Edited By Vatika,Updated: 19 Jul, 2025 12:48 PM

घर में रोजाना तीनों मामा मिलकर शराब पीकर उसकी मां को मारते थे। पिछले 5 दिन से रोजाना स्कूल छोड़कर 9वीं क्लास में
फिल्लौर(भाखड़ी) : घर में रोजाना तीनों मामा मिलकर शराब पीकर उसकी मां को मारते थे। पिछले 5 दिन से रोजाना स्कूल छोड़कर 9वीं क्लास में पढ़ने वाला बच्चा इंसाफ लेने के लिए अपनी मां के साथ घंटों पुलिस थाने बैठा रहता। स्कूल का होमवर्क न कर पाने के कारण अध्यापिका ने फटकार लगाई तो छात्र ने स्कूल की छत पर जाकर खुदकुशी करने के लिए छलांग लगा दी। बाल-बाल जान जाते बची जिसे इलाज के लिए स्थानीय प्राइवेट अस्पताल में दाखिल करवाया। बच्चे की दोनों टांगों में फ्रैक्चर बताए जाते हैं।
प्राप्त सूचना के अनुसार स्थानीय शहर के प्राइवेट हस्पताल में दाखिल 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र रणवीर सिंह 15 की माता सोनिया ने बताया कि उसकी शादी वर्ष 2009 में हरनेक सिंह वासी बलाचौर से हुई। शादी के एक वर्ष बाद उसके घर बेटे ने जन्म लिया। बेटे का जन्म होने के बाद उसका पति से झगड़ा रहने लग पड़ा। पति से दुखी होकर वह बेटे के साथ अपने मायके घर फिल्लौर लौट आई, जहां पहले तो सब कुछ ठीक चलता रहा। माता-पिता की मौत के बाद उसके तीनों सगे भाई ही उसके और उसके बेटे के दुश्मन बन गए।
वह रोजाना शराब पीकर उसे और उसके बच्चे को गालियां देते हुए घर से बाहर निकलने को कहते हैं। वह लोगों के घरों में काम कर अपने बेटे की परवरिश कर रही है, उसका बेटा स्थानीय प्राइवेट स्कूल में 9वीं कक्षा में पढ़ता है। पिछले कुछ दिनों से उसके भाई रोजाना रात्रि को शराब पीकर उसके साथ झगड़ा कर मारपीट भी कर रहे थे। उसने पुलिस कंट्रोल रूम से भी मदद मांगी और स्थानीय पुलिस के पास रोजाना अपने बेटे को साथ ले जाकर घंटों इंसाफ लेने के लिए बैठी रहती। इसी झगड़े के चलते उसका बेटा स्कूल का होमवर्क पूरा नहीं कर पाया।
गत दिवस प्रातः उसने अपने बेटे को तैयार कर स्कूल भेज दिया और वह खुद लोगों के घरों में काम करने चली गई। प्रातः 10 बजे उसे किसी ने आकर बताया कि उसके बेटे ने स्कूल की छत से छलांग लगा दी है जिसकी हालत नाजुक है। इस संबंध में जब आर्य समाज स्कूल की प्रिंसीपल मीनाक्षी शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि बच्चा रणवीर घर में रोजाना होने वाले झगड़े से पहले से ही बेहद दुखी था जिसके चलते वह अब अपना होमवर्क नहीं कर पा रहा था। इसी के चलते बच्चे ने यह खौफनाक कदम उठा लिया। बच्चे का इलाज का पूरा खर्च स्कूल मैनेजमैंट द्वारा करवाया जा रहा है। बच्चे के घर की हालत ठीक न होने के चलते इसकी पहले से ही फीस भी माफ की हुई है।