राम मंदिर निर्माण में न चंदा दिया, न कोई फैसला लिया, सिर्फ श्रेय ले रही भाजपा: राजीव शुक्ला

Edited By Radhika Salwan,Updated: 30 May, 2024 01:09 PM

neither donation was given was taken for construction ram mandir

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आम लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है, साथ ही उन्होंने राम मंदिर निर्माण में भी भाजपा के किसी भी प्रकार के कोई योगदान न होने की बात कही है।

जालंधर, (अनिल पाहवा) : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आम लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है, साथ ही उन्होंने राम मंदिर निर्माण में भी भाजपा के किसी भी प्रकार के कोई योगदान न होने की बात कही है। इसके अलावा उन्होंने कई अन्य मुद्दों पर बात की। प्रस्तुत है उनसे की गई बातचीत के प्रमुख अंश :-

प्र: देश भर में कांग्रेस की क्या स्थिति है।

देश भर में 6 चरण के चुनाव हो चुके हैं, सातवें चरण में पंजाब, हिमाचल के साथ -साथ उत्तर प्रदेश तथा बिहार की कुछ सीटों पर चुनाव होने हैं। पंजाब में हम 9 सीटें जीत रहे हैं, हिमाचल में भी तीन सीटें पक्की हैं, जहां तक उत्तर प्रदेश की बात है तो वहां पर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी तथा अखिलेश की बैठकों व  रैलियों में भीड़ उमड़ रही है। लोगों में अंडर करंट है। देश भर के लोग केंद्र की मोदी सरकार से परेशान है और इस बार के चुनावी परिणाम चौंकाने वाले होंगे।

प्र: 400 पार के दावे में कितनी सच्चाई है।

भाजपा ने 400 सीटों के दावे से अभियान शुरू किया था, लेकिन अब खुद भाजपा के लोग इसका मजाक उड़ाने लगे हैं। कुछ नेताओं को छोड़कर अब कोई इसका नाम नहीं लेता क्योंकि इनका मकसद जाहिर हो गया है। ये लोग 400 का आंकड़ा इकट्ठा करके संविधान बदलना चाहते थे, जिससे दलित तथा पिछड़े वर्ग के लोगों में रोष आया और अब खुद ही भाजपा वाले 272 सीटों की बात करने लगे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि इनका 200 पार करना मुश्किल है। केंद्र में इंडिया गठबंधन की ही सरकार बनेगी। 

प्र: राहुल गांधी की पाकिस्तान से मिल रहे समर्थन पर जांच की मांग हो रही है।

देश का इतिहास क्या है, पाकिस्तान को किसने सबक सिखाया, पाकिस्तान को दो बार किसने हराया, इंदिरा गांधी ने हराया है। इंदिरा गांधी के रहते ही पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए हैं। इससे पहले लाल बहादुर शास्त्री की सरकार में 1965 व 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ, जिसके बाद पाकिस्तान की दोबारा युद्ध लड़ने की हिम्मत नहीं पड़ी, तो इस तरह से कांग्रेस का रिकार्ड पाकिस्तान को सबक सिखाने वाला है। पाकिस्तान तो गांधी परिवार से चिड़ता है कि हमारे मुल्क के दो टुकड़े कर दिए। नवाज शरीफ के यहां चाय समोसा खाने ये गए थे, बिरयानी खाने ये गए थे, उनकी पोती की शादी में ये गए थे। और जब प्रधानमंत्री बस लेकर गए तो पीछे से कारगिल युद्ध हो गया। 

प्र: यू.पी.ए. की 10 साल की सरकार और एन.डी.ए. की सरकार में क्या अंतर रहा।

मनमोहन सिंह की सरकार ने बहुत काम किया है। वह एक अर्थशास्त्री थे और उन्होंने बहुत काम किया और अब उन्हीं की सभी योजनाएं मोदी जी को माननी पड़ी। दरअसल भाजपा की अपनी कोई योजना ही नहीं है। ये सभी डा. मनमोहन सिंह द्वारा संचालित योजनाएं है, जैसे मनरेगा हो, खाद्य सुरक्षा योजना हो,  निर्मल भारत योजना हो, ये सभी योजनाएं मनमोहन सिंह की है, जिनका नाम बदल-बदल कर भाजपा चला रही है। भाजपा ने एक स्वच्छ भारत शुरू किया था, वह भी सफल नहीं हुई, चारों तरफ देश में गंदगी ही गंदगी पड़ी हुई है। 

