Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jul, 2017 01:29 AM

एकाएक सतलुज नदी में गाद व पानी की मात्रा बढऩे से रामपुर एवं किन्नौर में मौजूद ज...
रामपुर बुशहर(नोगल): एकाएक सतलुज नदी में गाद व पानी की मात्रा बढऩे से रामपुर एवं किन्नौर में मौजूद जल विद्युत परियोजनाओं में बिजली उत्पादन बंद हो गया है। ऐसे में पूरे उत्तरी भारत में बिजली का संकट गहरा गया है। एक हजार मैगावाट करछम-वांगतू, 1500 मैगावाट नाथपा झाखड़ी जल विद्युत परियोजना व 412 मैगावाट रामपुर जल विद्युत परियोजना में बिजली का उत्पादन प्रात:काल से ही बंद हो गया है। इससे पूरे उत्तरी भारत में बिजली का संकट गहरा गया है। एस.जे.वी.एन. परियोजनाओं में बिजली की आपूॢत भी ठप्प हो गई है, वहीं सतलुज का जल स्तर भी बढ़ गया है।
जानकारी के अनुसार सतलुज नदी में पानी की मात्रा 1200 क्यूसिक मापी गई है जो कि काफी अधिक है। बीते दिनों सतलुज नदी में पानी की मात्रा 600 क्यूसिक थी। इसके अलावा गाद की मात्रा भी 26 हजार पी.पी.एम. तक पहुंच गई है।प्रात:काल में ही परियोजना के प्रबंधकों को जिला किन्नौर की करछम-वांगतू परियोजना में गाद की मात्रा बढऩे पर फाटक खोलने की सूचना मिली थी। इसके बाद तुरंत ही परियोजना के फाटक खोल दिए और बिजली उत्पादन बंद कर दिया गया। इससे नाथपा झाखड़ी बिजली का उत्पादन पूरी तरह से बंद हो गया है।
नाथपा झाखड़ी में गाद की मात्रा एकाएक बढऩे से कई बार परियोजना के टर्बाइनों को भारी नुक्सान होता है। परियोजना के डैम से गाद को निकालने में करीब 24 घंटे लग जाते हैं। नाथपा-झाखड़ी जल विद्युत परियोजना से देश के 9 राज्यों को बिजली की आपूॢत की जाती है। इनमें पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराख्ंाड, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश भी शामिल हैं।