2019: खालिस्तानी संगठनों के निशाने पर रहा पंजाब, डेढ़ दर्जन से ज्यादा आतंकी किए गिरफ्तार

Edited By Vatika,Updated: 30 Dec, 2019 01:42 PM

punjab targeted by khalistani organizations

रैफरेंडम 2020 कैप्टन और मोदी सरकार के लिए चुनौती

-19 खत्म अब 20 का फेर
-आतंक और पंजाब 
-खालिस्तानी संगठनों के निशाने पर रहा पंजाब, डेढ़ दर्जन से ज्यादा आतंकी किए गिरफ्तार
-रैफरेंडम 2020 कैप्टन और मोदी सरकार के लिए चुनौती  
-पुलवामा हमले का आरोपी भी बठिंडा में किया था काबू


जालंधर (सूरज ठाकुर): साल 2019 में पंजाब तीन खालिस्तानी संगठनों बब्बर खालासा इंटरनैशनल (बे.के.आई.), खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) और खालिस्तान जिंदा फोर्स (केजीएफ) के निशाने पर रहा है। पुलिस ने इन संगठनों के डेढ़ दर्जन से ज्यादा आतंकी मॉड्यूल्स का पर्दाफाश किया है। साउथ एशिया टैररिज्म पोर्टल (एस.एटी.पी) के आंकडों के मुताबिक पंजाब में इस साल जनवरी से 12 नवंबर तक संदिग्ध और आतंकियों गतिविधियों को लेकर 35 लोगों को हिरासत में लिया गया था इनमें से 17 आतंकी उक्त तीन संगठनों से थे। एस.एटी.पी के जुटाए गए आंकड़े मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर तैयार किए गए हैं।  जबकि कैप्टन सरकार ने सितंबर माह में विधानसभा में 20 आतंकी मॉड्यूल्स का पर्दाफाश करने का दावा किया था। ऐसे में खालिस्तान समर्थकों का रैफरैंडम 2020 का ऐलान आने वाले साल में कैप्टन और केंद्र सरकार के लिए बड़ा चुनौतीपूर्ण होगा। इसके अलावा सूबे से एक बिहार के नक्सली और पुलवामा हमले के आरोपी को भी पंजाब पुलिस ने ही धर दबोचा था।

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कैमिकल विस्फोट करने वाला आतंकी गिरफ्तार
28 मार्च को काउंटर इंटेलिजेंस और पंजाब पुलिस ने जालंधर बस स्टैंड में हुए दो बम धमाकों के मामले में वांछित खालिस्तान कमांडो फोर्स व खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से जुड़े आतंकी अमरीक सिंह उर्फ मंगा पुत्र अछर सिंह को गिरफ्तार किया था। वह मूलरूप से गांव सरीह, जालंधर का रहने वाला है और पिछले कई साल से युगांडा में रह रहा था। अमरीक सिंह 2006 में बस स्टैंड पर बसों में केमिकल विस्फोट के दो मामलों में भगोड़ा था। धमाके पाकिस्तान में बैठे केजेएफ प्रमुख रणजीत सिंह नीटा और अमेरिका के बलविंदर सिंह पोसी ने करवाए थे। 

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आतंकियों के निशाने पर हिंदू नेता, यूरोप से था कनैक्शन    
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 31 मार्च को पंजाब के स्पेशल ऑपरेशन सेल ने मोहाली फेज-6 स्थित दारा स्टूडियो के पास से चार आतंकियों को गिरफ्तार किया था। वे यूरोप में बैठे अपने आका के हुक्म पर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। उनके निशाने पर हिंदू नेताओं के अलावा बेअदबी के आरोपी और डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी थे। आतंकियों की पहचान गुरप्रीत सिंह निवासी चंडीगढ़, करमजीत सिंह निवासी मोगा (पंजाब), लवप्रीत सिंह निवासी संगरूर (पंजाब), हरविंदर सिंह निवासी पंचकूला (हरियाणा), सुल्तान सिंह निवासी कुरुक्षेत्र (हरियाणा) के तौर पर हुई थी। उनके पास से हथियारों के अलावा बब्बर खालसा इंटरनेशनल के 15 लेटर पैड बरामद हुए थे। 

बब्बर खालसा के 4 आतंकी किए जेल में बंद
नवां शहर से 3 मई को पुलिस ने बब्बर खालसा इंटरनैशनल से जुड़े दो आतंकियों कौलगढ़ निवासी जसप्रीत सिंह और यूपी के जिला रामपुर के मोहम्मद शरीफ को गिरफ्तार किया था। मोहम्मद शरीफ  जसप्रीत के जरिये ही आतंकियों को पाकिस्तान से पैसे मुहैया करवा रहा था। इसके अलावा 30 मई को पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस विंग ने बब्बर खालसा के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक घल्लूघारा सप्ताह के दौरान आतंकी और सांप्रदायिक हमले की फिराक में थे।आरोपियों की पहचान जगदेव सिंह और रविंदरपाल सिंह के रूप में हुई थी।

