Edited By VANSH Sharma,Updated: 29 Jun, 2025 11:02 PM

जालंधर के डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने बड़ा निर्णय लेते हुए सख्त चेतावनी जारी की है।
जालंधर (पुनीत): मानसून के आगमन के साथ ही खाली पड़े प्लॉटों में कूड़े-कचरे और बरसाती पानी के कारण मच्छरों, बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक कीटों के पनपने का खतरा तेजी से बढ़ गया है। इनसे उत्पन्न होने वाले संक्रमण और बीमारियों की आशंका को देखते हुए जालंधर के डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने बड़ा निर्णय लेते हुए सख्त चेतावनी जारी की है। इसके तहत प्लॉट मालिकों को 10 दिनों के भीतर अपने प्लॉटों की सफाई करवानी अनिवार्य होगी।
जारी आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि यदि 10 जुलाई तक प्लॉटों की सफाई नहीं करवाई गई, तो संबंधित मालिकों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। डॉ. अग्रवाल ने BNS अधिनियम की धारा 163 के तहत आदेश जारी करते हुए यह भी कहा कि खाली प्लॉटों में जमा कूड़ा, गंदा पानी और गंदगी केवल बदसूरती का कारण नहीं हैं, बल्कि ये गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न करते हैं। ऐसे स्थानों पर मच्छरों व बैक्टीरिया का तेजी से पनपना डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और अन्य वेक्टर जनित बीमारियों को जन्म देता है। विशेषकर बरसात के मौसम में इन बीमारियों के फैलने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।
डिप्टी कमिश्नर के आदेशों के बाद खाली प्लॉटों की सफाई अब वैकल्पिक कार्य नहीं रह गई, बल्कि यह एक कानूनी जिम्मेदारी बन चुकी है। प्रशासन के इस सख्त रुख से उम्मीद की जा रही है कि शहर में स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर सकारात्मक बदलाव आएगा। अधिकारियों ने कहा है कि मानसून के इस संवेदनशील मौसम में प्रत्येक नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इन खतरों से मिलकर निपटना होगा।
कॉलोनाइज़र और रियल एस्टेट डिवेलपर्स को चेतावनी
जालंधर प्रशासन ने सभी निवासियों, कॉलोनाइज़रों, रियल एस्टेट डिवेलपर्स और अन्य संबंधित पक्षों से अपील की है कि वे अपने क्षेत्रों में सफाई को प्राथमिकता दें और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का सख्ती से पालन करें। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बाउंड्री/फेंसिंग की जिम्मेदारी भी तय
आदेशों में प्लॉट मालिकों की जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से तय की गई है, जिसके अनुसार वे अपने खाली प्लॉटों से कूड़ा-कचरा तुरंत हटवाएं। साथ ही प्लॉट के चारों ओर बाउंड्री वॉल या फेंसिंग कराना भी अनिवार्य है, जिससे कोई बाहरी व्यक्ति उसमें कूड़ा न फेंक सके। यह कदम अवैध कचरा डंपिंग को रोकने और स्थानीय निवासियों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने हेतु उठाया गया है।
सरकारी जमीनों पर भी होंगे लागू ये आदेश
ये आदेश केवल निजी प्लॉट मालिकों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी सरकारी विभागों पर भी समान रूप से लागू होंगे। डॉ. अग्रवाल ने सभी सरकारी संस्थाओं और विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली खाली जमीनों, कार्यालय परिसरों एवं अन्य संपत्तियों की सफाई सुनिश्चित करें। इन आदेशों के पालन और निगरानी की जिम्मेदारी विशेष रूप से एडीसी व निगम अधिकारियों को सौंपी गई है।
10 दिन बाद प्रशासन कराएगा सफाई, होगी वसूली
डिप्टी कमिश्नर ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि यदि 10 जुलाई तक किसी प्लॉट की सफाई नहीं की जाती है और प्रशासन को सफाई करवानी पड़ती है, तो उसका खर्च संबंधित प्लॉट मालिक से वसूला जाएगा। इसके अतिरिक्त जुर्माना और अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
बीमारियों से बचाव हेतु आवश्यक कदम
डॉ. अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि यह आदेश नागरिकों को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखकर जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि शहर में स्वच्छ वातावरण बनाए रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। यदि समय रहते आवश्यक कदम न उठाए गए, तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
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