फूलका ने नकारे कुंवर विजय प्रताप सिंह के आरोप, कहा,"आज भी कायम हूं इस बात पर..."

Edited By Vatika,Updated: 21 Apr, 2021 10:58 AM

phoolka denied the allegations of kunwar vijay pratap singh

राजनेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील एस.एस. फूलका ने आई.जी. कुंवर विजय प्रताप सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है

चंडीगढ़ (रमनजीत): राजनेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील एस.एस. फूलका ने आई.जी. कुंवर विजय प्रताप सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह कुंवर विजय प्रताप के खिलाफ कुछ भी नहीं बोलना चाहते। असल में कुंवर विजय प्रताप ने एक बयान में कहा है कि फूलका ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और कोटकपूरा गोलीकांड केस की पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पैरवी करने से मना कर दिया था और उसी वजह से केस हार गए और कुंवर विजय प्रताप को इस्तीफा देना पड़़ा। 

फूलका ने कहा है कि वह कुंवर के खिलाफ कुछ नहीं बोलना चाहते, क्योंकि अगर इस केस में हमारी आपसी नाराजगी हो जाती है तो इसका फायदा विरोधियों और आरोपियों को होगा। इसलिए यह बहुत ज्यादा जरूरी है कि जो भी इस केस के दोषियों को सजा करवाने के लिए काम कर रहे हैं उन सभी को आपस में इकठ्ठा मिलकर चलना चाहिए। इसलिए इस मुद्दे पर वह कुंवर विजय प्रताप सिंह के खिलाफ बयान नहीं देंगे। अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए फूलका ने कहा कि जहां तक उनकी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में केस लडऩे से इन्कार की बात है तो कुछ समय पहले इस केस के पीड़ित पक्ष की तरफ से एक पीड़ित उनसे मिलने जरूर आया था, जिसने इस केस के कागज उनको सौंपे और कहा कि कुंवर विजय प्रताप सिंह ने उनको यह कागज सौंपने के लिए कहा है। फिर जब उन्होंने पीड़ितों से पूछा कि वह वकील राजविन्दर सिंह बैंस (सीनियर एडवोकेट पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट) को बदलना क्यों चाहते हैं? तो पीड़ित ने कहा कि हम वकील राजविन्दर सिंह बैंस को नहीं बदलना नहीं चाहते, हमें तो सिर्फ कुंवर विजय प्रताप सिंह ने आपके पास भेजा है। बाकी उनके साथ बात कर लो।

फूलका ने कहा कि उसके बाद जब कुंवर विजय प्रताप सिंह के साथ बात की तो उसने कहा कि वह यह चाहते हैं कि फूलका इस केस की पैरवी करें और राजविन्दर बैंस को बदला जाए। फूलका ने कहा कि इस दौरान उन्होंने कुंवर से कहा कि उन्हें राजविन्दर सिंह बैंस पर पूरा विश्वास है। बैंस एक प्रसिद्ध मानवाधिकारों के वकील हैं। उन्होंने कुंवर से यह भी कहा कि वह एक राजनीतिक नेता रहे हैं और हाईकोर्ट के जजों में उनके एक राजनीतिक नेता होने की छवि है। इसलिए फूलका ने कहा कि अच्छी रणनीति के तौर पर बैंंस को बदलना ठीक नहीं होगा परन्तु अगर यह केस सुप्रीम कोर्ट में आता है तो वह (फूलका) यह केस लडऩे के लिए तैयार हैं। इस बात पर वह आज भी कायम हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में केस पर ज्यादा काम सरकारी वकीलों का था, सरकारी वकीलों की नालायकी या मिलीभगत से यह केस खराब किया गया है, जिस कारण हमें हार देखनी पड़ी।

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