सुखबीर बादल का BJP को Challenge, कृषि बिलों पर हरसिमरत के दिखाएं Signature

Edited By Vatika,Updated: 30 Dec, 2020 12:17 PM

kisan andolan sukhbir challenge to bjp

मगर भाजपा ने कृषि बिलों पर फैसला लेते समय हमें बुलाया तक नहीं।

जालंधरः  केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि बिलों के विरोध में एक महीने से किसान सिंघू बार्डर पर डटे हुए हैं और केंद्र सरकार अपना अडिय़ल रवैया छोड़ने को तैयार नहीं है। इस संबंध में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने 'पंजाब केसरी' के संवाददाता रमनदीप सिंह सोढी के साथ खास मुलाकात के दौरान अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कृषि बिलों को लेकर अब केवल किसान नहीं बल्कि सभी लोग इनके विरोध में उतर आए हैं। 

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जब सुखबीर बादल से यह सवाल किया गया कि क्या इन बिलों के बारे में आपको पहले से पता था तो उन्होंने कहा कि कितनी हैरानी की बात है कि शिरोमणि अकाली दल जोकि लम्बे समय से भाजपा की भाईवाल पार्टी है,उसे पूछा तक नहीं गया। उन्होंने कहा कि जब स. प्रकाश सिंह बादल कोई फैसला करते थे तो भाजपा को उस फैसले के बारे में बताते थे और उन्हें मनाते भी थे कि हम यह कुछ करने जा रहे हैं, आपकी क्या राय है। मगर भाजपा ने कृषि बिलों पर फैसला लेते समय हमें बुलाया तक नहीं। जब उनसे यह पूछा गया कि लोग तो कहते हैं कि बीबी हरसिमरत ने बिलों पर हस्ताक्षर किए हैं तो सुखबीर बादल ने कहा कि भाजपा को चैलेंज करता हूं कि आप मुझे हस्ताक्षर दिखा दो। जब उनसे पूछा गया कि भाजपा वाले कह रहे हैं कि सुखबीर बादल किसानों की सहानुभूति ले रहे हैं। उन्हें सब कुछ मालूम है। पहले वह बिलों के हक में थे और अब अपनी कुर्सी व सियासी जमीन को बचाने के लिए ड्रामा कर रहे हैं।  

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उन्होंने कहा कि अकाली दल 100 साल पुरानी पार्टी है। अगर ड्रामे कर रही होती तो 100 साल पूरे नहीं होते। अकाली दल ने हमेशा किसानी के लिए संघर्ष किया है। ये बिल जब कैबिनेट में आए थे तो हरसिमरत कौर बादल ने सारी कैबिनेट के सामने इन बिलों को लेकर प्रोटैस्ट किया था और कृषि मंत्री तोमर ने भी बयान कहा था कि हां, हरसिमरत कौर ने यह बात कैबिनेट में उठाई थी। भाजपा ने जब बिल बनाया तो हमें भरोसा दिया था कि आप जो चाहेंगे वह बिल में शामिल होगा। आप किसान जत्थेबंदियों से बात कर लो। हमने पंजाब की किसान जत्थेबंदियों से बात की और जत्थेबंदियों के कहे अनुसार केंद्र सरकार से एम.एस.पी. को लेकर चिट्ठी लेकर आए। किसान जत्थेबंदियों ने कहा कि हमें चिट्ठी नहीं, एक्ट चाहिए लेकिन जब हमें पता चल गया कि केंद्र सरकार ने यह नहीं करना तो हमने गृहमंत्री अमित शाह से कहा कि आप इस सैशन में बिल लेकर न आएं। अगले सैशन में लेकर आएं। किसानों में अभी सहमति नहीं हुई लेकिन वह नहीं माने। मैं खुद, सांसद चंदूमाजरा और भूंदड़ जी नड्डा साहिब के पास गए और कह कि आप यह बिल सिलैक्ट कमेटी में भेज दें और पास न करवाएं। यह बिल पास करवाकर बहुत बड़ी गलती होगी। हमने साफ कहा था कि यदि आप यह कानून लेकर आते हैं तो हम आपके साथ नहीं रहेंगे। वे शाम को कानून लेकर आए तो हमने गठबंधन तोड़ दिया।

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