लुधियाना : फैक्ट्री में जिंदा जले बच्चों का मामला, जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Edited By Kalash,Updated: 16 Mar, 2025 02:22 PM

ludhiana factory incident shocking revelations

धुरी लाइन स्थित साइकिल सीट बनाने वाली फैक्ट्री में आग लगने से अंदर काम कर रहे दो बच्चों की जिन्दा जलने से मौत हो जाने के मामले में डीसी द्वारा एस.डी.एम. पूर्वी को सौंपी जांच में खुलासा हुआ है।

लुधियाना (पंकज): धुरी लाइन स्थित साइकिल सीट बनाने वाली फैक्ट्री में आग लगने से अंदर काम कर रहे दो बच्चों की जिन्दा जलने से मौत हो जाने के मामले में डीसी द्वारा एस.डी.एम. पूर्वी को सौंपी जांच में खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि उक्त बिल्डिंग पूरी तरह से नजायज थी जिसका नक्शा पास नहीं किया गया था। दिल दहला देने वाली इस घटना में एरिया बिल्डिंग इंस्पेक्टर की भूमिका भी शक के दायरे में आ गई है।

बता दें कि गत माह धुरी लाइन स्थित एक फैक्ट्री में लगी आग से हुए धमाके में अंदर काम कर रहे दो बच्चों की जिन्दा जलने के कारण मौत हो गई थी। इस घटना ने शहर को हिला कर रख दिया था। पिछले कुछ वर्षो के भीतर शहर में नजायज तौर पर बनी बिल्डिंगो में घट रही ऐसी घटनाए दर्जनों लोगो की मौत की वजह बन चुकी है। 

डी.सी. जतिंदर जोरवाल की तरफ से एस.डी.एम. पूर्वी को इसकी जांच करने के आदेश दिए गए थे, जिसमे विभिन्न पहलुओं पर जांच दौरान नगर निगम की संबंधित ब्रांच से फैक्ट्री का एस.डी.एम. दफ्तर की तरफ से रिकॉर्ड मांगा गया था। निगम की संबंधित शाखा द्वारा भेजी रिपोर्ट हैरान कर देने वाली है। इसमे स्पष्ट किया गया है कि फैक्ट्री मालिक द्वारा जब ईमारत के निर्माण के लिए निगम के पास आवेदन किया गया था तो रेलवे लाइन पास होने के कारण निगम की तरफ से उसे रेलवे से एन.ओ.सी. लेकर आने के लिए कहा गया था, लेकिन फैक्ट्री मालिक को रेलवे विभाग की तरफ से एन.ओ.सी. नहीं मिली। इसके बावजूद उसने फैक्ट्री का ना सिर्फ नजायज निर्माण कर लिया बल्कि उसके अंदर सीट बनाने के कारोबार भी शुरू कर दिया। निगम द्वारा भेजी रिपोर्ट से साफ हो चुका है कि उक्त फैक्ट्री का निर्माण पूरी तरह से नजायज था और बिना बिल्डिंग ब्रांच के संबंधित इंस्पेक्टर की सांठगांठ के यह निर्माण किया ही नहीं जा सकता था।

निगम के कर्मचारियों की कथित मिलीभगत से बनी इस फैक्ट्री में जिन्दा जल कर मरने वाले मासूम बच्चों और हुई दुर्घटना की जांच में जुटे एस.डी.एम. दफ्तर के पास कई और सबूत भी मिले है। जब इस संबंधी सुप्रिडेंट (एस.डी.एम.) राजेश शर्मा से इस जांच संबंधी पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि बिल्डिंग का निर्माण बिना निगम से नक्शा पास करवाए किया गया था। उन्होंने बताया की इस जांच संबंधी एक रिपोर्ट आनी बाकि है। अगले सप्ताह के भीतर इस जांच को मुकमल कर दिया जाएगा और जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ रिपोर्ट डीसी को भेज दी जाएगी।

नजायज बिल्डिंग बन रही काल 

शहर में बिना अप्रूव्ड करवाए और निगम के संबंधित अधिकारियो की मिलीभगत के बन रही नजायज बिल्डिंग अंदर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए काल साबित हो रही है। चलती फैक्ट्री में पिलर बदलने के दौरान फोकल पॉइंट स्थित फैक्ट्री की छत गिरने से तीन मजदूरों की हुई मौत इसका सबूत है। वहीं साइकिल सीट बनाने वाली जिस फैक्ट्री में आग लगाने से दो बच्चे जिन्दा जल कर मारे गए थे अगर निगम अधिकारी उस ईमारत का निर्माण ना होने देते तो शायद इस घटना को भी होने से रोका जा सकता था। जब तक ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेवार आरोपी निगम अधिकारियो खिलाफ प्रशासन कड़ी करवाई नहीं करता तब तक ऐसी घटनाओं पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता। 

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