Edited By VANSH Sharma,Updated: 08 Aug, 2025 12:23 AM

चंडीगढ़ में ट्रैफिक चालानों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि लोग अब इसे 'चालानगढ़' भी कहने लगे हैं।
चंडीगढ़: चंडीगढ़ में ट्रैफिक चालानों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि लोग अब इसे 'चालानगढ़' भी कहने लगे हैं। अब यह मुद्दा संसद में भी उठाया गया है। चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने संसद में कहा कि शहर में लोगों को बहुत ज़्यादा चालान मिल रहे हैं, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है।
सांसद तिवारी ने बताया कि साल 2023 में ही चंडीगढ़ में साढ़े 9 लाख से ज़्यादा ट्रैफिक चालान किए गए। उनके अनुसार, जब से शहर में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित ट्रैफिक सिस्टम लागू हुआ है, तब से चालानों की संख्या बहुत बढ़ गई है। यह सिस्टम अपने आप नियम तोड़ने वालों को पहचानकर उनका चालान कर देता है।
उन्होंने यह भी मांग की कि 2019 से 2025 तक कुल कितने चालान हुए, इसकी जानकारी जनता को दी जाए। तिवारी ने कहा कि बाहर से आने वाले लोग, खासकर दूसरे राज्यों के वाहन चालक, इस सख्ती से ज्यादा परेशान हैं। कुछ लोगों ने यह भी शिकायत की है कि उन्हें बिना वजह रोका जाता है और कुछ मामलों में रिश्वत मांगे जाने की बातें भी सामने आई हैं।
इन आरोपों के बाद चंडीगढ़ के पुलिस प्रमुख (आईजी) पुष्पेंद्र कुमार ने ट्रैफिक पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अब केवल उन्हीं लोगों का चालान किया जाएगा जो सच में नियम तोड़ते हैं। मैनुअल चालान पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं और सिर्फ गंभीर मामलों में ही कार्रवाई की जाएगी। अब लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन इस समस्या पर ध्यान देगा और आम जनता को राहत मिलेगी।
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