Edited By Urmila,Updated: 02 Jul, 2024 02:42 PM
इंसान कुर्सी के नशे में इतना अंधा हो जाता है कि वह भूल जाता है कि उसके घर में एक महिला के रूप में भी उसकी मां, बहन, पत्नी और उसकी बेटी भी है।
जैतो (जिंदल) : इंसान कुर्सी के नशे में इतना अंधा हो जाता है कि वह भूल जाता है कि उसके घर में एक महिला के रूप में भी उसकी मां, बहन, पत्नी और उसकी बेटी भी है। ये शब्द काका सिंह कोटड़ा प्रदेश महासचिव भारती किसान यूनियन एकता सिधूपुर ने 2 जून से बरनाला में सिटी पुलिस स्टेशन के सामने चल रहे धरने के दौरान अपने संबोधन में व्यक्त किए।
आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि गुरुओं द्वारा नारी को सबसे ऊंचा 'जग जननी' का दर्जा दिया गया है, क्योंकि नारी के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती और जब यह मामला उनकी संस्था के ध्यान में आया तो, एक 20 दिन की बच्ची और उनकी मां को बिना किसी गलती के मानवता को शर्मसार करते हुए थाने में बंद कर दिया गया था, इसलिए उन्होंने तुरंत इस पर ध्यान दिया और 24 जून से पुलिस स्टेशन के सामने जोरदार मोर्चा लगाया।
लेकिन आरोपी एस.एच.ओ. पर कार्रवाई करने के बजाय सरकार और पुलिस प्रशासन द्वारा आरोपियों को बचाने के लिए कदम उठाए गए जिसके बाद पीड़ित मां-बेटी को न्याय दिलाने के लिए भारतीय किसान यूनियन एकता सिधूपुर और न्याय पसंद लोगों को 1 जुलाई को सड़क पर उतरने और जाम लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
एक तरफ हमारी सरकारें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही हैं और दूसरी तरफ थानेदार बेटियों को थाने में बंद कर उनका अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एस.एच.ओ. शायद भूल गए हैं कि गुरु साहिब ने पंजाब के लोगों को अपनी बहनों के हक में हां में हां मिलाना और मजलूमों की रक्षा करना सिखाया है और आज पंजाब भर में हजारों लोग न्याय चाहते हैं और गुंडागर्दी के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
जिसके बाद पुलिस प्रशासन के साथ चली लंबी बैठक के बाद प्रशासन द्वारा एस.एच.ओ. को सस्पैंड कर दिया गया है और एस.एच.ओ. द्वारा उस मां पर लगाई गई झूठी रिपोर्ट को भी रद्द कर दिया गया है। आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जो 1 जुलाई से 3 कानूनों में बदलाव कर नए कानून लागू कर रही है।
ये किसानों की जमीनें छीनकर कॉप्रोरेट घरानों को देने की चालें हैं और देश में लोकतंत्र खत्म कर पुलिस राज्य लागू करने की साजिशें हैं, क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार ने इन कानूनों को लोक में बहस किए बिना ही पारित कर दिया। उपरोक्त जानकारी भारतीय किसान यूनियन सिधुपुर के प्रदेश महासचिव सरदार काका सिंह कोटड़ा ने दी।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here