Edited By Subhash Kapoor,Updated: 20 Nov, 2023 11:48 PM

पिछले काफी लंबे समय से मच्छर मारने की जी तोड़ कोशिशो में लगे निगम और सेहत विभाग के फेल होने के बाद दीपावली पर चले पटाखों ने वह काम कर दिया, जो सरकार के कई विभाग न कर सके।
लुधियाना (सहगल): पिछले काफी लंबे समय से मच्छर मारने की जी तोड़ कोशिशो में लगे निगम और सेहत विभाग के फेल होने के बाद दीपावली पर चले पटाखों ने वह काम कर दिया, जो सरकार के कई विभाग न कर सके। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कभी सभी जिलों के अधिकारियों को चंडीगढ़ में बुलाकर मीटिंग की तो कभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मच्छरों पर काबू करने के लिए गहन विचार विमर्श किया। बीमारी को कम दिखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी दिन रात भाग दौड़ तथा कागजी कार्रवाइयों मैं जुटे रहे परंतु मच्छर पर काबू नहीं किया जा सका। वैसे तो पटाखों के प्रदूषण से कई समस्याएं पैदा होती हैं परंतु पटाखों का यह प्रदूषण लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है, क्योंकि लोग मच्छरों के कम होने से काफी खुश है। डेंगू व चिकनगुनिया का कारण बने एडिस एजिप्टी मच्छर की संख्या भी कम हो गई है। परंतु विशेषज्ञों द्वारा लोगों को अभी भी सावधान रहने को कहा जा रहा है ताकि कोई नया मरीज डेंगू के मच्छर की चपेट में ना आए।
जिले में चंद प्रमुख अस्पतालों में डेंगू के 5000 से अधिक मरीज सामने आए हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग में इनमें 1121 मरीजों में डेंगू की पुष्टि की है। शेष मरीजों को संदिग्ध श्रेणी में डाल दिया गया है। चांद अस्पतालों के अलावा भी जिले में डेंगू के काफी संख्या में मरीज सामने आए परंतु अधिकतर अस्पतालों ने स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट नहीं की। जिससे डेंगू के मरीजों की सही संख्या सामने नहीं है लाई जा सकी। पिछले दो दिनों में स्वास्थ्य विभाग में 18 मरीजों में डेंगू की पुष्टि की है जिनमें 12 मरीज आज जबकि 6 मरीज कल सामने आए। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 18 मरीजों की डेंगू से मौत होने की पुष्टि की है जबकि सही संख्या इससे काफी अधिक बताई जा रही है।