Edited By Tania pathak,Updated: 24 Jan, 2021 04:16 PM

पंजाब में बढ़ते कृषि कानूनों के विरोध का असर राजनीति में भी इसका असर देखने को मिल रहा है।
नई दिल्ली (ए.एन.आई.): कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसानों द्वारा सिंघू बॉर्डर पर आयोजित जन संसद में लुधियाना से कांग्रेसी सांसद रवनीत बिट्टू का जोरदार विरोध किया गया। किसानों के बीच मौजूद तत्वों ने बिट्टू पर लाठियों व अन्य हथियारों से हमला कर दिया जिससे उनकी पगड़ी उतर गई। भीड़ ने उनके खिलाफ नारे लगाए।
बिट्टू ने बड़ी मुश्किल से भीड़ से भागकर जान बचाई। बिट्टू के साथ गए सांसद गुरजीत सिंह औजला, विधायक कुलबीर सिंह जीरा और अन्य कांग्रेस नेता भी किसानों के निशाने पर आए। हमले में जीरा की भी पगड़ी उतर गई। तीखा विरोध देख किसी तरह वे बाहर निकले। विरोध करने वालों ने बिट्टू की कार की विंडोस्क्रीन भी तोड़ डाली।
अपने पर हुए हमले के बाद रवनीत बिट्टू ने बताया कि किसान नेताओं द्वारा आयोजित जन संसद में हम अपने नेताओं के कहने पर कृषि कानूनों पर कांग्रेस का संदेश देने गए थे, इसलिए हम अपने साथ अपने सुरक्षाकर्मी भी नहीं ले गए थे। उन्होंने आपबीती बताई-‘जब हम वहां पहुंचे तो किसानों ने हमारा स्वागत किया लेकिन अचानक ही हम पर हमला बोल दिया गया। हमला करने वाले तत्व लाठियों व अन्य हथियारों के साथ पहले से ही हमारी घात लगाकर बैठे थे। हम पर सुुनियोजित ढंग से हमला करके हमें मार डालने की साजिश थी। यहां शरारती तत्व मौजूद हैं। इन लोगों के हाथों में खालिस्तानी झंडे हैं। इतनी भीड़ में इन लोगों की पहचान करने में किसान नेता भी कुछ खास नहीं कर सकते। इन लोगों को खालिस्तानी झंडे लहराने के लिए 80 लाख से 1 करोड़ रुपए तक दिए जा रहे हैं। वह तो वैसे भी उनके निशाने पर हैं।
उन्होंने कहा कि हमलावरों पर कानून अपना काम करेगा लेकिन हम अपनी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं करवाना चाहते क्योंकि इससे किसान आंदोलन प्रभावित होगा। हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के निमंत्रण पर जन संसद आयोजित की जा रही है। सांसद रवनीत बिट्टू और अन्य कांग्रेस सांसद इसमें भाग लेने पहुंचे थे।