Edited By Subhash Kapoor,Updated: 08 Dec, 2025 06:41 PM

पंजाब सरकार ने राज्य की सभी महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा शुरू करके ऐतिहासिक कदम उठाया है। यह पंजाब की हर महिला—चाहे वह छात्रा हो, कामकाजी हो, गृहिणी हो या वरिष्ठ नागरिक—को पंजाब रोडवेज और पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट की बसों में मुफ्त यात्रा का अधिकार...
पंजाब डैस्क : पंजाब सरकार ने राज्य की सभी महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा शुरू करके ऐतिहासिक कदम उठाया है। यह पंजाब की हर महिला—चाहे वह छात्रा हो, कामकाजी हो, गृहिणी हो या वरिष्ठ नागरिक—को पंजाब रोडवेज और पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट की बसों में मुफ्त यात्रा का अधिकार देती है।
इस विशेष पहल से रोज़ाना लाखों महिलाओं को लाभ मिल रहा है और सार्वजनिक परिवहन में महिला यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसी व्यापक योजना के तहत सरकारी स्कूलों की छात्राओं के लिए समर्पित बस सेवा शुरू की गई है। राज्यभर के लगभग 200 सरकारी स्कूल अब छात्राओं को विशेष नि:शुल्क बस सेवा प्रदान कर रहे हैं, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होती है और परिवारों पर आर्थिक बोझ कम हुआ है।
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि कुल 10,448 विद्यार्थी—जिनमें 7,698 लड़कियां और 2,740 लड़के शामिल हैं—स्कूल परिवहन सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। यह सेवा विशेष रूप से 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस सहित कई सरकारी स्कूलों में चलाई जा रही है। कुछ लोगों द्वारा यह गलत समझा गया कि यह सुविधा केवल छात्राओं तक सीमित है, लेकिन वास्तव में यह पंजाब सरकार के व्यापक विज़न का हिस्सा है कि हर महिला को मुफ्त बस सेवा का अधिकार मिले।
पंजाब सरकार की मुफ्त बस योजना सभी सरकारी बसों पर लागू होती है। इसका उद्देश्य महिलाओं को यात्रा में आने वाली आर्थिक बाधाओं से मुक्त करना और उन्हें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, सामाजिक गतिविधियों तक बेहतर पहुंच प्रदान करना है।
चाहे कोई महिला नौकरी पर जा रही हो, अस्पताल, रिश्तेदार, बाज़ार या किसी भी काम से—उसे मुफ्त परिवहन मिलता है। यह योजना खासकर निम्न और मध्यम वर्ग की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है।
आंकड़ों के अनुसार, लगभग 4,304 लड़कियां 10 से 20 किमी की दूरी तय कर रही हैं और 1,002 लड़कियां रोज़ाना 20 किमी से अधिक दूरी तय कर स्कूल पहुंचती हैं। पहले यह यात्रा असुरक्षित और आर्थिक रूप से महंगी थी, जिस कारण कई लड़कियों की पढ़ाई छूट जाती थी। इस योजना के तहत प्रति छात्र परिवहन लागत ₹1,200 है, जिसमें से 80% यानी ₹960 सरकार देती है और सिर्फ 20% यानी ₹240 अभिभावक देते हैं। यह निजी स्कूलों की बस फीस की तुलना में बहुत कम है।