मानसून सत्र : राज्य में सिविल सेवाओं की भर्ती के लिए UPSC का पैमाना अपनाने का ऐलान

Edited By swetha,Updated: 05 Aug, 2019 01:04 PM

punjab monsoon session

अकाली दल का हंगामा

चंडीगढ़(शर्मा): पंजाब सरकार ने पंजाब सिविल सेवाओं (पी.सी.एस.) के चाहवानों के लिए परीक्षा में बैठने के मौकों की संख्या बढ़ाने के लिए यू.पी.एस.सी. का पैमाना अपनाने का फैसला किया है, जिसके अंतर्गत जनरल कैटागरी के लिए मौजूदा 4 से बढ़ाकर 6 मौके और पिछड़ी श्रेणियों के लिए 9 मौके, जबकि अनुसूचित जातियों की कैटागरी के विद्याॢथयों के लिए अनगिनत मौके शामिल हैं। 
केंद्रीय आयोग के नियमों के मुताबिक एस.सी. कैटागरी के लिए उम्र सीमा 42 साल होगी, जबकि जनरल कैटागरी और पिछड़ी श्रेणियों/अन्य पिछड़ी श्रेणियों के लिए उम्र सीमा क्रमवार 37 साल व 40 साल होगी। यह घोषणा सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल सत्र के दौरान मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने की। 

विधायक लखवीर सिंह लक्खा द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस संबंधी तबदीली लाने के लिए पिछले कुछ हफ्तों से काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मौजूदा पंजाब सिविल सेवाओं (संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के द्वारा नियुक्ति) नियमावली, 2009 के अनुसार पी.सी.एस. (कार्यकारी शाखा) में सभी श्रेणियों के लिए 4 मौके हैं। इसको लागू करने से पहले उपरोक्त परीक्षा में बैठने के लिए सभी श्रेणियों हेतु मौकों की कोई सीमा नहीं होती थी।

धान की रोपाई की तारीख में कोई बदलाव नहीं होगा 
‘आप’ विधायक कुलतार सिंह संधवा द्वारा पूछे गए प्रश्न कि क्या धान की रोपाई की तारीख 20 जून से घटाकर 1 जून करने का सरकार का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है, के जवाब में मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने इसे सिरे से नकारते हुए कहा कि इस साल धान की रोपाई की तारीख 13 जून प्रयोगात्मक आधार पर निर्धारित की गई थी और रोपाई के निर्धारित समय में तबदीली को स्थायी तौर पर निश्चित करने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है। 

किसने कौन सा मुद्दा उठाया 

  • अनुपूरक प्रश्न के रूप में विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने राजस्थान को दिए जा रहे पानी को पर रॉयल्टी वसूलने का मुद्दा उठाया।
  •  सदन की बैठक दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करते हुए ‘आप’ विधायक सरबजीत कौर माणुके ने पंजाब में आवारा कुत्तों मुद्दा उठाया गया। माणुके के प्रस्ताव पर पशु पालन मंत्री तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा  ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने इसके हल के लिए विशेष कदम उठाने का भरोसा दिया। 
  • आप’ विधायकों कुलतार सिंह संधवां, कुलवंत सिंह पंडोरी और अमन अरोड़ा ने गरीबों के लिए चलाई जा रही आटा-दाल स्कीम में सप्लाई की जा रही गेहूं की क्वालिटी का मुद्दा उठाया। खुराक एवं सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा कि ऐसी शिकायतें मिलने पर दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। 

