Edited By VANSH Sharma,Updated: 24 Aug, 2025 10:07 PM

लगातार बारिश के कारण जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी जनजीवन प्रभावित हो गया है।
बमियाल (हरजिंदर सिंह गोराया): लगातार बारिश के कारण जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी जनजीवन प्रभावित हो गया है। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अहम कस्बे बमियाल के पास बहने वाली जलालिया और उझ नदियां उफान पर हैं, जिससे लोगों में डर का माहौल है।
जलालिया नदी के पानी से मंगवाल के पास मुख्य सड़क का बड़ा हिस्सा बह गया और लगभग 40 फुट गहरा गड्ढा बन गया। इसके कारण सड़क पर आवाजाही रुक गई और मंगवाल से जुड़े लगभग 25 गांवों का पठानकोट और दीनानगर से संपर्क टूट गया।
भारी बारिश की वजह से बमियाल, मस्तपुर, रामकलवां, मनवाल, मंगवाल, काशी बरमा, जैतपुर, झडोली, ब्लॉक नारणोट, जैमल सिंह सहित बीएसएफ पोस्ट और कई गांवों में घर, खेत और सड़कें डूब गईं। 4-5 फुट पानी भर जाने से लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा और उनका सामान भी खराब हो गया। गांवों में पानी ऐसे बह रहा है जैसे कोई नदी बह रही हो, जिससे लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया।

स्थिति की जानकारी मिलते ही पंजाब के कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क अधिकारी और आप पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले नदियों का हाल देखा और फिर पैदल ही लोगों के घरों तक गए। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर वक्त उनके साथ खड़ी है।
मंत्री ने बाढ़ से हुए नुकसान का जायज़ा लिया और लोगों से हालचाल पूछा। पिंड न्याल में बारिश से गिरे घर के परिवार को आश्वासन दिया कि उन्हें जल्दी ही मुआवज़ा मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि जिन लोगों की ज़मीन या फसल डूब गई है, उनकी रिपोर्ट तुरंत तैयार की जाए ताकि उन्हें मुआवज़ा मिल सके। इस मौके पर बमियाल के सरपंच मुनीश गुप्ता (छोटू), ब्लॉक प्रधान सुरिंदर महाजन और कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

मंत्री ने कहा कि नदियों के उफान से सीमा क्षेत्र के कई गांव प्रभावित हुए हैं। खेत और फसलें बर्बाद हुई हैं, लेकिन राहत की बात है कि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। बीएसएफ और सेना के जवान कठिन हालात में भी डटे हुए हैं और लोगों की मदद कर रहे हैं।
लोगों ने उत्साह दिखाया क्योंकि मंत्री लाल चंद कटारूचक्क दूसरी बार खुद पैदल चलकर हाल जानने गांव पहुंचे। ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने कई सरकारें देखी हैं, लेकिन यह पहली बार है जब इतनी भयंकर स्थिति में कोई मंत्री दोबारा उनके हाल जानने आया है।
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