Pics: शहीद जोरावर को दी गई अंतिम विदाई, रोते पिता के बोल- दूसरे बेटे को कभी नहीं भेजूंगा फौज में

Edited By Vaneet,Updated: 03 Sep, 2020 05:19 PM

last farewell given to martyr joravar

रामगढ़ रांझी सैक्टर में 6 सिख रेजीमेंट का नौजवान जोरावर सिंह अपने साथियों को एक गहरे तालाब में से निकालता..

तरनतारन(विजय अरोड़ा,सौरभ): रामगढ़ रांझी सैक्टर में 6 सिख रेजीमेंट का नौजवान जोरावर सिंह अपने साथियों को एक गहरे तालाब में से निकालता हुआ शहीद हो गया था। शहीद जोरावर सिंह का आज नम आंखों के साथ जद्दी गांव कुल्ला में अंतिम संस्कार किया गया।

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शहीद जोरावर सिंह ने साल 2019 में बॉक्सिंग खेल में नैशनल गोल्ड जीता था। मृतक जवान की अंतिम विदाई समय प्रशासन का कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा और ना ही फौज की तरफ से सलामी दी गई। शहीद की शहादत को जानबूझ कर अनदेखा किया गया। इसको लेकर शहीद के परिवार समेत गांववासियों की तरफ से प्रशासन के खिलाफ रोष जाहिर किया गया। 

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उन्होंने कहा कि हमारा पुत्र दूसरे जवानों को बचाने की खातिर अपनी जान गंवा बैठा, वह शहीद हुआ है। हमने अपने बेटे को फौज में देश की सेवा के लिए भेजा था परन्तु फौज ने उसका मृतक शरीर हमारे पास भेज दिया। उन्होंने कहा कि अभी तक हमें यह नहीं बताया गया कि उसकी मौत कैसे हुई है सिर्फ यह कहा जा रहा है कि डूबने से उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा हमें उसकी मौत बारे गलत बताया जा रहा है, सच्चाई छिपाई जा रही है। गांव के सरपंच ने कहा कि बहुत ही शर्म की बात है कि तरनतारन प्रशासन के पास इतना भी समय नहीं निकला कि वह शहीद को संस्कार मौके सलामी दे सकें। 

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शहीद के पिता अमरीक सिंह ने कहा कि मैं अपने दूसरे बेटे को कभी भी फौज नहीं भर्ती होने दूंगा और दूसरों को भी यह ही सलाह देता हूं कि सावधान रहो। संस्कार मौके पहुंचे फौज अफसर ने कहा कि हमें जो आदेश हुआ था हमने वही किया है। शहीद जोरवार सिंह को सलामी वहां ही दे दी गई थी। गांव पहुंच कर सिर्फ फूलों के साथ सलामी देने कहा था। परिवार को राष्ट्रीय झंडा देकर अब हम वापिस जा रहे हैं। 

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