विदेशी फ्रूट्स के काले कारोबार में कई सुपरवाइजर व आढ़ती रातों-रात बने करोड़पति

Edited By Vatika,Updated: 28 Sep, 2020 10:11 AM

overnight millionaires in the black business of foreign fruits

सब्जी मंडी परिसर में विदेशी फ्रूट्स के काले कारोबार में आपसी सैटिंग के खेल ने मार्कीट कमेटी के कई सुपरवाइजर्स एवं चुनिंदा आढ़तियों को

लुधियाना(खुराना): सब्जी मंडी परिसर में विदेशी फ्रूट्स के काले कारोबार में आपसी सैटिंग के खेल ने मार्कीट कमेटी के कई सुपरवाइजर्स एवं चुनिंदा आढ़तियों को रातों-रात करोड़पति बनाने में गजब की भूमिका अदा की है। माना जा रहा है कि इस गोरखधंधे में सरकार का करीब 90 फीसदी तक राजस्व विभागीय कर्मचारियों व आढ़तियों की आपसी सांठगांठ के चलते चोरी हो रहा है। कई बार विदेशी फ्रूट्स सहित अन्य फलों व सब्जियों की भरी गाडिय़ां बिना सरकारी रिकार्ड में दर्ज किए ही मंडी के मुख्य एंट्री गेट से पास होकर आढ़तियों की दुकानों तक पहुंच जाती हैं। इसके कारण जहां संबंधित कारोबारियों को सीधे तौर पर लाखों रुपए का फायदा होता है, वहीं गेट पर तैनात कर्मचारियों की भी इस गोरखधंधे में राजदार बनने पर मार्कीट कमेटी के सुपरवाइजर्स व अधिकारियों के इशारे पर जेब गर्म हो जाती है जबकि इस सारे एपीसोड में सरकारी खजाने में फूटी कौड़ी भी जमा नहीं होती।

कई कर्मचारियों ने आढ़तियों के साथ बांध रखे हैं महीने
असल में विदेशी धरती का सफर तय करके भारतीय बाजारों, पंजाब सहित पड़ोसी राज्यों की मंडियों में पहुंचने वाले विदेशी फ्रूट, ड्रैगन फ्रूट, किवी, राम भुटान लीची, एवोकाडो, सीडलैस संतरा, सेब, आम आदि की कीमतें 500 से लेकर 1000 रुपए प्रति किलो तक रहती है। यहां इन पर टैक्स बचाने के लिए फ्रूट्स के कारोबारी मार्कीट कमेटी के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर चोर दरवाजे से कम कीमतें दिखा कर या फिर बिना रिकार्ड में दिखाए ही बिक्री करने में लगे हुए हैं। उक्त काले कारोबार का हिस्सा बने रहने के लिए कई सुपरवाइजर्स ने आढ़तियों के साथ महीने तक बांध रखे हैं।


विजीलैंस के हत्थे चढ़ चुके हैं कई भ्रष्ट कर्मचारी
काबिलेगौर है कि रिश्वतखोरी के दलदल में गर्दन तक धंसे मार्कीट कमेटी के कई भ्रष्ट कर्मचारी विजीलैंस विभाग के हत्थे चढ़ चुके हैं। कुछ ऐसे ही कथित आरोपों की गाज गत दिनों सचिव अमनदीप संधू व सुपरवाइजर हरी लाल पर गिर चुकी है जो फिलहाल मार्कीट कमेटी लुधियाना व अन्य कार्यालय में ड्यूटी कर रहे हैं लेकिन उक्त मामले में अभी भी कई कर्मचारियों ने कोई सीख नहीं ली है। चर्चा है कि जल्द ही रिटायर होने वाला एक सुपरवाइजर भी आजकल बड़ी तेजी से गोलमाल करने में लगा हुआ है।

सब्जियों व फलों की कुल खरीद पर 4 फीसदी लगता है टैक्स
आढ़तियों को सब्जियों व फलों की कुल खरीद पर सरकारी राजस्व में 4 फीसदी टैक्स चुकाने का प्रावधान है जिसमें 2 फीसदी सरकार ग्रामीण इलाकों के विकास कार्यों पर खर्च करती है और बाकी 2 फीसदी पंजाब मंडी बोर्ड के खाते में जाता है। लेकिन विदेशी फ्रूट्स पर 4 फीसदी टैक्स के हिसाब से लाखों रुपए चुकाने की जगह पर आढ़ती विभागीय कर्मचारियों से मिलकर या तो माल का वजन कम दिखा देते हैं या फिर 500 रुपए किलो वाले फ्रूट को 25-&0 रुपए किलो के हिसाब से दिखा कर राजस्व की चोरी कर लेते हैं।

विभागीय सचिव ने कहा—गड़बड़ की आशंका पूरी 
सचिव मार्कीट कमेटी विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि गत दिनों उन्होंने जब फ्रूट मंडी का दौरा किया तो वहां कई आढ़तियों ने अपनी किताबों में माल की कीमत का ब्यौरा दर्ज नहीं कर रखा था जिससे गड़बड़ की आशंका पूरी है। शर्मा ने कहा कि फलों व सब्जियां विशेषकर विदेशी फ्रूट की कीमतें बहुत अधिक होने के कारण यह बात अक्सर चर्चा में रहती है कि आढ़ती माल की कीमतें कम बता कर विभाग को गुमराह करने व राजस्व की चोरी करने की फिराक में रहते हैं जिसके लिए उनकी टीम समय-समय पर जांच करती है। गत दिनों फ्रूट कारोबारी आशीष मलिक के केस में भी सभी पहलुओं को बारीकी से खंगाला जा रहा है।

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