Edited By Vatika,Updated: 14 Oct, 2024 10:45 AM
अगर सोमवार को पी.जी. आई. न्यू ओ.पी.डी. में इलाज के लिए आ रहे हैं, तो मत आइए।
चंडीगढ़: अगर सोमवार को पी.जी. आई. न्यू ओ.पी.डी. में इलाज के लिए आ रहे हैं, तो मत आइए। न नए मरीजों के कार्ड बनेंगे और न ही नई इनडोर एडमिशन होगी। पी.जी.आई. में चार दिन से आऊटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। सोमवार को ओ.पी.डी. में सिर्फ पुराने मरीजों का फॉलोअप कार्ड ही बनेगा। यह रजिस्ट्रेशन भी सिर्फ दो घंटे सुबह 8 से 10 बजे तक होगा। वार्ड अटैंडैंट सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। ऐसे में अस्पताल की सारी व्यवस्था हिल गई है। सोमवार से एन.एस.एस. वॉलिंटियर्स और एन.जी.ओ. की मदद लेने जा रहा है। पी. जी. आई. में मौजूदा समय में सारथी प्रोजैक्ट के तहत एन.एस.एस. वॉलिंटियर्स हैं, उन्हें मरीजों की मदद के लिए तैनात किया जाएगा। साथ ही विश्व मानव रूहानी केंद्र, नवां नगर, सुख फाऊंडेशन और रोट्रैक्ट जैसे एन.जी.ओ. की मदद ली जाएगी।
वीरवार को हड़ताल शुरू हुई थी। शुक्रवार को मरीजों की संख्या कम कम रही। शनिवार और रविवार को छुट्टी थी। आमतौर पर सोमवार को ओ.पी.डी. का पहला दिन होता है, जिसमें सबसे ज्यादा मरीज रजिस्टर किए जाते हैं। औसतन सोमवार को मरीजों की संख्या 10 हजार से ऊपर रहती है। चार दिन से अस्पताल में सफाई व्यवस्था भी चरमरा गई है। खासकर एमरजैंसी ब्लॉक में भी सफाई नहीं हो रही है। आपस में बैठकर हल करने की जरूरत गवर्नमेंट कॉले जसैक्टर-46 में एसिसटेंट प्रोफेसर पंडितराव धरनेवर ने भी रविवार को आऊटसोर्स कर्मियों से मुलाकात कर हड़ताल खत्म करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि पी.जी.आई. में दूर दराज से मरीज आते हैं। उनके साथ ऐसा करना अच्छा नहीं है। पी.जी.आई. प्रशासन और कर्मचारियों को आपस में बैठकर इस मुद्दे को हल करने की जरूरत है, ताकि लोगों को परेशानी न हो।
सभी सेवाओं को पहले की तरह चलाना आसान नहीं: डॉयरैक्टर
रविवार को हड़ताल को लेकर निदेशक पी.जी.आई. ने कहा कि एमरजैसी और जरूरी सेवाएं चलती रहे, इसलिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। संस्थान में उनकी और उनके काम की बड़ी अहमियत है, जिसे हम समझते हैं। पहली प्राथमिकता मरीजों का इलाज और उनकी सुरक्षा है। यह मुश्किल वक्त है। ऐसे में सभी सेवाओं को पहले की तरह चलाना आसान नहीं है। कर्मचारियों के साथ बातचीत के लिए तैयार है। मामले को अच्छे तरीके से हल करने के लिए प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। लोगों की मदद ली जा रही है, ताकि मरीज परेशान न हो। प्रो विवेक लाल का कहना है कि हम इस स्थिति से निपटने
में अपने मरीजों और उनके परिवारों के सहयोग की सराहना करते हैं। मरीजों के कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटल है।