पंजाब के किसानों पर अचानक आई बड़ी मुसीबत! पानी में डूबी फसलें

Edited By Kalash,Updated: 03 Aug, 2025 03:56 PM

rising water level of river

पिछले कुछ दिनों से पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के कारण ब्यास नदी में आए भारी पानी ने कई जगहों पर सैकड़ो एकड़ धान की फसल को जलमग्न कर दिया है।

सुल्तानपुर लोधी (धीर): पिछले कुछ दिनों से पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के कारण ब्यास नदी में आए भारी पानी ने कई जगहों पर सैकड़ो एकड़ धान की फसल को जलमग्न कर दिया है। कई जगहों पर अस्थायी तटबंधों को खतरा पैदा हो गया है। मंड क्षेत्र के प्रमुख किसान नेता कुलदीप सिंह सांगरा ने बताया कि मंड मुबारकपुर के पास अस्थायी तटबंध को बड़ा खतरा है। मंड निवासी सुबह से ही अस्थायी तटबंध पर मिट्टी डाल रहे हैं। मंड बाऊपुर से मुबारकपुर तक बना अस्थायी तटबंध कभी भी टूट सकता है। जिससे हजारों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो सकती है।

अस्थायी तटबंध से नदी की तरफ की लगभग पूरी धान की फसल जलमग्न हो गई है। सुबह से ही ब्यास नदी में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इस मौके पर मंड क्षेत्र के नेता अमर सिंह मंड ने कहा कि जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और हालात 2023 जैसे बन रहे हैं। अभी तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी या राजनीतिक नेता उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा है और मंड क्षेत्र के किसान खुद ही अस्थायी तटबंध पर मिट्टी डाल रहे हैं। मंड क्षेत्र के किसानों ने बताया कि प्रतापपुरा, खिजरपुर, शेरपुर डोगरां, महींवाल, मंड धुंदा आदि गांवों में धान की फसल भी जलमग्न हो गई है और स्थिति गंभीर बनी हुई है।

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इस मौके पर किसान नेता परमजीत सिंह बाऊपुर ने कहा कि मंड बाऊपुर के पास ब्यास नदी में करीब 60 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है, जबकि हरिके हैड से आगे बहुत कम पानी छोड़ा जा रहा है। आहली कलां, आहली खुर्द, बूले आदि गांवों के किसान रशपाल सिंह संधू, सेवक सिंह आहली खुर्द, तरलोचन सिंह उप्पल, गुरसेवक सिंह बलोरिया, सतनाम सिंह, भिंदर सिंह, सरबजीत सिंह आदि ने पानी की खतरनाक स्थिति को देखकर आज फिर हरिके हैड का दौरा किया।

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प्रैस को जानकारी देते हुए किसान नेता रशपाल सिंह संधू ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से हरिके हैड पर भी स्थिति काफी खराब है। पहाड़ी क्षेत्रों व कंडी क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण पौंग डैम से छोड़े गए पानी से ब्यास नदी में पानी की स्थिति खराब हो गई है। पानी निचले खेतों की ओर बहने लगा है।

वर्तमान स्थिति के अनुसार, ढिलवां हेड पर अभी 74623 क्यूसेक पानी है। पौंग डैम का प्रवाह 199568 क्यूसेक और ओवरफ्लो 12,754 क्यूसेक है। पिछले दिनों हरिके हैड से हमारे द्वारा खोले गए गेटों को डैम अधिकारियों द्वारा बंद कर दिया गया है, जिससे ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया है और मंड क्षेत्र बाढ़ की चपेट में है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि हरिके हेड वर्क्स से जल्द पानी छोड़ा जाए ताकि किसानों को राहत मिल सके और उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि स्थिति को देखते हुए मंड क्षेत्र के लोगों के लिए जल्द ही उचित व्यवस्था की जाए।

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