पंजाब मानसून के बीच सख्त तैयारी में प्रशासन, 24x7 कंट्रोल रूम स्थापित

Edited By Vatika,Updated: 11 Jul, 2025 02:32 PM

punjab flood action

मानसून मौसम दौरान बाढ़ की संभावना के मद्देनज़र तैयारियों की

खन्ना: डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने मानसून मौसम दौरान बाढ़ की संभावना के मद्देनज़र तैयारियों की समीक्षा के लिए कई विभागों के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय मीटिंग का नेतृत्व किया। इस मीटिंग में अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर अमरजीत बैंस, शिखा भगत, कुलप्रीत सिंह, सभी उप मंडल मैजिस्ट्रेट, ड्रेनेज, नगर निगम, एन. डी. आर. एफ., पी. एस. पी. सी. एल., शिक्षा, लोक निर्माण, सेहत, ग्रामीण विकास और पंचायतों, कृषि, पशु पालन, जंगलात, जल सप्लाई और सेनिटेशन, पुलिस और अन्य सम्बन्धित एजैंसियाें के अधिकारी मौजूद थे।

डिप्टी कमिश्नर ने बाढ़ सुरक्षा कामों की विस्तार के साथ समीक्षा की, जिसमें बांधों, ड्रेनेज प्रणालियों और बाढ़ रुकावटों की स्थिति की जांच शामिल थी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पानी के पंप, जनरेटर, बचाव किश्तियों और अन्य ज़रूरी साजो-सामान कार्यशील होने चाहिएं और उनको बाढ़ संभावना वाले स्थानों पर तैनात किया जाए। उन्होंने बताया कि ज़िला और उप मंडल स्तर पर 24x7 कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं जो बाढ़ के साथ जुड़ी स्थितियों की निगरानी और उचित प्रतिक्रिया यकीनी बनाएंगे। बाढ़ के दौरान घरों से बेघर होने वाले नागरिकों के लिए अस्थायी आसरा केंद्र बनाने और उनमें भोजन, पीने वाले पानी, सैनिटेशन सहूलियतें और बिस्तरों की उपलब्धता यकीनी बनाने की भी हिदायत दी गई। डिप्टी कमिश्नर ने विभागों के बीच निर्विघ्न तालमेल पर ज़ोर देते नियमित अंतर- विभागीय ब्रीफिंगें और बाढ़ सम्बन्धित जोखिमों और उपायों की असली-समय अपडेट सांझी करने के निर्देश दिए।

इसलिए एक एकीकृत संचार प्रोटोकोल तैयार किया गया है, जिसके द्वारा एमरजैंसी दौरान जानकारी का सही और समय पर प्रवाह यकीनी बनाया जाएगा। उन्होंने एस. डी. एम्ज़ और अन्य विभागीय अधिकारियों को हिदायत दी कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की मौके पर जांच की जाए, जिससे ज़मीनी स्थिति के आधार पर ज़रूरी कदम उठाए जा सकें। सेहत विभाग को पानी के साथ जुड़ी बीमारियां और अन्य बाढ़ सम्बन्धित सेहत जोखिमों को ध्यान में रखते, मैडीकल टीमें, एंबूलैंसें, दवाएं, फर्स्ट- एड किटें और टीकों की उचित तैयारी यकीनी बनाने के निर्देश दिए गए। डिप्टी कमिश्नर ने ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन और आजीविका पर बाढ़ के प्रभाव को ध्यान में रखते, पशु पालन और कृषि विभागों को निर्देश दिया कि पशुओं की रक्षा के लिए निकासी योजनाएं बनाईं जाएं और राहत केन्द्रों में चारों की उपलब्धता यकीनी बनाई जाए। जल सप्लाई और सैनिटेशन विभाग को मौसम विज्ञान एजैंसियाें के साथ सहयोग करके मौसम की भविष्यवाणी प्राप्त करने और जोखिम वाले क्षेत्रों में निवासियों को एस. एम. एस., रेडियो और जनतक संबोधन के द्वारा तुरंत चेतावनियां जारी करने की हिदायत दी गई। पी. एस. पी. सी. एल. को बाढ़ दौरान बिजली प्रणाली की सुरक्षा यकीनी बनाने और अस्पतालों, कंट्रोल रूमों आदि जैसी ज़रूरी सहूलियतों के लिए बैकअप बिजली प्रबंध करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई। लोक निर्माण विभाग को हिदायत दी गई कि बाढ़ दौरान संपर्क बनाए रखने के लिए पुलों और सड़कों की जांच करके उनकी मज़बूती को यकीनी बनाया जाए। अंत में जल सप्लाई और सैनिटेशन विभाग को यह भी निर्देश दिया गया कि बाढ़ की स्थिति में निवासियों के लिए सुरक्षित और पीने योग्य पानी की लगातार उपलब्धता बनाई रखी जाए।

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