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सिख कट्टरपंथी और पाकिस्तानी जासूस काबू
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमृतसर जिले में सिख कट्टरपंथी संगठन से संबंधित निशान सिंह को पुलिस ने 1 जून को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उसके कब्जे से .32 बोर की रिवाल्वर बरामद की थी। पंजाब पुलिस ने ही 30 जून को फरीदकोट में पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे 28 वर्षीय सुखविंदर सिंह सिद्धू उर्फ सुक्खा को गिरफ्तार किया था। वह पाक की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आई.एस.आई.) के लिए जासूसी कर रहा था और कथित रूप से धरमकोट इलाके से पाकिस्तान स्थित खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील सैन्य सूचना दे रहा था। वह पहले पाकिस्तान गया था और लाहौर में अपने हैंडलर्स जावीद मलिक और अली राजा से मिला था। उसने वहां पड़ोसी देश के खुफिया अधिकारियों से संपर्क किया था। वह टाउनशिप के सैन्य क्षेत्र में अपनी सफेद मारुति कार में घूमने के लिए उपयोग करता था।


तरनतारन ब्लास्ट: सुखबीर बादल को मारने की साजिश का खुलासा
पंजाब के तरनतारन जिले में गांव कलेर के पास खाली प्लॉट में हुए धमाके के बाद पुलिस ने 18 सिंतबर को 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों में दीनेवाल निवासी मनदीप सिंह, गांव पंडोरी गोला निवासी हरजीत सिंह हीरा, गांव बचड़े निवासी अमृतपाल सिंह, गांव मुरादपुर निवासी मनप्रीत सिंह, बटाला निवासी संदीप सिंह, मजीठा के गांव कोटगुर्जर निवासी मलकीत सिंह और फतेहगढ़ चूड़ियां के निवासी अमरजीत सिंह शामिल थे। ये लोग सार्वजनिक स्थान पर धमाका करने की फिराक में थे। 4 सितंबर की रात करीब साढ़े 12 बजे एक प्लाट में जोरदार धमाके में हरप्रीत सिंह हैप्पी निवासी बचड़े, विक्रमजीत सिंह विक्की निवासी कदगिल की मौत हो गई थी और गुरजंट सिंह गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने बड़ा खुलासा किया था कि मलकीत सिंह उर्फ शेरा और बिक्रम सिंह पंजवड़ उर्फ बिक्कर ने नवम्बर 2016 में पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को बम से उड़ाने की साजिश रची थी। 

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ड्रोन से पहुंचे हथियार, के.जी.एफ. के 4 सर्मथक गिरफ्तार
पाकिस्तान और जर्मनी आधारित ग्रुपों के समर्थन से खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स को दोबारा जीवित करने की कोशिश में लगे चार आरोपियों को भारी मात्रा में हथियारों के साथ पंजाब पुलिस ने  22 सितंबर को धर दबोचा था। इनसे पांच एके 47, 16 मैगजीन, 472 गोली सिक्का, चार चीन की बनी .30 पिस्टल, आठ मैगजीन और 72 गोली सिक्का, नौ हैंड ग्रेनेड, पांच सैटेलाइट फोन, दो मोबाइल फोन, दो वायरलेस सेट और दस लाख रुपये की भारतीय करंसी बरामद की गई थी। यह हथियार सरहद पार से ड्रोन के जरिए भेजे गए थे। आतंकियों की पहचान बलवंत सिंह बाबा उर्फ निहंग, आकाशदीप सिंह उर्फ आकाश रंधावा, हरभजन सिंह और बलबीर सिंह के रूप में हुई थी। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों और साजिशों को देखते हुए केस एनआईए के सौंप दिया था। यह गिरोह खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के प्रमुख रणजीत सिंह नीटा और उसके जर्मन सहयोगी गुरमीत सिंह बग्गा उर्फ डॉक्टर द्वारा चलाया जा रहा था। 

लुधियाना में छिपा था बिहारी नक्सली 
इस साल 10 जनवरी को बिहार में नक्सलवादियों के साथ मिलकर वारदातें करने वाले किडनैपिंग केस में नामजद एक आरोपी को सीआईए-1 की टीम ने लुधियाना से गिरफ्तार किया था। आरोपी ने बिहार में एक व्यक्ति को किडनैप करने के बाद था।  आरोपी मेहरबान में छिपकर रह रहा था। आरोपी की पहचान बिहार के जिला समस्तीपुर के गांव चंदो पटी रुदोली के पंकज कुमार के रूप में हुई थी। आरोपी ने पहले भी बिहार में नक्सलवादियों के साथ मिलकर कई वारदातों को अंजाम दिया था। 


