Edited By Urmila,Updated: 24 Nov, 2023 12:25 PM

दूसरा बड़ा कारण यह है कि हर जगह मतदाता सूची में पंजीकरण के लिए अलग-अलग व्यवस्था अपनाई जा रही है ।
चंडीगढ़ : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एस.जी.पी.सी.) चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। एक्टिंग चीफ जस्टिस रितु बाहरी पर आधारित बैंच ने नोटिस जारी कर केंद्र सरकार, गुरुद्वारा चुनाव आयोग और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से जवाब मांगा है।
फिरोजपुर के एक संगठन से जुड़े अजयपाल सिंह बराड़ ने वकील पुनीत सिंह के माध्यम से एक याचिका में कहा है कि शिरोमणि कमेटी के चुनावों के लिए वोट बनाने का काम शुरू हो गया है और प्रतिदिन पंजीकृत वोटों की संख्या सीमित कर दी गई है। चूंकि वोट बहुत कम हैं, इसलिए गुरुद्वारा चुनाव आयोग ने वोट डालने का समय भी बढ़ा दिया है, इसलिए वोट डालने की प्रक्रिया में तकनीक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि देश से बाहर गए या किसी दूसरे राज्य में गए वोटर भी ऑनलाइन वोट डाल सकें। याचिका में मांग की गई है कि उक्त तकनीक को भी एस.जी.पी.सी. चुनाव में शामिल किया जाए।
याची का कहना है कि चुनाव आयोग ने ऐसे किया, इसलिए एस.जी.पी.सी. को इस तकनीक पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही हर शिरोमणि कमेटी चुनाव से पहले पुराने मतदाताओं का नया पंजीकरण करने के बजाय पहले से मौजूद मतदाता सूची को अपडेट करने की भी मांग की गई है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
एस.जी.पी.सी. चुनाव के लिए वोटर सूची तैयार करने की प्रक्रिया को धीमा बताते हुए दाखिल याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब व हिमाचल के मुख्य सचिव व चुनाव आयुक्तों और चंडीगढ़ में प्रशासक के सलाहकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका दाखिल करते हुए मिसल सतलुज वैल्फेयर सोसायटी ने बताया कि एस.जी.पी.सी. चुनाव के लिए पंजाब, हिमाचल व चंडीगढ़ में मतदाता सूची बनाने का काम चल रहा है। इसके लिए गुरुद्वारा चुनाव के मुख्य आयुक्त ने विभिन्न राज्यों के चुनाव आयुक्तों को 25 मई, 2023 को पत्र लिखा था।
इस पत्र के अनुरूप मतदाता सूची बनाने का काम आरंभ किया गया लेकिन यह प्रक्रिया इतनी धीमी थी कि तय तिथि के बाद भी इस काम को पूरा नहीं किया जा सका। पंजाब सरकार ने पंजीकरण के लिए तिथि को 15 नवम्बर से बढ़ाकर फरवरी 2024 कर दिया। याची ने बताया कि मतदाता सूची तैयार करने में देरी का मुख्य कारण पुरानी प्रणाली का इस्तेमाल है। इसमें तेजी लाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण का विकल्प अपनाना सबसे बेहतर रहेगा।
दूसरा बड़ा कारण यह है कि हर जगह मतदाता सूची में पंजीकरण के लिए अलग-अलग व्यवस्था अपनाई जा रही है जबकि सभी स्थानों पर एक जैसी प्रक्रिया को अपनाकर इसमें तेजी लाई जा सकती है। हर बार चुनाव से पहले वोटर लिस्ट तैयार की जाती है जबकि होना यह चाहिए कि इलैक्टोरल रोल तैयार किया जाना चाहिए और चुनाव से पहले इसे अपडेट कर लिया जाए। यदि यह प्रक्रिया अपनाई जाती है तो चुनाव से पहले वोटर सूची तैयार करने में अनावश्यक देरी से बचा जा सकता है। हाईकोर्ट ने याचिका पर मुख्य गुरुद्वारा चुनाव आयुक्त, पंजाब व हिमाचल के मुख्य सचिव व चुनाव आयुक्तों सहित चंडीगढ़ में प्रशासक के सलाहकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
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