जानलेवा नहीं रहेगी अब Rabies की बीमारी, जानिए कैसे?

Edited By Tania pathak,Updated: 12 Feb, 2021 02:41 PM

rabies disease will no longer be fatal know how

रेबीज़ कुत्तों के काटने से होने वाली गंभीर बीमारी है। रेबीज के कारण हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवा देते हैं।

अमृतसर (दलजीत शर्मा, खुशबू):  न्यूरोट्रोपिक लाइसिसिवर्स....नाम तो सुना ही होगा ? नहीं सुना ? तो चलिए थोड़ा आसान कर देते हैं। हम बात कर रहे हैं  रेबीज़ की और बहुत से लोग हैं जिनका इससे सामना भी हुआ होगा। रेबीज़ कुत्तों के काटने से होने वाली गंभीर बीमारी है। रेबीज के कारण हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवा देते हैं। जिसके बारे में किसी भी तरह की कोई जनकारी उपलब्ध नहीं हैं लेकिन अब रेबीज रोग के कारण जाने वाली कीमती जानों को बचाया जा सकेगा। जी हां, हाल ही में केंद्र सरकार ने पंजाब के प्रमुख मेडिकल शिक्षा तथा खोज विभाग के अधीन चलने वाले सरकारी मेडिकल कॉलेज में न्यूरोट्रोपिक लाइसिसिवर्स यानी रेबीज वायरस पर रिसर्च, उपचार एवं एंटी बाडी निर्माण के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी है। यहां रेबीज से लड़ने के लिए मानवीय शरीर में एंटी बाडी यानी रोग प्रतिरोधी क्षमता भी तैयार की जाएगी।

जिले अनुसार  आंकड़ों में, लगभग 15,000 मामलों में लुधियाना सबसे अधिक प्रभावित है। इसके बाद पटियाला और जालंधर में लगभग 10,000 मामले और फिर होशियारपुर में 9,000 से अधिक मामले हैं। वहीं 2018 में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एंटी-रेबीज वैक्सीन के लगभग 2 लाख यूनिट प्रदान किए गए थे। सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कुल कुत्तों की आबादी 4.70 लाख है और उनमें से 3.05 लाख आवारा कुत्ते हैं।

केंद्र सरकार ने मेडिकल कालेज में रेबीज डायनामिक प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए 24.50 लाख रुपये जारी कर दिए हैं। यह उत्तर भारत की पहली प्रयोगशाला होगी जहां मानवीय शरीर पर रेबीज की जांच एवं उपचार किया जाएगा। इससे पूर्व गुरु अंगद देव वैटरनिटी यूनिवर्सिटी में प्रयोगशाला है, पर वहां पशुओं में रेबीज की जांच की जाती है। इस प्रयोगशाला में मानवीय शरीर पर रेबीज की भयावता का आकलन किया जाएगा। यह प्रयोगशाला मेडिकल कालेज में स्थापित वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब में बनाई जाएगी। वायरल लैब में कोरोना सहित स्वाइन फ्लू वायरसों की जांच की जाती है। रेबीज डायनामिक प्रयोगशाला में बायो सेफ्टी कैबिनेट, एलाइजा रीडर, वॉशर, डीप फ्रीजर व फ्लोरेंट माइक्रोस्कोप सहित कई अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण इंस्टाल किए जाएंगे।

बता दें रेबीज एक ऐसा रोग है जो इंसान को ताउम्र के लिए दिव्यांग बना सकता है या मौत के द्वार तक पहुंचा देता है। अब तक उत्तर भारत में रेबीज को डायग्नोस करने के लिए कोई प्रयोगशाला अथवा जरिया नहीं था। रेबीज के शिकार इंसान की मौत को स्वाभाविक ही माना जाता रहा है। यही वजह है कि इस रोग का कोई डाटा नहीं है। आवारा जानवर का शिकार बना मरीज जब सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने जाएगा तो संबंधित डाक्टर इसकी जानकारी डायनामिक प्रयोगशाला के इंचार्ज को देगा। मरीज को प्रयोगशाला मे भेजा जाएगा। यहां मरीज की जांच की जाएगी कि कुत्ते के काटने से वह रेबीज का शिकार तो नहीं हो गया। यदि ऐसा है तो मरीज के शरीर में रेबीज से लड़ने की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए इंजेक्शन लगाए जाएंगे। दस से पंद्रह दिन बाद यह जांच की जाएगी कि मरीज के शरीर में प्रतिरोधी क्षमता विकसित हुई अथवा नहीं। यदि नहीं तो इस पर भी विस्तृत शोध के बाद पुन: इंजेक्शन लगाया जाएगा।

यहां रेबीज से लड़ने के लिए मानवीय शरीर में एंटी बाडी यानी रोग प्रतिरोधी क्षमता भी तैयार की जाएगी।  सरकार ने देश भर में चार प्रयोगशालाएं बनाने की स्वीकृति दी है। इनमें अमृतसर के अतिरिक्त एक कर्नाटक व दो अन्य दक्षिण भारत के लिए हैं।
जानकारी अनुसार रेबीज रोग से पंजाब सहित उत्तर भारत में प्रतिवर्ष हजारों जानें चली जाती हैं। सरकार द्वारा आवारा कुत्तों पर नियत्रंण पाने का काफी प्रयास किया जा रहा है लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नज़र नहीं आ रहा है। इससे भी बड़ी त्रासदी अब तक यह रही कि रेबीज से होने वाली मौतों का डाटा तैयार करने में सरकार पूरी तरह नाकाम रही। 

पिछले साल जुलाई में, राज्य में आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चेयरमैन शिप ऑफ एडिशनल चीफ सेक्रेटरी  (हेल्थ) की अध्यक्षता में एक टीम  का गठन किया था। वहीं हम अगर इससे पिछले चार वर्षों के आंकड़ों पर एक नज़र मारे तो पता चलता है कि मामलों में निरंतर वृद्धि हो रही है। पिछले साल, राज्य के सरकारी अस्पतालों ने 1.35 लाख डॉग-बाइट पीड़ितों का इलाज किया, जो 2018 की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि है। 2016 में, 1.10 लाख मामलों की रिपोर्ट की गई थी, 2017 में यह संख्या 1.12 लाख थी, और 2018 में, 1.13 लाख। आंकड़ों को मिलाकर पिछले चार वर्षों में सिर्फ सरकारी अस्पतालों में कुत्ते के काटने के 4.7 लाख से अधिक मामले सामने आए।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!