Edited By Subhash Kapoor,Updated: 16 Oct, 2024 10:54 PM
जिलाधिकारी अमरप्रीत कौर संधू (आई.ए.एस.) ने जिलावासियों से अपील की है कि वे धान की पराली को जलाने की बजाय कृषि विभाग द्वारा सुझाए गए तरीकों से इसका प्रबंधन करें। उन्होंने कहा कि हमारा किसान जो पूरी जनता के लिए अन्न पैदा कर अच्छा काम कर रहा है। वह...
जलालाबाद : जिलाधिकारी अमरप्रीत कौर संधू (आई.ए.एस.) ने जिलावासियों से अपील की है कि वे धान की पराली को जलाने की बजाय कृषि विभाग द्वारा सुझाए गए तरीकों से इसका प्रबंधन करें। उन्होंने कहा कि हमारा किसान जो पूरी जनता के लिए अन्न पैदा कर अच्छा काम कर रहा है। वह पराली में आग लगाकर प्रकृति के साथ गद्दारी नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से हमारी भूमि के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और प्रदूषण भी होता है। इसलिए पराली जलाने का सबसे बड़ा नुकसान हमारे किसानों को होता है। जिलाधिकारी ने कहा कि यदि कोई पराली जलाता है तो माननीय उच्चतम न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देशानुसार 24 घंटे के अन्दर कार्यवाही की जाएगी।
टीम से रिपोर्ट लेकर संबंधित का चालान कर जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बिना जमीन के रिकॉर्ड में रेड एंट्री कर दी जाएगी और जिला प्रशासन पराली जलाने वालों का असला लाइसैंस भी रद्द कर सकता है। इसलिए किसान भाई पराली जलाने की प्रथा को रोकने में प्रशासन का सहयोग करें। प्रशासन की ओर से गांवों में नोडल अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं और कृषि विभाग भी सक्रिय हो गया है।
किसान पराली प्रबंधन के लिए उन्नत किसान ऐप के माध्यम से उपलब्ध मशीनों की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। इसी प्रकार, गांवों में उपलब्ध मशीनों की सूची आम स्थानों पर लगाई गई है ताकि किसानों को मशीनें प्राप्त करने में कोई समस्या न हो।