प्र: राहुल मजबूत नेता, लेकिन 2 सीटों पर क्यों लड़ रहे हैं चुनाव

भारतीय जनता पार्टी ने राहुल को जानबूझ कर उनकी इमेज खराब करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा शुरू कर साबित कर दिया कि वह एक स्टीलमैन है। 4000 कि.मी. कौन पैदल चलता है, लेकिन राहुल गांधी जगह जगह गए। अब लोग उनकी छवि की तारीफ कर रहे हैं। दूसरा, उनके अंदर संघर्ष की क्षमता है। गांधी परिवार कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक लोकप्रिय है। दक्षिण भारत में भी लोग उनको पसंद करते हैं तथा उत्तर भारत में भी। इसलिए उन्होंने दोनों जगहों से चुनाव लड़ा ताकि दोनों जगहों में रहने वाले लोगों की समस्याओं का हल किया जा सके। 

प्र: प्रियंका गांधी क्यों नहीं लड़ रही चुनाव।

प्रियंका ने इस बार फैसला लिया कि वह चुनाव न लड़कर पार्टी के लिए प्रचार करेंगी और इस बार प्रियंका ने जबरदस्त प्रचार किया। हर जगह उनके भाषणों की जबरदस्त तारीफ हो रही है। वहीं मोदी जी के भाषणों का भी उन्होंने करारा जवाब दिया, जिसमें मोदी जी ने कहा था कि कांग्रेस आ गई तो आपके मंगलसूत्र छीन लेंगे। वहीं प्रियंका गांधी ने भी करारा जवाब दिया और कहा कि उनकी मां सोनिया गांधी ने तो देश के लिए अपना मंगलसूत्र कुर्बान कर दिया। 

प्र: राजनीति में भाषा का स्तर नहीं गिर गया।

मैं आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूं। इस बार भाषण का स्तर बहुत गिरा है। इस बात का दुख है कि देश के सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति ने भाषण का स्तर गिराया। क्या कभी नेहरू जी,  इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, मोरार जी देसाई, राजीव गांधी, देवेगौड़ा, मनमोहन सिंह ने इस तरह का भाषण दिया। अटल जी का दूसरी पार्टी के लोग सम्मान करते थे क्योंकि उनकी भाषा इतनी जबरदस्त थी। मरने के बाद भी उनको हम सम्मान देते हैं, जबकि भाजपाई उनको सम्मान नहीं देते। देश भर में जितने भी पोस्टर लगे हैं, उनमें एक भी फोटो अटल जी, अडवानी जी की नहीं दिखी। उनका कहीं जिक्र तक नहीं है। मोदी जी के एक भी भाषण में अटल जी का जिक्र नहीं है क्योंकि हर बात का श्रेय खुद लेना चाहते हैं। ये सिर्फ लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि 2014 से पहले देश में कुछ नहीं था, हर विकास मोदी जी के शासनकाल में ही हुआ है। हालांकि कांग्रेस इस बात को मानती है कि देश में सड़कों का जाल अटल जी के शासन में बिछाया गया, लेकिन भाजपा इस बात को नहीं मानती। 

प्र: कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी पर उतना प्रदर्शन नहीं कर पाई।

महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्ष लगातार आवाज उठा रहा है, प्रोटैस्ट भी करता है, लेकिन पंजाब केसरी जैसे प्रिंट मीडिया में तो वो खबरें छप जाती हैं, लेकिन सैटेलाइट चैनल्स पर इन खबरों को प्रसारित नहीं किया जाता, क्योंकि इनके पीछे केंद्र की सरकार का दबाव रहता है, वे चाहते ही नहीं कि उनके खिलाफ कोई आवाज मुखर हो, जिसके कारण यह मुख्य मुद्दे लगातार दब रहे हैं और फालतु के मुद्दे सामने लाए जा रहे हैं। 


प्र: राम मंदिर का श्रेय ले रही है भाजपा, कितनी सच्चाई है।

कांग्रेस पार्टी राम मंदिर के पक्ष में रही है और अब भी है। श्री राम के प्रति कांग्रेस की श्रद्धा है। अयोध्या में जो श्री राम मंदिर का निर्माण हुआ है, इसमें भाजपा का कोई योगदान नहीं है। कांग्रेस ने पहले ही कहा था कि जो अदालत का फैसला होगा, वह मान्य होगा। अयोध्या में जो भव्य राम मंदिर बना, उसमें लाखों करोड़ों लोगों ने चंदा दिया, जिससे उसका निर्माण हुआ। भाजपा ने तो कोई पैसा नहीं दिया और जो निर्माण हुआ वह भी अदालत के निर्देश पर हुआ। यह सिर्फ श्रेय ले रहे हैं। केंद्र में इंडिया ब्लाक की सरकार आएगी तो राम मंदिर का पूर्ण निर्माण किया जाएगा। भाजपा ने चुनावों के लालच में अधूरे मंदिर का उद्घाटन किया है, जबकि शास्त्रों के अनुसार अधूरे मंदिर का कभी उद्घाटन नहीं होता। इनको लोकसभा चुनाव दिख रहे थे, जिस कारण जल्दबाजी दिखाई। कांग्रेस पार्टी शंकराचार्य और साधु संतों को बुलाकर दोबारा पूजन करवाएगी। अभी तक तो मंदिर ही अधूरा है। 

