Edited By Urmila,Updated: 21 Apr, 2025 01:07 PM

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की इंटरव्यू करवाने को लेकर शक के घेरे में आए मुलाजिमों का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जा रहा है जिसे मोहाली की एक कोर्ट ने मंजूरी दे दी है।
पंजाब डेस्क: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की इंटरव्यू करवाने को लेकर शक के घेरे में आए मुलाजिमों का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जा रहा है जिसे मोहाली की एक कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। सूत्रों के अनुसार उम्मीद लगाई जा रही है कि उक्त पॉलीग्राफ टेस्ट इसी सप्ताह के भीतर लिया जा सकता है और इस पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद कई राज खुल सकते हैं। वहीं आपको बता दें कि ए.डी.जी.पी. एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स निलभ किशोर ने सरकारी वकील के साथ मिलकर कोर्ट से इस पॉलीग्राफ टेस्ट की मंजूरी मांगी थी जिसके चलते 7 पुलिस अधिकारियों में से 6 का पोलीग्राफ टेस्ट करने की इजाजत दी गई है।
सब इंस्पेक्टर जगतपाल जग्गू, ए.एस.आई. मुख्त्यार सिंह, कांस्टेबल सिमरनजीत सिंह, हरप्रीत सिंह, बलविंदर सिंह, सतनाम सिंह व अमृतपाल सिंह के पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने की दलील ए.डी.जी.पी. नारकोटिक्स टास्क फोर्स निलभ किशोर ने 7 पुलिस अधिकारियों में से 6 की लिखित सहमति पेश की थी जिसकी मंजूरी मिल गई है। वहीं 6 पुलिस अधिकारियों ने अपनी इच्छानुसार पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने की सहमति दे दी है। उक्त अधिकारियों जिनमें से एक सहायक सब-इंस्पेक्टर (ए.एस.आई.) व 5 कांस्टेबल शामिल हैं। गैंगस्टलर लॉरेंस बिश्नोई का जब जेल में इंटरव्यू हुआ था तो तब ये क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी मोहाली में तैनात थे।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष मार्च में एक निजी चेनल ने बिश्नोई के 2 इंटरव्यू चलाए थे। पहला इंटरव्यू खरड़ के अहाते जो एस.ए.एस. नगर मोहाली में किया गया था और दूसरा इंटरव्यू जब बिश्नोई जयपुर की केंद्रीय जेल में बंद था। सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसियों को शक है जेल के अंदर जो इंटरव्यू लिया गया है वह अंदर खाते मिलीभगत का परिणाम है। जेल में ली गई इंटरव्यू मीडिया तक कैसे पहुंची, यह अपने आप में एक सवाल खड़ा रहा है।
आपको बता दें कि पॉलीग्राफ यह एक ऐसी मशीन है जिसका प्रयोग झूठ पकड़ने के लिए किया जाता है। खास कर इसका प्रयोग तब किया जाता है जब किसी अपराध का पता लगाना हो । पॉलीग्राफ टेस्ट मशीन को झूठ पकड़ने वाली मशीन और लाई डिटेक्टर के नाम से भी जाना जाता है।
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