विधानसभा में मंत्रियों के दरवाजे पर पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू, नहीं मिली Entry

Edited By Vatika,Updated: 20 Oct, 2020 09:09 AM

navjot sidhu ends house exile

लंबे समय बाद विधानसभा सत्र में भाग लेने पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू को उस समय रोक दिया गया, जब वह मंत्रियों के दरवाजे से विधानसभा में प्रवेश करने जा रहे थे।

चंडीगढ़(अश्वनी कुमार): लंबे समय बाद विधानसभा सत्र में भाग लेने पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू को उस समय रोक दिया गया, जब वह मंत्रियों के दरवाजे से विधानसभा में प्रवेश करने जा रहे थे। सुरक्षा कर्मियों ने सिद्धू से कहा कि वह विधायकों के दरवाजे से होकर विधानसभा में दाखिल हों। सिद्धू ने बात मानते हुए विधानसभा में एंट्री तो ली लेकिन भीतर भी उनके लिए स्थितियां असहज ही रहीं क्योंकि कभी पहली कतार में बैठने वाले सिद्धू को सदन की अंतिम कतार में बैठने के लिए जगह दी गई। पहले दिन सदन का सत्र केवल श्रद्धांजलियों तक सीमित रहा तो सिद्धू पहले दिन केवल श्रद्धांजलि ही दे पाए। हालांकि बाद दोपहर नवजोत सिद्धू ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कृषि कानून संबंधी निजी चर्चा का वीडियो शेयर किया।

सरकार को फिर निशाने पर लिया सिद्धू ने
विधानसभा स्पैशल सैशन, कृषि कानून : समस्या-समाधान के नाम से जारी इस वीडियो में सिद्धू ने पंजाब सरकार को शुरूआती कदम उठाने के लिए बधाई दी। हालांकि अपने चिर-परिचित अंदाज में सिद्धू ने इस बार भी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि यह केवल शुरूआती कदम है। आज गेहूं-धान को छोड़कर पंजाब के पास किसी और फसल की खरीदारी का कोई मॉडल नहीं है। न ही पंजाब सरकार के पास स्टोरेज है। सिद्धू ने कहा कि अगर केंद्र सरकार के कृषि संबंधी कानून लागू हो गए तो पंजाब के पास कम से कम एक साल है और अधिक से अधिक दो या तीन साल हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के यह कानून किसानों को पंूजीपतियों का गुलाम बनाएंगे। पंजाब जो चावल खाता ही नहीं, 1400 करोड़ क्यूबिक मीटर पानी धरती में से अतिरिक्त निकाल रहा है, जो निर्धारित मियाद से ’यादा है। पांच-दस साल में पंजाब की धरती बंजर हो जाएगी।

शराब, रेत, केबल, ट्रांसपोर्ट माफिया पर बोले सिद्धू 
सिद्धू ने कहा कि उनकी मांग है कि पंजाब सरकार सब्जियां, दालों, ऑयल सीड और फलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दे और अगर किसान की मदद के लिए सरकार के पास धन की कमी है तो शराब माफिया, रेत माफिया, केबल माफिया, ट्रांसपोर्ट व अन्य माफिया को बंद कर दे तो पैसों का ढेर लग जाएगा। सिद्धू ने अपने वीडियो का आगाज किसानों को संबोधित करते हुए किया। उन्होंने कहा कि काले कानूनों के खिलाफ काली रात में सितारे की तरह चमकता पंजाब विधानसभा का यह सत्र केंद्र के काले कानूनों के खिलाफ करारा थप्पड़ है, जिसकी गूंज पूरे हिन्दुस्तान को सुनाई देगी। 

कांग्रेस अध्यक्ष की जीत बताया
नवजोत सिंह ने कहा कि पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र कांग्रेस अध्यक्ष की किसान हिमायती सोच की जीत है। यह किसानों के संघर्ष की जीत है। बेशक यह बधाई योग्य है, लेकिन अगर सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए तो यह महज एक दिखावा बनकर रह जाएगा। उन्होंने कहा कि बात पक्के तौर पर न्यूनतम मूल्य और खरीद की है। यह दशकों से डूब रही किसानी को बचाने की बात ही नहीं बल्कि किसानी पेशे को सुनहरी रास्ते पर ले जाने की है। पंजाब से विदेशों में जा रही पीढ़ी वापस आए और किसानी अपनाए, यह पंजाब में हो सकता है। 

राज्य सरकार करे फसल की सरकारी खरीद
सिद्धू ने कहा कि किसान की सभी समस्याओं का हल हो सकता है, जिसके लिए सांझा कार्यक्रम बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र न्यूनतम समर्थन मूल्य से मुकरता है तो रा’य सरकार सरकारी खरीद के दाम दे। वहीं, किसान कार्पोरेटिव यूनियन बनाएं, जिससे सबको बराबर मूल्य मिले। सरकार के साथ मिलकर ऐसा सिस्टम बने कि किसान खुद बिजाई करे और खुद ही बिक्री करे। फसल की कीमत किसान तय करे, उसे खरीदने वाला नहीं। 

चाहे पूरा पंजाब मंडी बना लो, सरकारी खरीद नहीं तो कुछ नहीं
सिद्धू ने कहा कि बेशक पूरा पंजाब मंडी बना लिया जाए, लेकिन अगर सरकारी खरीद नहीं तो इससे कुछ नहीं होगा। पंजाब का किसान चुने हुए प्रतिनिधियों की तरफ देख रहा है, इसलिए उनका कहना है कि सरकारें भटकाएं मत, सीधा मुद्दे पर आएं। समाधान दें।  

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