प्र: पंजाब में 'आप' के खिलाफ लेकिन केंद्र में साथ-साथ, ऐसा कैसे।

इंडिया ब्लाक का जो गठन हुआ है, वह राष्ट्रीय स्तर का गठबंधन है, जिसमें तमाम दल शामिल हैं, इसका मकसद तानाशाही सरकार को हटाना है। झूठे वादे करने वालों को हटाना है। इसमें अलग-अलग विचारधारा के लोग इकट्ठे हुए हैं, लेकिन मकसद सबका एक ही है। पश्चिम बंगाल तथा केरल में भी इस तरह के गठबंधन हैं। पंजाब में विपक्ष के तौर पर कांग्रेस को जनता ने बड़ी जिम्मेदारी दी है और पार्टी इसे निष्ठा से निभा रही है। 

प्र: कैप्टन, जाखड़ जैसे लोगों के जाने से कितना नुक्सान हुआ।

पिछले 70 साल का इतिहास देख लो, नेता पार्टियां छोड़कर आते जाते रहते हैं। सूखे पत्ते पतझड़ में गिर जाते हैं, पेड़ वहीं का वही रहता है। कितने गए कितने आए, लेकिन कांग्रेस का पेड़ वैसे ही हरा-भरा खड़ा है। इसलिए कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। बाकी जहां इन झड़े हुए पत्तों को वापस लेने की बात है, तो जो स्थिति मौके पर पैदा होगी, उसके हिसाब से फैसला लिया जाएगा। 

प्र: पंजाब में कांग्रेस और भाजपा की क्या स्थिति है।

पंजाब में कांग्रेस करीब 9 सीटें जीतने जा रही है, जो अलग-अलग चर्चाओं में पता लगी है। जहां तक भाजपा की बात है, तो वह पंजाब में बुरी स्थिति में है। एक सीट भी इनको मिल जाए तो बड़ी बात होगी। इन्होंने हर जगह से रिजैक्टड लोग थे, उनको अपनी पार्टी में ले लिया, ऐसे में इनका कुछ नहीं होने वाला। जहां तक कांग्रेस की बात है, कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन कर रही है और आने वाले समय में जब विधानसभा चुनाव होंगे, उस समय पंजाब में पार्टी ही सरकार बनाएगी। 

प्र: इंडिया ब्लाक की सरकार में प्रधानमंत्री कौन होगा।

कांग्रेस ने जो गठबंधन बनाया है, उसमें मिलजुल कर जो फैसला लिया जाएगा, उसके हिसाब से प्रधानमंत्री उम्मीदवार तय कर लिया जाएगा। जिस समय केंद्र में यू.पी.ए. की सरकार थी, उस समय मनमोहन सिंह का नाम प्रधानमंत्री के तौर पर घोषित नहीं किया गया था, बाद में बैठकर सभी ने मिलकर फैसला लिया और उनका नाम घोषित हो गया। यह कोई बड़ी बात नहीं है। 

प्र: पंजाब के विकास के लिए कांग्रेस के पास क्या ब्ल्यू प्रिंट है।

पंजाब के लिए कांग्रेस के पास बड़ा ब्ल्यू प्रिंट है। जालंधर, लुधियाना, अमृतसर बड़े हब प्वाइंट्स है। यहां पर अर्थव्यवस्था को ठीक करना समय की जरूरत है, जिसके लिए व्यापारियों के साथ-साथ किसानों को भी प्रोत्साहित करना होगा। जी.एस.टी को लेकर कई तरह की समस्याएं हैं, केंद्र में इंडिया ब्लाक की सरकार आई तो जी.एस.टी. व्यवस्था को दोबारा से दुरुस्त किया जाएगा, ताकि लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। किसानों ने देश को अन्न का भंडार दिया, उनके खेती करने के सामान पर जी.एस.टी. खत्म की जाएगी। एम.एस.पी. पर संसद में कानून पास करके गारंटी देने की व्यवस्था बनाई जाएगी। फसल का मुआवजा जिसमें किसी भी तरह का नुक्सान हो, उसके लिए व्यवस्था की जाएगी। स्वामीनाथन कमेटी ने जो फार्मूला दिया है, उसके अनुसार उनको सही कीमत मिले, उसकी व्यवस्था की जाएगी।

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