Edited By Subhash Kapoor,Updated: 27 Jul, 2025 08:42 PM

अमृतसर डेवलपमेंट अथॉरिटी पुडा के पूर्व अतिरिक्त मुय प्रशासक मेजर अमित सरीन की तरफ से 340 जाली एनओसीज पकड़े जाने के मामले में एक विभाग की तरफ से एक और कार्रवाई की गई है।
अमृतसर (नीरज): अमृतसर डेवलपमेंट अथॉरिटी पुडा के पूर्व अतिरिक्त मुय प्रशासक मेजर अमित सरीन की तरफ से 340 जाली एनओसीज पकड़े जाने के मामले में एक विभाग की तरफ से एक और कार्रवाई की गई है। जानकारी के अनुसार विभाग ने मामले की जांच करने के बाद एसडीओ मनबीर और जेई दविन्दरपाल को सस्पैंड कर दिया है। इससे पहले की शुरुआती जांच में दो कर्मचारियों इशवर सैनी और अशवनी कुमार को पहले ही सस्पैंड किया जा चुका है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में कुछ और बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है क्योंकि इतनी सारी एनओसी अकेले एसडीओ या जेई के वश की बात नहीं है क्योंकि एनओसी पर कुछ और बड़े अधिकारियों के भी हस्ताक्षर होते हैं और एनओसी कई अधिकारियों के हाथों से निकलती है।
क्या था मामला
पुड्डा के अतिरिक्त मुख्य प्रशासक की तरफ से जब एक एनओसी की जांच की गई तो पता चला कि एनओसी की फीस विभाग में जमा ही नहीं करवाई गई है। लोगों को एनओसी एक ही नंबर पर दोबारा जारी कर दी जाती थी। पुड्डा के भ्रष्ट कर्मचारियों की तरफ से कोलोनाइजर को एक ही दस्तावेज पर 8 एनओसीज जारी कर दी थी, रिश्वत लेकर इतनी दिलेरी करते थे कि यह भी नहीं सोचते थे कि इस दिलेरी का अंजाम क्या होने वाला है। जानकारी के अनुसार रिहाइशी प्लाट से लेकर कमर्शियल आदि में 50 हजार रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की रिश्वत ली जाती थी और इस मामले में इशवर सैनी व अशवनी कुमार असिस्टैंट अकेले थे, ऐसा संभव नहीं हो सकता है और विभाग के कुछ बड़े अधिकारी भी इसमें शामिल हैं, जिनको शोकॉज नोटिस मेजर अमित सरीन की तरफ से जारी किया गया था। मामला पुडा के चंडीगढ़ हैडक्वार्टर के उच्चाधिकारियों तक पहुंचने के बाद इसकी जांच जारी थी और पंजाब सरकार के वैसे भी स्पष्ट आदेश हैं कि जो अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाए या सरकारी खजाने को चूना लगाते पकड़ा गया तो सीधा नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा ना कि सस्पैंड किया जाएगा।