खेल यूनिवर्सिटी की स्थापना व आबकारी एक्ट में संशोधन संबंधी बिल पास
पंजाब विधानसभा के मानसून सत्र के आज दूसरे दिन 2 महत्वपूर्ण बिल पास हुए हैं। इनमें पहला बिल महाराजा भूपिंदर सिंह पंजाब खेल यूनिवॢसटी की स्थापना संबंधी है जबकि दूसरा बिल आबकारी एक्ट में संशोधन संबंधी है। इन दोनों बिलों संबंधी ऑॢडनैंस पहले ही जारी हो चुके थे जो अब विधानसभा में बिल पास होने के बाद एक्ट का रूप लेंगे। ये दोनों बिल सत्ताधारी मैंबरों की सहमति से बिना बहस के पास हो गए जबकि विपक्षी पाॢटयों के मैंबर इस समय विभिन्न मुद्दों को लेकर सदन से वॉकआऊट करके बाहर जा चुके थे। आबकारी एक्ट में संशोधन संबंधी बिल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा पेश किया गया और इस बिल का उद्देश्य एक्साइज पॉलिसी 2019-20 तहत पंजाब एक्साइज एक्ट में संशोधन कर वेयरहाऊस को भी एक्साइज ड्यूटी के घेरे में लाना है जबकि पहले यह ड्यूटी सिर्फ डिस्टिलरीज व ब्रेवरीज पर ही लागू हुआ था।

महंगी बिजली और बेअदबी मुद्दे पर ‘आप’ का वॉकआऊट

पंजाब विधानसभा के मानसून सत्र दौरान मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने महंगी बिजली, बेअदबी मामले बारे बेनतीजा रही जांच और सदन में पेश किए जाने वाले बिल मैंबर विधायकों को रूल बुक नियम-कानून अनुसार पहले भेजने की बजाय बिल्कुल मौके पर दिए जाने के विरोध में नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में वॉकआऊट किया। हालांकि ‘आप’ विधायक कंवर संधू, पिरमल सिंह खालसा, जगदेव सिंह कमालू, नाजर सिंह मानशाहिया और जगतार सिंह जग्गा हिस्सोवाल ने साथ नहीं दिया। वॉकआऊट से पहले ‘आप’ विधायकों ने स्पीकर के समक्ष वैल में खड़े होकर नारेबाजी भी की।

मीडिया से बातचीत में चीमा और अरोड़ा ने कहा कि बेअदबी मामले पर अरोड़ा ने कहा कि 4 वर्ष में अलग-अलग एस.आई.टी., जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन समेत विभिन्न ज्यूडिशियल जांच और सी.बी.आई. की जांच दौरान अब तक क्या निचोड़ निकल कर सामने आया है, सरकार श्वेत पत्र जारी करे।  ‘आप’ नेताओं ने सदन के अंदर और बाहर मुद्दे पर विधानसभा के 2 दिवसीय विशेष सत्र की मांग रखी। अरोड़ा ने कहा कि राज्य में हद से ज्यादा महंगी बिजली और प्राइवेट थर्मल प्लांटों के साथ घातक बिजली खरीद समझौते (पी.पी.ए.) रद्द करने की मांग को लेकर ‘काम रोकू प्रस्ताव’ लाया गया था परंतु उसे भी स्पीकर ने स्वीकार नहीं किया इसलिए ‘आप’ ने रोष के तौर पर वॉकआऊट किया है। 


बेअदबी मामलों की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में करवाने से भाग रही सरकार 
 शिअद-भाजपा विधायकों ने विधानसभा में स्पीकर के सामने वैल में जाकर नारेबाजी की। करीब 20 मिनट के बाद विधायकों ने वॉकआऊट किया। शिअद-भाजपा विधायक स्पीकर की ओर से कार्यस्थगन प्रस्ताव को रद्द करने का विरोध कर रहे थे। यह प्रस्ताव बेअदबी के केसों की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में करवाने को लेकर था। विधायकों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार शिअद के स्थगन प्रस्ताव को बिना ठोस वजह खारिज कर बेअदबी मामलों की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में करवाने से भाग रही है। विधानसभा के बाहर शिअद विधायक दल के नेता परमिंदर सिंह ढींडसा और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर लोकतांत्रिक नियमों तथा संसदीय प्रक्रिया की धज्जियां उड़ाई गई हैं। शिअद अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव चरणजीत सिंह बराड़ द्वारा 2 घंटे डैडलाइन से पहले ही प्रस्ताव को स्पीकर कार्यालय में दाखिल करने के बावजूद स्पीकर राणा के.पी. ने रद्द कर दिया। 

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