Edited By Urmila,Updated: 14 Dec, 2025 11:31 AM

जालंधर के गांव कंगनीवाल में पंचायत समिति और जिला परिषद चुनाव के तहत मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई।
जालंधर (सोनू) : जालंधर के गांव कंगनीवाल में पंचायत समिति और जिला परिषद चुनाव के तहत मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई। मतदान शुरू होने से करीब आधा घंटा पहले ही 84 वर्षीय बुजुर्ग मतदाता मतदान केंद्र पर पहुंच गए। बुजुर्ग मतदाता ने बताया कि उन्हें वोटिंग को लेकर काफी उत्सुकता थी, इसलिए वे सबसे पहले मतदान करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि मतदान करने से देश का विकास होता है और हर नागरिक को अपने मताधिकार का अवश्य प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने सभी मतदाताओं से अपील की कि वे आगे बढ़कर समय पर मतदान करें और लोकतंत्र को मजबूत बनाएं।
आज जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव पूरी तरह से बैलेट पेपर से हो रहे हैं। इस बार चुनावी मुकाबला न सिर्फ उम्मीदवारों के बीच दिलचस्प होने वाला है, बल्कि बैलेट पेपर पर छपे चुनाव निशान भी वोटरों के बीच खास चर्चा का विषय बने हुए हैं। 21 जिला परिषद और 11 पंचायत समिति के कुल 188 जोन के लिए कुल 1209 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं, जहां जिले के 830669 वोटर अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इस चुनावी जंग में कुल 669 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनकी किस्मत का फैसला वोटर करेंगे। जानकारी के अनुसार जालंधर में सभी 1209 पोलिंग बूथ पर अब तक 7.1 प्रतिशत मतदान हुआ है।

चुनाव की तैयारियों और बैलेट पेपर से जुड़ी जरूरी बातों की जानकारी देते हुए एडिशनल डिप्टी कमिश्नर-कम-एडिशनल इलेक्शन ऑफिसर अमनिंदर कौर बराड़ ने बताया कि इस बार बैलेट पेपर पर कुल 9 चुनाव निशान होंगे। इनमें बड़ी राजनीतिक पार्टियों के पारंपरिक निशान के साथ-साथ आजाद उम्मीदवारों के निशान और NOTA का एक विकल्प भी शामिल है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मतदाता मतपत्र पर दिए गए इन 9 चुनाव चिह्नों में से किसी एक पर मुहर लगाकर अपने पसंदीदा उम्मीदवार को चुन सकेंगे। ए.डी.सी. अमनिंदर कौर बराड़ ने कहा कि चुनाव में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल, भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के आधिकारिक चुनाव चिह्न शामिल हैं। आम आदमी पार्टी का चुनाव चिह्न झाड़ू, कांग्रेस का पंजा, शिरोमणि अकाली दल का तराजू, भारतीय जनता पार्टी का कमल का फूल और बहुजन समाज पार्टी का हाथी है। इसके अलावा चुनाव लड़ रहे आजाद उम्मीदवारों को ट्रक, जीप और स्टूल जैसे 3 अलग-अलग चुनाव चिह्न वितरित किए गए हैं ताकि मतदाता उन्हें आसानी से पहचान सकें। मतपत्र पर नोटा चिह्न भी शामिल किया गया है। इसका मतलब है कि अगर कोई मतदाता किसी उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहता है, तो वह नोटा विकल्प चुन सकता है।
अमनिंदर कौर बराड़ ने कहा कि 21 जिला परिषद और 11 पंचायत समिति समितियों के लिए हुए चुनाव में अधिकतम 8 उम्मीदवार सामने आए हैं। इसी वजह से बैलेट पेपर पर चुनाव निशानों की ज़्यादा से ज़्यादा संख्या 8 तय की गई थी, हालांकि असल में NOTA को एक एक्स्ट्रा ऑप्शन के तौर पर शामिल किया गया है, जिससे कुल चुनाव निशानों की संख्या 9 हो गई है। A. D. C. अमनिंदर कौर बराड़ ने बताया कि जिले के 1209 पोलिंग बूथों पर वोटिंग के लिए सभी इंतज़ाम कर लिए गए हैं। वोटिंग प्रोसेस शांति, निष्पक्ष और ट्रांसपेरेंट तरीके से चल रहा है। चूंकि चुनाव बैलेट पेपर पर आधारित हैं, इसलिए कर्मचारियों को वोटिंग प्रोसेस के बारे में खास ट्रेनिंग भी दी गई है।

पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बैलेट पेपर से होने वाला यह चुनाव कई मायनों में अहम माना जा रहा है। जहां एक तरफ बड़ी पॉलिटिकल पार्टियां अपनी ऑर्गनाइज़ेशनल ताकत दिखाने की कोशिश में लगी हैं, वहीं दूसरी तरफ आजाद उम्मीदवार ने भी लोकल मुद्दों के सहारे वोटर्स को अपनी ओर खींचने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ट्रक, जीप और स्टूल जैसे चुनाव निशानों की ग्रामीण इलाकों में खास पहचान है, जिसका आजाद उम्मीदवार फायदा उठाने की कोशिश करेंगे।
चुनावी हलचल को देखते हुए गांवों और कस्बों में मीटिंग, जनसंपर्क अभियान और घर-घर जाकर संपर्क करने का दौर थम गया है। राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने चुनाव निशानों का जनता के बीच खास तौर पर प्रचार कर रही हैं, ताकि वोटरों को बैलेट पेपर पर किसी तरह की गलतफहमी न हो। प्रशासन भी वोटरों को लगातार जागरूक कर रहा है, ताकि वे वोटिंग वाले दिन बैलेट पेपर पर सही मुहर लगाएं, ताकि उनका वोट सही माना जाए। कुल मिलाकर, जालंधर जिले में हो रहे ये जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव न सिर्फ स्थानीय लीडरशिप का भविष्य तय करेंगे, बल्कि आने वाले राजनीतिक समीकरणों की दिशा तय करने में भी अहम भूमिका निभाएंगे। 8.30 लाख से ज्यादा वोटरों, 669 उम्मीदवारों और 9 चुनाव निशानों के साथ 14 दिसंबर को लोकतंत्र का एक और अहम अध्याय लिखा जाएगा।
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