लोक इंसाफ पार्टी के प्रधान को फेसबुक पर Live होना पड़ा मंहगा, पढ़ें क्या है मामला

Edited By Vatika,Updated: 18 Mar, 2022 09:17 AM

lok insaaf party had to go live on facebook

कार्यालय में लाइव होकर हंगामा करने उस समय महंगा पड़ गया है।

 जालंधर(चोपड़ा) : लोक इंसाफ पार्टी के जिला प्रधान जसवीर सिंह बग्गा को सब रजिस्ट्रार-1 कार्यालय में लाइव होकर हंगामा करने उस समय महंगा पड़ गया है। जब सब रजिस्ट्रार-1 मनिंदर सिंह सिद्धू की शिकायत पर इस मामले में थाना नई बारादरी की पुलिस ने जसवीर सिंह बग्गा के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा 342, 186, 384, 506, 34 के तहत एफ.आई.आर. नं. 29 तिथि 17 मार्च 2022 दर्ज कर ली है।

इसके उपरांत पुलिस ने बग्गा की गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए है। मनिंद्र सिद्धू ने इस संबंध में पहले डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी को भी लिखित शिकायत दी थी जिसमें उन्होंने बग्गा पर सरकारी काम में बाधा डालने, धमकी देने, फंड के नाम पर फिरौती मांगने को लेकर बग्गा और उसके साथियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी। उल्लेखनीय है कि 14 मार्च को जसवीर बग्गा ने अपने साथियों के साथ सब रजिस्ट्रार कार्यालय में घुसकर फेसबुक पर लाइव होते हुए सब-रजिस्ट्रार को धमकाने के अंदाज में समझाने का प्रयास करते हुए उन पर कई आरोप लगाए थे। बग्गा ने इस दौरान सब रजिस्ट्रार को धमकाते हुए कहा कि अब सरकार बदल चुकी है, जिस कारण वह उन्हें समझाने आए है कि अपनी कार्यशैली को बदल ले। करीब 15 मिनट लाइव में हुए हंगामे के दौरान बग्गा ने सिद्धू पर कई आरोप लगाए थे वहीं सिद्धू ने भी बग्गा पर उन्हें ब्लैकमेल करने के आरोप लगाते हुए उनके कार्यालय के कामकाज को बाधित करने को लेकर डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी से इस संदर्भ में शिकायत करने की बात की थी। वहीं सब रजिस्ट्रार ने डिप्टी कमिश्नर के संज्ञान में सारा मामला लाते हुए बग्गा द्वारा उन्हें लिखित शिकायत की थी। जिसके उपरांत आज कमिश्नरेट पुलिस ने बग्गा के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने, धमकाने, फिरौती मांगने सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। उल्लेखनीय है कि जसवीर बग्गा ऐसे ही अनेकों मामलों में स्वत: जांच करने दौरान फेसबुक पर लाइव होते आ रहे हैं।

आखिर बग्गा के खिलाफ दर्ज केस का क्या है मामला
सब 
रजिस्ट्रार मनिंदर सिद्धू ने डिप्टी कमिश्नर और पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि 14 मार्च को जसवीर बग्गा अपने करीब 10-15 लोगों के साथ मेरे कार्यालय में आया और उन्होंने कार्यालय के दोनों दरवाजे बंद कर दिए। उस समय कार्यालय के कर्मचारी जिनमें रजिस्ट्री क्लर्क जतिंदर सिंह और मुनीश शर्मा, कम्प्यूटर ऑपरेटर रोहित कुमार, लंबरदार सुमन बाली और कुछ व्यक्ति अपने काम को लेकर वहां मौजूद थे। सिद्धू ने कहा कि बग्गा ने समर्थकों के साथ कार्यालय के आधिकारिक काम को जबरन रोक दिया और मुझे बुरा भला बोलना शुरू कर दिया। सिद्धू ने बताया कि जब कार्यालय के कर्मचारियों ने उन्हें ऐसा करने से रोका, तो उसका एक साथी ने वीडियो बनानी शुरू कर दी और मुझ पर रिश्वत लेने के आरोप लगाते हुए झूठे मामलों में फंसाने की धमकियां दी थी।

सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण करने दौरान लाइव होने वाले विधायकों और नेताओं को भी रहना पड़ेगा चौकन्ना
10 मार्च
 को पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जिस प्रकार से आम आदमी पार्टी (आप) को भारी बहुमत मिला है, उसके बाद आप के निर्वाचित विधायकों और आप नेताओं द्वारा सरकारी विभागों में जाकर लाइव होते हुए अधिकारियों की कार्यशैली को लताड़ने के कई मामले सामने आ चुके हैं। लाइव होने के दौरान ही कई बार आप नेता आक्रोश में अपने होश भी खोते देखे गए हैं परंतु सब रजिस्ट्रार के मामले में जिस प्रकार मनिंदर सिद्धू की शिकायत पर कमिश्नरेट पुलिस ने जसवीर बग्गा के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और उन्हें धमकाने का केस दर्ज किया है उसको देख अब आप नेताओं को भी चौकन्ना रहना होगा क्योंकि किसी भी सरकारी विभाग में औचक निरीक्षण करने और अधिकारियों की कार्यशैली की जांच करने के दौरान वह कोई ऐसा दुर्व्यवहार न करें जो कि बाद में उनके गले की फांस बन कर रह जाए। उल्लेखनीय है कि गत दिन ही नगर निगम के कर्मचारियों ने वैस्ट हलका के विधायक शीतल अंगुराल पर उन्हें बुरा भला कहने के आरोप लगाते हुए चेतावनी भी दी थी। हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी शपथ ग्रहण समारोह के दौरान विधायकों व आप नेताओं को अहंकार में न आने और हरेक से सहज स्वभाव से व्यवहार करने की नसीहत दी थी।

 

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