Edited By Suraj Thakur,Updated: 01 Nov, 2018 01:14 PM

मंगलवार को पंजाब का औसतन एअर क्वालिटी इंडेक्स मंगलवार को 171 दर्ज किया गया था, जबकि भारी गिरावट के साथ यह बुधवार को 120 पर आ गया। सबसे ज्यादा प्रदूषित माने जाने वाले बठिंडा के इलाकों में एअर क्वालिटी इंडेक्स 267 से 95 पर आ गया।
जालंधर: पंजाब में पिछले पांच सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि पराली जलाने के मामले में भारी कमी आई है, जिसके चलते वायु प्रदूषण में बेहतर सुधार आया है। पंजाब में एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से नीचे आ गया है। इससे एक बात तो जाहिर है कि आने वाले समय में धान की फसल के बाद पराली जलाने वाले मामले पंजाब में कम होंगे और लोग शुद्ध वातावरण में सांस ले सकेंगे। एन.जी.टी. की सरकार को पराली जलाने के मामले में बार-बार फटकार लगाने का नतीजा ये हुआ कि सरकार पराली जलाने वाले किसानों के साथ सख्ती से पेश आई। इस साल पराली जलाने वाले किसानों के सरकार ने तीन सौ से ज्यादा चालान काटे।
एयरक्वालिटी इंडेक्स 267 से 95 पर...
मंगलवार को पंजाब का औसतन एयर क्वालिटी इंडेक्स मंगलवार को 171 दर्ज किया गया था, जबकि भारी गिरावट के साथ यह बुधवार को 120 पर आ गया। सबसे ज्यादा प्रदूषित माने जाने वाले बठिंडा के इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 267 से 95 पर आ गया। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पी.पी.सी.बी.) के प्रवक्ता चरंजीत सिंह ने बताया कि पंजाब का वातावरण इतना ज्यादा खराब था कि लोग धुएं में 300 के एयर क्वालिटी इंडेक्स में सांसे ले रहे थे, जोकि स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा घातक था। एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार का श्रेय किसानों को ही जाता है, जिन्होंने पराली न जलाकर सरकार को भरपूर सहयोग दिया। प्रवक्ता ने बताया कि रविवार को पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन पीपीसीबी और कृषि विभाग ने मिलकर मंगलवार को इन मामलों को पराली न जलाने को लेकर कारगर कदम उठाए।
जुर्माना के रूप में वसूले लाख 25 लाख...
पीपीसीबी के सचिव करुणेश गर्ग ने बताया कि शनिवार को पराली जलाने के 2111 मामले सामने आए थे, जबकि रविवार को इनकी संख्या बढ़ कर 3162 हो गई थी। सोमवार को पराली जलाने के मामलों की संख्या में गिरावट के साथ 1376 और मंगलवार को 890 दर्ज की गई थी। गर्ग ने बताया कि अभी तक पराली जलाने वाले किसानों से 25 लाख रुपए जुर्माने के रूप में वसूल किए जा चुके हैं। कहा कि शनिवार को 2,111 फार्म की आग दर्ज की गई थी, जबकि सोमवार को 1,376 की गिरावट से पहले और मंगलवार को 890 रुपये तक पहुंचने से पहले यह संख्या रविवार को 3,162 हो गई थी। उन्होंने कहा कि पीपीसीबी ने अभी तक उल्लंघन करने वालों से जुर्माना के रूप में लाख 25 लाख एकत्र किए हैं।
सांस के मरीजों की संक्ष्या में आई कमी...
मुख्य कृषि अधिकारी बलदेव सिंह ने कहा कि उनके विभाग ने डिफॉल्टर्स को 85 चालान जारी किए हैं। उपायुक्त घनश्याम थोरी ने कहा कि किसानों 8 लाख तक के चालान काटे गए हैं और 80 हजार रुपए अभी तक वसूल कर लिए गए हैं।स्थानीय सरकार राजिंद्रा मेडिकल कॉलेज में पल्मोनरी मेडीसन के डॉ विशाल चोपड़ा का कहना है कि पिछले कुछ सालों से पंजाब में सांस के मरीजों की संख्या कम हुई है। पटियाला में एक समारोह में बोलते हुए पंजाब के पर्यावरण मंत्री ओपी सोनी ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए पंजाब के किसानों को दोष दिया जाता है जो अन्यायपूर्ण है। दिल्ली में 85 फीसदी प्रदूषण वाहनों और औद्योगिक क्षेत्रों के धुएं से है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कारगर कदम उठाने चाहिए।