मैरिज पैलेस, होटल व रिसॉर्ट धड़ल्ले से कर रहे GST चोरी! ऐसे लगाया जा रहा चूना

Edited By Kalash,Updated: 15 Sep, 2025 12:11 PM

marriage palaces hotels and resorts evading gst

जी.एस.टी. विभाग द्वारा टैक्स चोरी को रोकने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं।

अमृतसर (इन्द्रजीत): जी.एस.टी. विभाग द्वारा टैक्स चोरी को रोकने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में जी.एस.टी. और मोबाइल विंग की टीमें दिन-रात सड़कों पर होती हैं, वहीं दूसरी तरफ अभी भी कई ऐसे कारोबार हैं, जो सरकार को भारी-भरकम टैक्स का चूना लगा रहे हैं। मैरिज फंक्शन्स को लेकर जहां पर लोग शानो-शौकत बढ़ाने के लिए दिल खोलकर शादी के फंक्शन में खर्च कर देते हैं, लेकिन इस पर विभागीय तौर पर कोई ध्यान नहीं गया कि ऐसे भव्य फंक्शन्स पर खर्च किए धन का टैक्स कहां जाता है? जानकारी के मुताबिक महानगर में कई ऐसे होटल, मैरिज पैलेस और रिजॉर्ट हैं, जो सरकार को टैक्स का भारी नुक्सान पहुंचा रहे हैं। इस मामले में जानकार लोगों और स्वयं प्रमाणित तथ्यों की माने तो इन पैलेसों और रिजॉर्ट्स में बड़ी संख्या में ऐसे विवाहिक और रिसैप्शन के बड़े फंक्शन होते हैं, जिसमें कैटरिंग के बावजूद सरकार को कोई टैक्स नहीं दिया जाता।

बताया जाता है कि किसी भी आयोजित फंक्शंस हेतु जब मेजबान बुकिंग करवाता है तो रिसोर्ट्स अथवा अन्य संस्थानों के मालिक सिर्फ पैलेस का किराया अपने रिकॉर्ड में दिखाते हैं। वहीं प्रति व्यक्ति कैटरिंग के संबंध में न तो कोई जी.एस.टी. विभाग को जानकारी दी जाती है न टैक्स! अधिकतर यह लोग अपने रिकॉर्ड में कैटरिंग का जिक्र ही नहीं करते। उधर, दूसरी तरफ जानकार लोग बताते हैं कि इन फंक्शंस में परोसी जाने वाली शराब के लिए पैलेस, होटल व रिसॉर्ट की अतिरिक्त फीस भी दी जाती है और संबंधित ठेकेदार से निर्धारित रेट पर खरीदी जाती है। इसके उपरांत फंक्शन स्थल पर शराब के बड़े-बड़े स्टॉल लगाए जाते हैं, जहां पर एक दर्जन के करीब स्टाफ के लोग ‘पैग-सर्विस’ देने में लगे होते हैं। अधिकतर फंक्शन समाप्त होने के बाद कैटरिंग का कोई रिकॉर्ड नहीं होता। प्रश्न यह है कि हजारों की संख्या में आए मेजबान/मेहमान क्या बिना कुछ खाना खाए ही शराब पिए चले जाते हैं? यह सिस्टम आज नया नहीं दशकों से चला रहा है।

इस संबंध में आबकारी विभाग से पूछने पर उनका कहना है कि यह काम जी.एस.टी. विभाग का है!, लेकिन अनुमान लगाया जाता है कि जी.एस.टी. विभाग को शायद इसका पता ही नहीं है कि, टैक्स चोरी कैसे हो रही है? क्योंकि लंबे समय ऐसे किसी आयोजित फंक्शन के संबंध में जी.एस.टी. विभाग द्वारा चेकिंग की कोई सूचना नहीं है!

