Edited By Urmila,Updated: 22 Jun, 2024 02:16 PM
अपने परिवार के अच्छे और सुनहरे भविष्य के लिए विदेश गए युवाओं को कभी-कभी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
तरनतारन : अपने परिवार के अच्छे और सुनहरे भविष्य के लिए विदेश गए युवाओं को कभी-कभी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला पट्टी से सामने आया है जहां अपने परिवार के बेहतर भविष्य के लिए कतर गए एक युवक को वहां हुई एक दुर्घटना के दौरान अदालत ने दो साल की कैद और 55 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है जिसे लेकर मां बहुत परेशान है।
परिवार 55 लाख रुपये देने में असमर्थ दिख रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए परमजीत कौर ने बताया कि दो साल पहले उन्होंने घर के हालात ठीक करने के लिए करीब 15 लाख का कर्ज लेकर अपने इकलौते बेटे, जो वहां ट्राला चलाता था, को विदेश (कतर) भेज दिया था। 14 मार्च, 2024 को ट्राला चलाते समय समय हादसे में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई और साहिलप्रीत सिंह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और अदालत में पेश किया। जहां कोर्ट ने उन्हें 55 लाख रुपये जुर्माने के साथ दो साल की सजा सुनाई है।
मां परमजीत कौर ने कहा कि वह कर्ज में डूबी है, उसके पति की मौत हो चुकी है। एक लड़की और एक लड़का साहिलप्रीत सिंह है जिन्हें विदेश में एक सड़क दुर्घटना के कारण सजा सुनाई गई है। उसके पास खेती योग्य जमीन नहीं है। वह यह रकम चुकाने में असमर्थ है। विधवा मां ने एन.आर.आई. वीरों, भारत सरकार और पंजाब सरकार के साथ मिलकर सरबत दा भला चैरिटी ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. एस.पी. ओबरॉय से मदद की गुहार लगाई है। मां ने उसके बेटे को छुड़ाकर पंजाब लाने की अपील की है।
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