Edited By Subhash Kapoor,Updated: 17 Jul, 2025 06:46 PM

कहते हैं किस्मत जब चमकती है तो ऊपरवाला रास्ते खुद बनाता है।
पंजाब डैस्क : कहते हैं किस्मत जब चमकती है तो ऊपरवाला रास्ते खुद बनाता है। कुछ ऐसा ही चमत्कार हुआ होशियारपुर निवासी और राधा स्वामी सत्संग घर ब्यास में सेवादार के रूप में सेवा देने वाले तरसेम लाल के जीवन में। तरसेम लाल को अक्सर सत्संग भवन में सेवा करते समय एक ही नंबर वाला लाकर (लॉकर/स्टोरेज) मिलता था। यही नंबर बार-बार दिखाई देने पर उन्होंने उसी नंबर पर लॉटरी टिकट खरीद डाली — और यही टिकट उनकी 5 करोड़ रुपये की लॉटरी का कारण बन गया।
लॉटरी जीत के बाद आई मुश्किलें
लॉटरी जीतना जितना सुखद होता है, कभी-कभी उसका क्लेम करना उतना ही मुश्किल हो जाता है। तरसेम लाल के सामने भी ऐसी ही समस्या आई। भाषा की सीमाएं, लॉटरी क्लेम की प्रक्रिया की जटिलताएं, और सही मार्गदर्शन की कमी के चलते वह इनामी राशि पाने में असमर्थ महसूस कर रहे थे।
उन्होंने सबसे पहले 18 जून 2025 को एक निजी बैंक में खाता खुलवाने का प्रयास किया ताकि इनाम की राशि प्राप्त की जा सके, लेकिन वहां उन्हें कोई सहायता नहीं मिली। निराश तरसेम लाल ने फिर कनक मंडी स्थित को-ऑपरेटिव बैंक शाखा (ब्रांच कोड 50207) का रुख किया — और यहीं से उनकी तकदीर ने नई उड़ान भरी।
बैंक में शाखा प्रबंधक नवदीप सिंह और सहायक गौरव की तत्परता और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण ने तरसेम लाल के लिए रास्ता आसान कर दिया। पहले-पहल जब उन्होंने अपनी बात रखी कि उन्होंने 5 करोड़ रुपये की लॉटरी जीती है, तो स्वाभाविक रूप से बैंक स्टाफ को संदेह हुआ। लेकिन नवदीप सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी दस्तावेजों की जांच की। दस्तावेजों की जांच के बाद उन्होंने पुष्टि की कि तरसेम लाल वास्तव में पंजाब स्टेट लॉटरी के विजेता हैं।
इसके बाद गौरव ने तुरंत खाता खोलने की प्रक्रिया को तेज किया और बहुत ही कम समय में जरूरी औपचारिकताएं पूरी कीं। श्री नवदीप सिंह ने सीधे पंजाब स्टेट लॉटरी ऑफिस से संपर्क किया और तरसेम लाल के पक्ष में सभी आवश्यक कागज़ात तैयार करवाए। कनक मंडी शाखा ने लॉटरी क्लेम की पूरी प्रक्रिया का लगातार फॉलो-अप किया। बैंक स्टाफ की इस प्रतिबद्धता और सहानुभूतिपूर्ण सेवा का नतीजा यह निकला कि 16 जुलाई 2025 को तरसेम लाल के खाते में ₹4.20 करोड़ की लॉटरी राशि सफलतापूर्वक ट्रांसफर हो गई।