पुलवामा ब्लास्ट का आरोपी बठिंडा में धरा
देश को हिलाने वाले पुलवामा हमले में वांछित आतंकवादी बठिंडा की केंद्रीय यूनिवर्सिटी से 23 अप्रैल को हिलाल अहमद मिंटू  गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उसे क्लास रूम से ही गिरफ्तार कर लिया था। वह यूनिवर्सिटी में पिछले दो वर्ष से पढ़ाई कर रहा था। गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को सी.आर.पी. की एक काफिला जम्मू-श्रीनगर नैश्नल हाईवे पर जा रहा था इसी दौरान पुलवामा में एक आंतकवादी जत्थेबंदी ने किसी अन्य वाहन की मदद से आत्मघाती हमला किया, जिसमें हमलावरों के मारे जाने के अलावा 40 सी.आर.पी. जवान भी शहीद हो गए थे।

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जैश-ए-मोहम्मद की रेलवे और धार्मिक स्थलों को उड़ाने की धमकी
18 अप्रैल को खुलासा हुआ था कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जे.एम) ने पंजाब और राजस्थान में रेलवे स्टेशनों को निशाना बनाने की धमकी दी थी। जेएम ने एक पत्र भेज कर फिरोजपुर छावनी, बठिंडा , अमृतसर,  पटियाला, जालंधर सहित कई रेलवे स्टेशनों पर बमबारी की चेतावनी दी थी। इसके बाद 8 अक्टूबर को फगवाड़ा और फिरोजपुर में बम धमाके करने की धमकी दी। पत्र में यह दावा किया गया था कि जेएम कई धार्मिक स्थलों जैसे कि भटिंडा में दमदमा साहिब, जालंधर में देवी तालाब मंदिर, पटियाला में काली माता मंदिर और 28 अक्टूबर को अमृतसर में स्वर्ण मंदिर को बम से उड़ा दिया जाएगा। 

ड्रग्स माफिया का तांडव भी रहा जारी, नमक के बोरों में पाक से आई 532 किग्रा हैराइन 
सीमा शुल्क विभाग ने 30 जून को पाकिस्‍तान से ट्रक के जरिए व्यापार मार्ग से तस्करी कर लाई जा रही 532 किलोग्राम संदिग्ध हैरोइन अटारी सीमा पर बरामद की थी। अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 2,700 करोड़ रुपये बताई गई। भारतीय सीमाशुल्क के इतिहास में यह अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी बताई जाती है। नमक के 15 बोरों की की जांच में उनमें 532 किलोग्राम हेरोइन और 52 किलोग्राम मिश्रित मादक पदार्थ पाया गया था। यह ट्रक पाकिस्तान से एकीकृत जांच चौकी (आईसीपी) से अटारी पहुंचा था। साल भर पंजाब के अलग अलग हिस्‍सों में हैरोइन समेत अनेक प्रकार के ड्रग्‍स बरामद किए जा चुके हैं। भारत पाकिस्‍तान अंतरराष्‍ट्रीय सीमा से भी कई बार सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने हेरोइन के पैकेट बरामद किए हैं। सीमा के दूसरी ओर से मादक पदार्थ के पैकेट फेंके जाते रहे हैं।

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ड्रग्स की ओवरडोज से 78 युवकों की मौत
पंजाब में बीते कई सालों से ड्रग्स रैकेट की चेन को तोडने के लिए सरकार हाथ-पांव मार रही है जबकि हालात इस साल भी पूरी तरह से काबू में नहीं रहे। मीडिया के मुताबिक पंजाब सरकार की फॉरेंसिक लैब की अगस्त माह की रिपोर्ट के मुताबिक  23 महीनों में ड्रग्स की ओवरडोज से 78 युवकों की मौत हो चुकी थी। इनकी विसरा रिपोर्ट में पाया गया कि इनकी मौत मार्फिन के ओवरडोज इंजैक्शन से हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि हैरोइन और चिट्टे के रैकेट की चेन तोडने में सरकार जहां थोड़ी-बहुत सफलता हासिल कर रही है, वहीं इसकी जगह मार्फिन ने लेनी शुरू कर दी है। मार्फिन फार्मा इंडस्ट्री का प्रोडक्ट है जो सरकार के लिए फिर से एक नई सिरदर्दी है।  

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