Edited By Kamini,Updated: 30 May, 2025 12:10 PM

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट सेफ वाहन पॉलिसी सड़कों पर दौड़ती स्कूली बसों के लिए नियम बनाए हैं, ताकि स्कूलों में पढ़ते विद्यार्थियों की जिंदगी सुरक्षित रह सके।
मोगा : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट सेफ वाहन पॉलिसी सड़कों पर दौड़ती स्कूली बसों के लिए नियम बनाए हैं, ताकि स्कूलों में पढ़ते विद्यार्थियों की जिंदगी सुरक्षित रह सके। परन्तु हैरानी की बात है कि ज्यादातर स्कूलों की खट्टारा बसें बगैर स्पीड लिमिट की परवाह किए सड़कों पर दौड़ती हैं तथा कई दफा हादसों का शिकार होने के बाद अभी तक भी स्कूल प्रमुखों ने इन बसों की दिशा तथा दशा सुधारने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
कुछ दिन पहले नए तैनात हुए ट्रैफिक इंचार्ज इंस्पेक्टर हरजीत सिंह ने सेफ वाहन पॉलिसी के तहत नियमों की धज्जियां उड़ा रही स्कूली बसों पर बड़ी कार्रवाई करते इनके चालान काटे हैं। इंचार्ज हरजीत सिंह ने बताया कि 6 स्कूली बसों के 14 चालान काटे गए हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादा स्कूलों की बसों की हालत इतनी खराब है कि इनमें किसी तरह बच्चे सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने बताया कि स्कूली ड्राइवर को यह हिदायत की गई है कि सभी स्कूलों में जून महीने गर्मियों की छुट्टियां हैं। इन छुट्टियों दौरान सेफ वाहन पॉलिसी के सभी नियमों की इन-बिन पालना यकीनी बनाई जाए, ताकि 1 जुलाई तक सारे स्कूलों की बसें ठीक हों। उन्होंने कहा कि यदि एक महीने दौरान ही स्कूली बसों के ड्राइवरों ने नियमों की पालना यकीनी न बनाई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह हैं सेफ वाहन पालिसी के तहत जरूरी नियम
सारी स्कूली बसों का रंग पीला चाहिए। स्कूली बस के ड्राइवर को वर्दी पहननी लाजमी है तथा साथ एक महिला एटडिट भी जरूरी है। स्कूली बस के अंदर कैमरे, फर्स्टएड किट्ट तथा पीने के लिए पानी चाहिए। स्कूली बस के ड्राइवर को स्पीड लिमिट की परवाह किए बगैर गाड़ी नहीं चलानी चाहिए।
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