सबसे अधिक खर्चीली होती है कैटरिंग

विवाह शादी के फंक्शन में सबसे अधिक खर्चीला कार्यक्रम कैटरिंग का ही होता है, जिसमें परिवार की पूरी जिंदगी की कमाई का एक औसत हिस्सा खर्च हो जाता है। अधिकतर फंक्शंस में गिनती 5 से 700 के करीब होती है और बड़े फंक्शंस में 1 हजार से लेकर अनलिमिटेड मेहमान भी होते हैं। उधर, प्रति व्यक्ति प्लेट 1000 से शुरू होकर 3000 रुपए तक होती है। कई फंक्शन्स में कैटरिंग प्रति-प्लेट और कई फंक्शन्स में ज्यादा गिनती होने पर भारी भरकम ठेका भी हो जाता है। यदि सरकार कोई स्क्रुटनिंग टीम गठित करके इसका आंकलन करे तो पिछले समय में हजारों की संख्या में ऐसे फंक्शन होंगे जिनमें सरकार को कोई टैक्स नहीं मिला।

बुकिंग के समय पैलेस रिसॉर्ट के प्रबंधक ही करते हैं डील

बताना जरूरी है कि जिस समय मेजबान अपना फंक्शन अरेंज करने के लिए किसी पैलेस, होटल अथवा रिजॉर्ट्स के पास एडवांस बुकिंग करने के लिए जाता है तो सभी डीलिंग प्रबंधक खुद करते हैं और कैटरिंग का रेट भी वही तय करते हैं। बाद में कैटरिंग को किताबों से दूर रखा जाता है और सरकार का टैक्स हवा में उड़ जाता है।

फाइनैंशियल कमिश्नर टैक्सेशन ने भी दिए हैं विभागों को निर्देश

बताया जाता है कि बीते दिनों में जी.एस.टी. विभाग से हुई मीटिंग के दौरान फाइनैंशियल कमिश्नर टैक्सेशन पंजाब (एफ.सी.टी) ने जी.एस.टी. अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आने वाले समय में विवाह शादी का सीजन है, इसलिए मैरिज फंक्शन अरेंज करने वाले होटल पैलेस और रिसॉर्टस पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि कोई टैक्स चोरी न कर पाए।

शराब की खप्त से हो जाती है मेहमानों की गिनती

उदाहरण के तौर पर यदि मेजबान विवाह शादी में 10 पेटियां शराब की खप्त कर लेता है तो उसका सीधा अर्थ है कि 700 के करीब लोगों ने शराब पी है। उधर, यदि कुल मेहमानों की बात की जाए तो मात्र 25 फ़ीसदी लोग ही शराब पीते हैं। कुल मेहमानों में क्योंकि एक तिहाई गिनती बच्चों और एक तिहाई महिलाओं की होती है, बाकी बचे एक तिहाई पुरुषों में यदि अधिक से अधिक मान लिया जाए तो 25 प्रतिशत कुल गिनती में मेहमान शराब पीते हैं। इसका प्रमाण है कि 10 पेटियां शराब की खपत वाले फंक्शन में मेजबानों की कुल गिनती 1800 के करीब है। यदि कंबाइंड खाद्य वैरायटी में सर्विस है तो 18 प्रतिशत टैक्स लगता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि फंक्शन अरेंजमेंट में कैटरिंग पर फोक्स दिया जाए तो सरकार को शराब से भी अधिक रेवेन्यू प्रतिवर्ष मिलेगा।

टैक्स चोरी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी : डा. नवरीत सेखों

असिस्टैंट कमिश्नर जी.एस.टी. अमृतसर डा. नवरीत कौर सेखों ने कहा है किसी भी तरह से हो रही टैक्स चोरी को रोका जाएगा और इस प्रकार के लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह गम्भीर विषय है कि एक ही फंक्शन में लाखों रुपए की टैक्स चोरी हो रही है, इसके लिए विशेष टीमें गठित की जाएंगी।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

 

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!