Edited By Vatika,Updated: 08 Dec, 2025 04:03 PM

पठानकोट-जोगिंदर नगर ट्रैक पर जल्द चलेंगी ट्रेनें, सातों फाटक बंद पर जाम को लेकर शहरी मायूस
पठानकोट(शारदा): करीब 40 महीनों बाद चक्की पुल बनकर तैयार है, जिस पर अंतिम चरण में रेलवे ट्रैक की साफ-सफाई व अन्य व्यवस्थाओं को सुचारू करने के कार्य तेजी से जारी है। रेलवे ट्रैक को सुचारू बनाने के लिए कर्मचारी रात-दिन एक कर रहे हैं, जिससे ट्रेने चलने पर कोई दिक्कत न आए। ऐसे में पठानकोट-जोगिंदर नगर ट्रैक पर जल्द ट्रेनें चलेंगी, तब सातों फाटक बंद होने पर जाम को लेकर शहरी मायूस हैं।
हालांकि यह खबर हिमाचल के लोगों व वहां के कारोबारियों के राहत लेकर आई है पर पठानकोट के लोग चिंता में हैं, क्योंकि जब शहर से नैरोगज ट्रेन गुजरती है तो मार्ग में आने वाले सातों रेलवे फाटक एक ही समय में बंद हो जाते हैं, जिससे शहर का लगभग पूरा ट्रैफिक ठप्प हो जाता है और लोगों को लंबी लाइनों के जाम में फंसकर उनके खुलने की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। गौर हो कि सिगनल की व्यवस्था ऐसी है कि ट्रेन गुजरने पर सभी फाटक एकसाथ बंद होते और ट्रेन के सातों फाटक क्राॅस करने तक बंद रहते हैं। रेलवे इसके लिए स्पैशल पर्मीशन मांग रहा है कि फाटक कम समय के लिए बंद हों। जिस फाटक से ट्रेन निकले तो वह फाटक चाबी लगाकर खोल लिया जाए। इस तरह लोगों का काफी समय बर्बाद होने से बचेगा। ज्ञात हो कि अगस्त 2022 में चक्की पुल बहने के बाद ट्रैक बंद पड़ा हुआ था, जिसके चलते शहर में यातायात अपेक्षाकृत सुचारू था। अब ट्रेनें शुरू होने पर जाम की पुरानी समस्या लौटने की आशंका है, क्योंकि इस समस्या का समाधान न तो ओवरब्रिज की व्यवस्था कर या अंडापास बनाकर किया गया है। चक्की पुल को अब ब्रॉडगेज मानकों के अनुरूप तैयार किया गया है, जिससे भविष्य में नैरोगेज को ब्रॉडगेज में बदलने की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके। रेल अधिकारियों के अनुसार इस पुल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि आगे चलकर इसे फिर से बनाने की जरूरत न पड़े। यह पुल 164 किलोमीटर लंबे महत्वपूर्ण नैरोगेज रेल मार्ग पर सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण स्ट्रक्चर है।
पुल के तैयार होते ही रेलवे ने पठानकोट क्षेत्र में ट्रैक की गहन मैटेनैंस शुरू कर दी है। रेल अधिकारियों ने बताया कि इसी महीने चीफ कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सी.आर.एस.) पुल और ट्रैक का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण के बाद यदि सबकुछ सही पाया गया तो ट्रेनों के संचालन की सेवाओं को फिर से बहाल कर दिया जाएगा। पठानकोट से कांगड़ा और जोगिंदर नगर तक नैरोगेज रेल मार्ग पर ट्रेनों के संचालन से शहर में ट्रैफिक दबाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इस रेल मार्ग पर सामान्य दिनों में 14 अप और डाऊन ट्रेनें चलती हैं, जिससे कई प्रमुख रेलवे फाटक बार-बार बंद होंगे और शहरवासियों को जाम की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, रेलवे विभाग इस समस्या से निपटने के लिए उपायों पर विचार कर रहा है। पठानकोट से कांगड़ा जाने वाली नैरोगेज ट्रेनें अगस्त 2022 में चक्की पुल के बहने के बाद से बंद थीं। इस वजह से यात्रियों को अन्य मार्गों से हिमाचल घाटी तक यात्रा करनी पड़ती थी, जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। भारी मानसूनी बारिश और भूस्खलन के कारण पुल का पिल्लर तेज बहाव में बह गया था, जिससे यह मार्ग असुरक्षित हो गया था। अब, नया पुल बनने पर फिर से ट्रेनें शुरू होने की संभावना है।
स्थानीय लोगों को सुविधा व पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
नैरोगेज रेल मार्ग की बहाली से कांगड़ा घाटी और जोगिंदर नगर के बीच यातायात का प्रमुख साधन वापस मिलेगा। रेल मार्ग के पूरा होने के बाद अब कांगड़ा और जोगिंदर नगर के बीच ट्रेनों की सेवाएं फिर से बहाल हो जाएंगी। सीनियर डी.सी.एम. उचित सिंघल ने कहा कि ट्रेनों के संचालन से न केवल स्थानीय निवासियों को परिवहन की सुविधा मिलेगी, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। रेलवे ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि ट्रेन की समय-सारिणी की जांच करके यात्रा करें, ताकि यात्रा में असुविधा न हो।
नया पुल बनने से फिर से होगा नैरोगेज ट्रेनों का संचालन
नया पुल के बनने से नैरोगेज ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू होने जा रहा है। पहले बैजनाथ पपरौला रेलवे स्टेशन से कांगड़ा और जोगिंदर नगर तक ट्रेनों का संचालन होता था, जो मानसूनी वर्षा और भूस्खलन के कारण बंद कर दिया गया था। अब इस मार्ग के पूरा होने के बाद कांगड़ा घाटी में नैरोगेज ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू हो सकेगा, जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी और क्षेत्र में यातायात की सुविधा बेहतर होगी। चक्की पुल की बहाली और ट्रैक की मरम्मत से न केवल कांगड़ा घाटी के स्थानीय निवासियों को राहत मिलेगी, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। रेलवे विभाग इस काम को जल्द पूरा कर रहा है और उम्मीद कि सी.आर.एस. के निरीक्षण के बाद ट्रेन सेवाएं फिर से बहाल हो जाएंगी।