बहुत काम का है मास्क: सर्द हवाओं को सीधे अंदर जाने से रोकने में है सक्षम

Edited By Mohit,Updated: 30 Nov, 2020 08:20 PM

mask is very useful

भीषण ठंड से होने वाले हृदयाघात व ब्रेन स्ट्रोक से भी काफी हद तक बचाव करेगा।

होशियारपुर (अमरेन्द्र मिश्रा): सर्दी का सितम धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है। इन दिनों कोरोना की वजह से ज्यादातर लोग मास्क लगा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यह मास्क कोरोना, टीबी व प्रदूषण समेत अन्य बीमारियों से तो बचा ही रहा है। अब सर्दियों में चलने वाली कोल्ड वेव (शीत लहर) के वार से भी रक्षा करेगा। साथ ही भीषण ठंड से होने वाले हृदयाघात व ब्रेन स्ट्रोक से भी काफी हद तक बचाव करेगा। इसलिए डॉक्टर सर्द मौसम में बाहर निकलते समय सभी को मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं।

कड़ाके की ठंड में बीमार व बुजुर्ग आ जाते हैं चपेट में
प्रतिवर्ष देश में शीतलहर के वार से सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है। शीतलहर की वजह से तापमान अचानक काफी नीचे तक गिर जाता है। हवा सर्द होने से कड़ाके की ठंड पड़ती है। ऐसे में बीमार, बुजुर्ग, बच्चे इसकी चपेट में आ जाते हैं। जिससे उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ जाती है। कई बार शीतलहर के वार से नौजवानों तक की मौत हो जाती है।

हृदयाघात व ब्रेन स्ट्रोक तक का बढ़ जाता है खतरा
जो लोग पहले से हृदय रोगी हैं, बीपी, शुगर से ग्रस्त हैं या फिर अन्य किसी रोग से बीमार अथवा बुजुर्ग हैं, उन्हें शीतलहर (कोल्ड वेव) के वार से ज्यादा खतरा होता है। कई बार अत्यधिक ठंड लगने से हृदयाघात और ब्रेन स्ट्रोक तक हो जाता है। डॉक्टरों के अनुसार सर्दियों में हर किसी को ठंडी से अपना पूरा बचाव करना चाहिए। शीत लहर पडऩे के दौरान बाहर निकलने पर पूरा शरीर गर्म कपड़ों से कवर होना चाहिए।

कोरोना के साथ सात टी.बी व प्रदूषण से भी बचाता है मास्क
डॉक्टरों के अनुसार मास्क कोरोना, टीबी व प्रदूषण से तो बचा ही रहा है। यह ठंडी हवा को सीधे शरीर के अंदर जाने से भी रोकता है। इससे ठंड लगने की वजह से होने वाली बीमारियों का खतरा काफी हद तक टल जाता है। इसलिए विशेषकर बाइक चलाने वालों, साइकिल व पैदल चलने वालों को सर्दियों में वैसे भी मास्क पहनना जरूरी है।

आखिर क्यों जरूरी है मास्क पहनना 
सी.डी.सी. (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन खत्म होने के बाद इन दिनों जिस तरह लोग मास्क लगाने से परहेज करने लगे हैं उसका घातक परिणाम आने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। अगर यही हाल रहा तो अगले कुछ महीने में भारत की 50 फीसदी आबादी कोरोना से प्रभावित हो जाएगी। लेकिन साथ ही सीडीसी ने यह भी कहा है कि कोरोना पीड़ित इस आबादी में बड़ा हिस्सा उन लोगों का होगा, जिनमें संक्रमण के लक्षण पता भी नहीं चलेंगे। ऐसे लोग भी होंगे जो बीमार होकर इम्यून भी हो जाएंगे लेकिन उन्हें खुद नहीं पता होगा कि वे कोरोना का शिकार थे। यह बात इसलिए भी कोरोना से जुड़े मामलों पर फिट बैठती दिखाई दे रही है क्योंकि हमारे देश में युवा वर्ग की बड़ी संख्या है। इनकी इम्युनिटी पॉवर अच्छी होती है और कोरोना को हराने में इस रोग प्रतिरोधक क्षमता का बड़ा योगदान होता है।

मास्क गारंटी नहीं लेकिन प्रोटैक्ट करने में सहायक है
हेल्थ एक्सपट्र्स मानते हैं कि मास्क कोरोना वायरस से बचने की गारंटी नहीं है लेकिन लोगों को प्रोटेक्ट करने में सहायक है। हमारे लिए जरूरी है कि कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों पर ब्रेक लगाने के लिए हम सभी अपनी तरफ से पूरी सतर्कता बरतें और हाइजीन का पूरा ध्यान रखें। कोरोना के वायरस की चपेट में आने से बचाने और इस वायरस को फैलने से रोकने में मास्क का बड़ा महत्वपूर्ण रोल नजर आ रहा है।

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