Edited By Subhash Kapoor,Updated: 22 Jul, 2025 12:09 AM

नाबालिग बच्चों से भीख मंगवाने और बाल मजदूरी के खिलाफ महिला और बाल सुरक्षा विभाग द्वारा शुरू किए गए अभियान के चलते आज बाल सुरक्षा अधिकारी, गुरदासपुर की टीम ने गुरदासपुर शहर के अंदर भीख मांगते और सामान बेचते नाबालिग बच्चों के खिलाफ सख्ती बरती है।
गुरदासपुर (हरमन): नाबालिग बच्चों से भीख मंगवाने और बाल मजदूरी के खिलाफ महिला और बाल सुरक्षा विभाग द्वारा शुरू किए गए अभियान के चलते आज बाल सुरक्षा अधिकारी, गुरदासपुर की टीम ने गुरदासपुर शहर के अंदर भीख मांगते और सामान बेचते नाबालिग बच्चों के खिलाफ सख्ती बरती है। इस अभियान के तहत बाल सुरक्षा अधिकारी के नेतृत्व वाली इस टीम ने 9 बच्चों को काबू किया है। इनमें से छह बच्चे भीख मांग रहे थे, जबकि तीन बच्चे विभिन्न प्रकार का सामान बेच रहे थे।
जानकारी देते हुए बाल सुरक्षा अधिकारी सुनील जोशी ने बताया कि आज जब उन्होंने गुरदासपुर के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और अन्य स्थानों पर चेकिंग की, तो वहाँ छह बच्चे भीख मांग रहे थे। इन बच्चों को काबू कर जब उनका घर का पता पूछा गया, तो उनके पास आधार कार्ड थे और वे स्कूल जाने वाले स्थानीय बच्चे थे। इस कारण उनके माता-पिता को कड़ी चेतावनी देकर इन छह बच्चों को छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन बच्चों के माता-पिता को सख्त चेतावनी दी गई है कि अगर अब उनके बच्चे भीख मांगते पाए गए, तो उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
इसी तरह, इस चेकिंग के दौरान तीन बच्चे खाने-पीने का सामान बेच रहे थे। जब उन्हें काबू कर पूछताछ की गई, तो बच्चों ने बताया कि वे बिहार से संबंधित हैं, जिन्हें दो ठेकेदार यहाँ काम के लिए लाए हैं। इन बच्चों ने खुलासा किया कि उनके साथ लगभग आठ बच्चे और भी हैं जो रात को ठेकेदार के पास ही रहते हैं और ठेकेदार ही उनसे काम करवाता है।
इसके बाद, यह मामला तुरंत जिला प्रशासन और डिप्टी कमिश्नर के संज्ञान में लाया गया, जिन्होंने तुरंत पुलिस को कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। सुनील जोशी ने बताया कि इन तीनों बच्चों को चाइल्ड वेलफेयर काउंसिल के सामने पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें अस्थायी रूप से चिल्ड्रन होम भेज दिया गया है, जबकि पुलिस द्वारा इन बच्चों से काम करवा रहे ठेकेदारों रवि और धर्मेंद्र के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच के दौरान यह सामने आया है कि धर्मेंद्र और रवि बिहार के गोरखपुर से संबंधित हैं, जो इन बच्चों को यहाँ लाए थे। यह बात जांच के बाद सामने आएगी कि इन बच्चों को जबरदस्ती यहां लाया गया है या इनके माता-पिता ने उन्हें अपनी मर्जी से यहाँ भेजा है।
