राहुल गांधी ने कहा था कि हिन्दुत्ववादियों को देश से बाहर निकालने को कहा था और आज सम्पूर्ण हिंदुओं को असत्यवादी और हिंसक कहा। 

राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष के पद की गरिमा को नीचा और कमजोर करने का काम किया है। समूचा देश राहुल गांधी के इस बयान से दुखी है और इस बयान की जितनी निंदा की जाए वह कम है। हिंदुओं को हिंसक और असत्यवादी बताना, संसद की बहस के दौरान ईश्वर के चित्रों को सामने रखना और राजनीति को इससे जोड़ना एक नेता प्रतिपक्ष को शोभा नहीं देता। राहुल गांधी ने सत्ता में रहते हुए भी कोई जिम्मेदारी नहीं ली थी। मगर आज पहली बार कोई जिम्मेदारी संभालने के बाद भी राहुल गांधी ने अति गैर-जिम्मेदाराना वक्तव्य दिए। राहुल गांधी का अग्निवीर योजना पर दिया बयान भी पुरी तरह झूठा और षड्यंत्रकारी और सेना का अपमान करने वाला है,  यह घटिया स्तर का निचले स्तर का है। कांग्रेस पार्टी ने पहले भी सेना पर सवाल उठाए हैं और देश को भ्रमित करने का प्रयास किया है। 

चुघ ने कहा कि राहुल गांधी ने संवैधानिक पद लोकसभा अध्यक्ष के पद पर भी गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी की, जो बहुत ही दुखद है। राहुल गांधी ने प्रेस क्लब में स्वयं अपनी पार्टी की गठबंधन सरकार के पारित ऑर्डिनेन्स की प्रति को फाड़ दिया था। कांग्रेस का चरित्र देश की संवैधानिक व्यवस्थाओं को कमजोर करने का रहा है। इंदिरा गांधी ने भी संसद, न्याय प्रणाली और नौकरशाही जैसी देश की संवैधानिक व्यवस्थाओं को कमजोर करने का कार्य किया। राहुल गांधी भारतीय संस्कृति के अनुरूप किए गए व्यवहार को नहीं समझ सकते हैं, क्योंकि उन्हें संस्कृति के बारे में जानकारी ही नहीं है।  2004 से जब राहुल गांधी कोई पद पर नहीं थे, तो उनके व्यवहार में नाटकीय और मजाक झलकता था। लेकिन आज राहुल गांधी लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष हैं और एक संवैधानिक पद पर हैं, तो हम लोग उम्मीद कर रहे हैं, कि वे परिपक्वता के साथ अपने व्यवहार और आचरण में सकारात्मक बदलाव लाएंगे। आज राहुल गांधी के भाषण के दौरान जो हमने देखा है, बार-बार पीठासीन अधिकारी की कुर्सी से उन्हें बोला गया कि आप बात करते समय तर्क और पीठ स्पीकर की तरफ न करें, यह सदन का अपमान है।

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