पंजाबियों, अब मकान बनाना हुआ महंगा! केंद्र सरकार के इस ऐलान से लोगों में रोष

Edited By Vatika,Updated: 22 Sep, 2025 09:09 AM

punjabis now the house is expensive

एकतरफ जहां केन्द्र सरकार की तरफ से जरुरी वस्तुओं को जी.एस.टी. हटाए जाने

अमृतसर(नीरज): एकतरफ जहां केन्द्र सरकार की तरफ से जरुरी वस्तुओं को जी.एस.टी. हटाए जाने व कम किए जाने से जनता खुश है कि कि जरुरी वस्तुएंं अब सस्ती हो जाएंगी, वहीं दूसरी तरफ इंसान की सबसे जरुरी तीन वस्तुओं जिसमें रोटी कपड़ा और मकान यानि मकान बनाना फिर से महंगा हो गया है। मौजूदा समय में जो युग चल रहा है, उसमें लाल ईंटों से घर बनाया जाता है और लाल ईंटें ईंट भट्ठों में बनाई जाती हैं, लेकिन केन्द्र सरकार ने इस बार भी ईंट-भट्ठों को नजरांदाज कर दिया है, जिससे पूरे देश में ईंट भट्ठा व्यापारियों में रोष पाया जा रहा है। इस मामले में अखिल भारतीय ईंट व टाइल निर्माता महासंघ ने सरकार से कर राहत और कंपोजीशन स्कीम बहाल करने की मांग की है और न किए जाने पर पूरे देश में रोष प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया है।

क्या है मामला
वर्ष
 2017 में जी.एस.टी. कौंसिल की तरफ से लाल ईंट निर्माताओं पर लागू कंपोजीशन स्कीम को मार्च 2022 से समाप्त करके 1 प्रतिशत के स्थान पर 6 प्रतिशत व आई.टी.सी. लेने पर 5 प्रतिशत के स्थान पर 12 प्रतिशत कर दर लागू कर दी। ईंट कारोबार पर 12 प्रतिशत जी.एस.टी. दर लागू रहने व कोयले पर 18 प्रतिशत दर किए जाने से यह मामला और ज्यादा गंभीर हो चुका है। अखिल भारतीय ईंट महासंघ कंपोजीशन स्कीम खत्म होने के बाद से लगातार कर दरों में कमी की मांग कर रहा है। जी.एस.टी. कौंसिल की 56वीं बैठक में भी यह मुद्दा उठाया गया था, लेकिन कोई राहत नहीं दी गई इसकी तुलना में सीमैंट पर टैक्स की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गई। महासंघ के अनुसार ईंट-भट्ठा उद्योग में 3 करीब लोग जुड़े हुए हैं, जिसमें व्यापारियों से लेकर लाखों की संख्या में लेबर है, लेकिन सरकार इस उद्योग को खत्म करने पर तुली हुई है।

3 हजार भट्ठों में सिर्फ 1800 भट्ठे बचे
ब्रिकस
 क्लिन एसोसिएशन के अमृतसर जिला प्रधान एव समाज सेवी मुकेश नंदा ने बताया कि पंजाब में 3 हजार से ज्यादा ईंट-भट्ठे थे, लेकिन केन्द्र व राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण 60 प्रतिशत भट्ठे बंद हो चुके हैं। इस समय 1800 के करीब भट्ठे चल रहे हैं, लेकिन वह भी बंद होने की कगार पर खड़े हैं। अब ऊपर से सरकार ने जो कोयले पर 18 प्रतिशत टैक्स लगा दिया है, उससे ईंट-भट्ठा उद्योग व ज्यादा संकट में आ गया है।

राजस्थान से भी हो रही ईंटों की सप्लाई
राजस्थान 
से भी पंजाब में ईंटों की सप्लाई हो रही है, जिससे टैक्स चोरी तो होती ही है, वहीं पंजाब में बनी ईंटों की बिक्री पर भी असर पड़ता है और सरकार के रैवेन्यू का भी नुक्सान होता है। कई बार ब्रिकस क्लिन एसोसिएशन की तरफ से राजस्थान से आई ईंटों के ट्रक पकड़े जा चुके हैं, लेकिन सरकार की तरफ से इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया जाता है।

माइनिंग विभाग की भी पहलवानी एंट्री
ईंट
-भट्ठों के मामलों में पिछले कुछ महीनों से माइनिंग विभाग की भी पहलवानी एंट्री हो चुकी है। ईंट भट्ठा मालिकों को कई वर्षों के मिट्टी व अन्य के रॉयल्टी जमा करवाने के लिए धमकाया जा रहा है, जबकि इस प्रकार के टैक्स संबंधी हर वर्ष नोटिस जारी किए जाने चाहिए। विभाग में तैनात कुछ भ्रष्ट अफसर व्यापारियों को धमका रहे हैं, जिनके खिलाफ जल्द ही एक्शन लेने की तैयारी है।

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