Punjab के वाहन चालक हो जाएं सावधान, एक गलती और...पालन करें ये जरूरी नियम

Edited By Vatika,Updated: 08 Dec, 2025 09:37 AM

punjab dense fog alert

जिनमें स्कूली बच्चे, कामगार, बुज़ुर्ग, दोपहिया चालक और ट्रक ड्राइवर बड़ी

लुधियाना(सुरिंद्र): देश के विभिन्न भागों में लगातार बढ़ रहे घने कोहरे और धुंध के कारण सड़क दुर्घटनाओं का खतरा अत्यंत गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है। हर वर्ष कोहरे और धुंध के मौसम में हज़ारों नागरिक असमय अपनी जान गंवाते हैं, जिनमें स्कूली बच्चे, कामगार, बुज़ुर्ग, दोपहिया चालक और ट्रक ड्राइवर बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। कोहरे में दृश्यता अत्यधिक कम हो जाती है, वाहन नियंत्रण कठिन हो जाता है और एक छोटी सी गलती भी सामूहिक त्रासदी में बदल सकती है।

कोहरे में वाहन चलाने के लिए अनिवार्य सुरक्षा निर्देश
फॉग लाइट और हेडलाइट का सही प्रयोग-
 केवल लो-बीम और फॉग लाइट का ही प्रयोग करें। हाई-बीम बिल्कुल न चलाएं, इससे रोशनी वापस आंखों पर पड़ती है। केवल पार्किंग लाइट के सहारे वाहन चलाना अत्यंत खतरनाक है।
गति पर पूर्ण नियंत्रण अनिवार्य - कोहरे में धीमी गति ही सुरक्षित गति है। इतनी गति रखें कि सामने कुछ भी दिखते ही तुरंत वाहन रोका जा सके। स्पीड लिमिट से कम चलना ही समझदारी है
सुरक्षित दूरी सामान्य से दोगुनी रखें- आगे चल रहे वाहन से कम से कम दोगुनी दूरी रखें। बड़े वाहनों (ट्रक, बस, ट्रॉली) से 4–5 गुना दूरी बनाए रखें।
अचानक ब्रेक न लगाएं- जोर से ब्रेक लगाना पीछे से टक्कर की सबसे बड़ी वजह है। धीरे-धीरे ब्रेक लगाएं और इंजन ब्रेकिंग का प्रयोग करें।
मोबाइल फोन का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित- कॉल, मैसेज, सोशल मीडिया, नेविगेशन स्क्रीन पर नज़र, यह सब घातक है। एक सैकेंड की लापरवाही जान ले सकती है।
ओवरटेकिंग को पूरी तरह त्याग दें- कोहरे में ओवरटेक करना सीधे मौत को न्योता देना है। सामने से आ रहा वाहन बिल्कुल दिखाई नहीं देता।
सड़क की सफेद पट्टियों और डिवाइडर को मार्गदर्शक बनाएं- सड़क पर बने रिफ्लैक्टर, कैट-आई और डिवाइडर पर ध्यान रखें। केवल आगे वाले वाहन की टेल लाइट पर भरोसा न करें।
शीशे, वाइपर और डी-फॉगर की अनिवार्य जांच- सभी शीशे अंदर-बाहर से पूरी तरह साफ रखें। ओस जमने पर तुरंत डी-फॉगर चलाएं। खराब वाइपर के साथ यात्रा न करें।
थकान, नींद या तनाव में ड्राइविंग न करें- झपकी आना सबसे बड़ा अभिशाप है। थकान हो तो तुरंत सुरक्षित स्थान पर रुकें
एमरजैंसी में वाहन कैसे रोकें- सड़क के बीच या लेन में वाहन कभी न रोकें। सड़क से काफी हटकर रुकें। हैजर्ड लाइट, रिफ्लैक्टर और ट्राईएंगल स्टैंड लगाना अनिवार्य है।
सीट बैल्ट और हैल्मेट अनिवार्य- कार में सभी यात्रियों को सीट बैल्ट पहनना अनिवार्य है। दोपहिया वाहन चालकों के लिए हैल्मेट अनिवार्य रूप से पहनें।
नशे में ड्राइविंग पूर्णतः अपराध- शराब, नशीले पदार्थ या दवाइयों के प्रभाव में वाहन चलाना सीधी हत्या के समान है।

भारी वाहन चालकों के लिए विशेष अनिवार्य निर्देश
-पीछे, साइड और बम्पर पर रिफ्लैक्टिव टेप अनिवार्य।
- खड़े वाहन के पीछे 50–100 मीटर पहले चेतावनी संकेत लगाएं।
-बिना संकेत हाईवे पर वाहन रोकना दंडनीय अपराध।
रात में केवल पार्किंग लाइट पर वाहन खड़ा करना जानलेवा है।

दोपहिया वाहन चालकों के लिए विशेष चेतावनी
-कोहरे में दोपहिया सबसे अधिक असुरक्षित वाहन है।
-गति अत्यंत सीमित रखें।
रिफ्लैक्टिव जैकेट या हल्के रंग के कपड़े पहनें।
-सड़क के बिल्कुल किनारे न चलें।

 कोहरे में इसलिए बढ़ती हैं दुर्घटनाएं
*दृश्यता कई बार 10 मीटर से भी कम रह जाती है
*ब्रेक लगाने की दूरी सामान्य से 2 से 3 गुना बढ़ जाती है
*सामने से आ रहे वाहन का अनुमान नहीं लग पाता
*हाई-बीम रोशनी ‘सफेद दीवार’ बना देती है
*खड़े वाहन, पैदल यात्री और पशु समय पर दिखाई नहीं देते
*चालक का प्रतिक्रिया समय बेहद कम हो जाता है
*कोहरे में सड़क नहीं दिखती, केवल खतरा दिखाई देता है।

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