अस्पताल में महिला ने जन्मा बेटा, बाद में परिजनों को सौंप दी बेटी, मचा बवाल

Edited By Vatika,Updated: 12 Aug, 2019 10:51 AM

male child exchange with female child

स्पताल प्रशासन ने जांच के दिए आदेश

अमृतसर (दलजीत): गुरु नानक देव अस्पताल में नवजन्मे बच्चे की अदला-बदली का मामला सामने आया है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनके मरीज का प्रसव होने के बाद लड़का बताकर लेबर रूम की जहां एक कर्मचारी द्वारा बधाई भी ली गई वहीं जब उन्हें बच्चा सौंपा गया तो वह लड़की निकली। 

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जानकारी के अनुसार किला दर्शन सिंह बटाला निवासी गर्भवती नीलम पत्नी गुरप्रीत चंद को शनिवार प्रसव के लिए गुरु नानक देव अस्पताल के अधीन चलने वाले मदर एंड चाइल्ड केयर सैंटर में दाखिल करवाया गया। शनिवार को बाद दोपहर 3.20 बजे नीलम को बच्चा पैदा हुआ। नीलम के पति गुरप्रीत चंद ने बताया कि लेबर रूम से बाहर आई एक महिला दर्जा चार कर्मचारी तथा नर्स ने आकर बताया कि उनके बेटा हुआ है और उसकी बधाई भी 500 रुपए लेकर गईं। बच्चे को दिखा कर उसे दोबारा लेबर रूम में लेकर चली गईं। इसी दौरान नीलम की हालत गंभीर हो गई तथा सारे पारिवारिक सदस्य उसकी ओर ध्यान देने लगे।   इसके कुछ घंटों बाद बच्चे को कपड़े पहना कर स्टाफ द्वारा उन्हें वापस दे दिया गया। इस दौरान बच्चे ने पेशाब किया तो उसकी दादी बंसी ने कपड़ा उतारा तो देखा वह लड़की थी। इसके बाद उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया।


मौके पर पहुंचे मैडीकल सुपरिंटैंडैंट ने की गंभीरता से जांच
नवजन्मे बच्चे की अदला-बदली के मामले को लेकर पीड़ित परिवार मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. जे.एस. कुलार को मिला। डा. कुलार खुद मौके पर पहुंचे और बेबे नानकी अस्पताल जहां डिलीवरी हुई थी वहां का मुआयना किया और इसके बाद अपने आफिस में सभी स्टाफ, परिजनों तथा पुलिस की मौजूदगी में सभी का पक्ष सुना। इस दौरान अस्पताल द्वारा पेश रिकार्ड के मुताबिक उक्त समय से पहले 2.35 बजे एक लड़का पैदा हुआ था। इसके बाद 3.20 बजे एक लड़की (जिसे बदले जाने का आरोप है) और फिर 3.23 बजे एक लड़की पैदा हुई। स्टाफ का कहना था कि जब लड़का पैदा ही नहीं हुआ तो बदलने का सवाल ही नहीं पैदा होता।

स्टाफ ने बदला बच्चा
नवजन्मे बच्चे की दादी बंसी का कहना है कि ब‘चा जब पैदा हो रहा था तो उनको लेबर रूम से बाहर निकाल दिया गया जबकि सरकार कहती है कि प्रसव के दौरान लेबर रूम में एक महिला पारिवारिक सदस्य जा सकता है। उनका आरोप है कि स्टाफ ने ब‘चा बदल दिया है। उन्होंने कहा कि दर्जा चार कर्मचारी द्वारा अपनी बधाई लेने के बाद अस्पताल में लगी एक दान पेटी में पैसे डालने के लिए कहा गया तथा उन्होंने अपने बेटे गुरप्रीत चंद से पैसे लेकर उक्त दर्जा चार कर्मचारी को ही पैसे दे दिए तथा उन्होंने उस समय तो उनके सामने पेटी में पैसे भी डाल दिए। 


डी.एन.ए. टैस्ट की मांग 
पीड़ित परिवार के साथ मैडीकल सुपरिंटैंडैंट कार्यालय में बटाला के कई गांवों के सरपंच भी आए हुए थे। इसी दौरान परिवार ने उच्च अधिकारियों से मांग की कि नवजन्मे ब"ो का डी.एन.ए. करवाया जाए ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। उन्होंने कहा कि जिस दर्जा चार कर्मचारी ने उनके बच्चे के बारे में उन्हें सूचना दी थी उस पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. जे.एस. कुलार ने पंजाब केसरी से बातचीत करते हुए कहा कि अभी तक परिवार द्वारा लिखित शिकायत उन्हें नहीं दी गई है। लिखित शिकायत आने के बाद मामले की और बारीकी से जांच की जाएगी तथा जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके उपरांत बनती कार्रवाई की जाएगी। 

बधाई लेने वाली बात गलत 
परिवार के लोग बार-बार ब‘चा बदलने का आरोप लगाते रहे जबकि स्टाफ अपने दस्तावेज के साथ तर्क देता रहा। हालांकि इस दौरान एम.एस. के आदेश पर डिलीवरी करवाने वाली दर्जा चार महिला मुलाजिमों को भी बुलाया गया। महिला मुलाजिम पिंदो का कहना था कि लड़की ही पैदा हुई थी और उसे दिखा कर परिवार वालों को दिया गया था। ये लोग जानबूझ कर झूठ बोल रहे हैं। उसने बधाई लेने वाली बात को भी गलत करार दिया। मामला सुलझता न देख एम.एस. ने 3 सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया, जो सारे मामले की पड़ताल करेगी। डा. कुलार का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और अगर बात सही निकली तो दोषी को कतई बख्शा नहीं जाएगा। 

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