प्रधानमंत्री की 11वीं फेरी से कई उम्मीदें लगा कर बैठे हैं पंजाबी

Edited By Vatika,Updated: 09 Nov, 2019 09:36 AM

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2014 में देश की बागडोर संभालने के करीब 65 महीनों दौरान प्रधानमंत्री ने पंजाब के करीब 10 दौरे किए, इसके बावजूद पंजाबियों की उम्मीदें पूरी नहीं हुईं और आज भी पंजाब के कई मसले लंबित हैं।

गुरदासपुर (हरमनप्रीत): 2014 में देश की बागडोर संभालने के करीब 65 महीनों दौरान प्रधानमंत्री ने पंजाब के करीब 10 दौरे किए, इसके बावजूद पंजाबियों की उम्मीदें पूरी नहीं हुईं और आज भी पंजाब के कई मसले लंबित हैं। प्रधानमंत्री के पंजाब में हुए दौरों में से आधे दौरे चुनाव प्रचार से संबंधित हैं जिनमें इस वर्ष 2019 दौरान उन्होंने 3 जनवरी को पंजाब के जिला गुरदासपुर में बड़ी रैली कर नए वर्ष की शुरुआत की थी। उसके बाद मई महीने में हुए लोकसभा चुनाव दौरान पंजाब में आने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 9 नवम्बर को करतारपुर साहिब कॉरीडोर का उद्घाटन करने के लिए फिर गुरदासपुर जिले में आ रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री की पंजाब में कई फेरियों के बावजूद अब तक यह सीमावर्ती सूबा कई सहूलियतों से वंचित है। गौरतलब है कि एक ही वर्ष में प्रधानमंत्री द्वारा जिला गुरदासपुर में दूसरा दौरा किया जा रहा है। इस जिले के लोगों को अभी तक बुनियादी सहूलियतें नसीब नहीं हुईं। 

2016 में पंजाब के किए 3 दौरे
प्रधानमंत्री ने वर्ष 2016 के शुरू में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के बाद 9 जनवरी को इस एयरबेस का दौरा किया। उसी वर्ष 25 नवम्बर को बठिंडा में बनने वाले एम्ज का नींव पत्थर रखा। इसी दौरान वह गुरू गोबिन्द सिंह के &50वें प्रकाश पर्व को समर्पित प्रोग्राम में श्री आनंदपुर साहिब पहुंच कर नतमस्तक हुए। 2016 वर्ष के अंत में एक कांफ्रैंस में हिस्सा लेने के लिए अमृतसर फेरी दौरान वह अचानक श्री हरिमंदिर साहिब भी पहुंच गए। 2017 में हुए विधान सभा चुनाव दौरान प्रधानमंत्री ने पंजाब में पहले महीने के अंत में चुनाव से बिल्कुल पहले कोटकपूरा और जालंधर में गठजोड़ के उम्मीदवारों के पक्ष में रैलियां कीं। वर्ष 2018 दौरान भाजपा ने मलोट में 11 जुलाई को किसान रैली करवाई थी जिसमें मोदी ने पहुंच कर संबोधित किया।


जिले की मुख्य मांगें

  • चंडीगढ़ पंजाब को सौंपने की मांग। 
  • पंजाब के पानी का मुद्दा। 
  • किसानों पर चढ़े कर्जे माफ करने की मांग। 
  • पंजाब को विशेष पैकेज देने की मांग। 
  •  औद्योगिक इकाइयों के लिए विशेष पैकेज देने की मांग। 
  •   सीमावर्ती जमीनों के मालिक  किसानों को सहूलियतें देने की मांग। 
  • सरहदी जिलों में उद्योग लगाने की मांग। 
  • गुरदासपुर में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सेहत व शिक्षा संस्थाएं स्थापित करने की मांग। 
  • गन्ने, गेहूं सहित अन्य प्रमुख फसलों के लिए केंद्रीय खोज केंद्र स्थापित करने की मांग। 
  •  गन्ना काश्तकारों की खुशहाली के लिए गन्ना मिलों की स्थापना की मांग। 
  •   जिला गुरदासपुर में एम्ज और बड़ी यूनिवॢसटी बनाने की मांग। 
  • बटाला में इंडस्ट्री व धारीवाल मिल को फिर से शुरू करने की मांग। 
  • ऐतिहासिक स्थानों को विकसित कर जिले को पर्यटन केंद्र बनाने की मांग।


2019 में गुरदासपुर से हुई थी रैली की शुरूआत
इस वर्ष 3 जनवरी को प्रधानमंत्री ने गुरदासपुर में रैली की थी जिसके बाद मई महीने में वह पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए पंजाब आए। अब 9 जनवरी को वह गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक आ रहे हैं।

अहम मसले जो कभी हल नहीं हुए
पंजाब से संबंधित कई मुद्दे और मसले ऐसे हैं जो कई सालों से लंबित हैं। प्रधानमंत्री के इतनी बार पंजाब आने के बावजूद न तो ये मसले हल हुए और न ही पंजाब के किसानों, सरहदी लोगों, उद्योगपतियों और बेरोजगारों सहित अन्य वर्गों के लोगो को कोई विशेष राहत पैकेज मिला।

 

 

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