Edited By Vatika,Updated: 29 May, 2025 04:20 PM

डीशनल डिप्टी कमिश्नर (ए.डी.सी.) विवेक कुमार मोदी की अदालत ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम
जालंधर: जिले में स्वास्थ्य सुरक्षा और लोगों को गुणवत्ता युक्त खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने के मकसद से स्वास्थ्य विभाग की ओर से की कार्रवाई अब निर्णायक मुकाम पर पहुंच चुकी है। एडीशनल डिप्टी कमिश्नर (ए.डी.सी.) विवेक कुमार मोदी की अदालत ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम (फूड सेफ्टी एक्ट) के अंतर्गत दर्ज 11 मामलों में से 10 मामलों में दोषी पाए गए व्यापारियों, रैस्टोरैंट मालिकों और डेयरी संचालकों पर कुल 3.70 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
'सनी साइड अप' रैस्टोरैंट को सम्मन जारी करने के आदेश
इन मामलों में से एक बेहद चर्चित मामला मॉडल टाऊन की माल रोड स्थित 'सनी साइड अप' रैस्टोरैंट का भी है, जिसके खिलाफ कोर्ट ने पुलिस विभाग के माध्यम से सम्मन जारी करने के आदेश दिए हैं। रैस्टोरैंट द्वारा लगातार कोर्ट सम्मन की अवहेलना किए जाने के बाद यह सख्त कदम उठाया गया। स्वास्थ्य विभाग की फूड सेफ्टी टीम ने 10 अक्तूबर 2024 को मॉडल टाउन में स्थित इस रैस्टोरेंट की जांच के दौरान पनीर और कुलरनी सॉस के सैंपल लिए थे। ये सैंपल जांच में फेल पाए गए, जिसके बाद मामला ए.डी.सी. कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट की ओर से फर्म के मालिक और हैड शेफ को दो से तीन बार सम्मन जारी किए गए, जिनमें से एक सम्मन तामील भी हो गया था। इसके बावजूद 'सनी साइड अप' की ओर से न तो कोई प्रतिनिधि और न ही कोई वकील अदालत में पेश हुआ। इससे नाराज होकर एडीसी विवेक कुमार मोदी ने फर्म के मालिक और हैड शेफ के खिलाफ पुलिस विभाग के मार्फत सम्मन जारी करने के आदेश दिए हैं। वहीं इन इन सभी कार्रवाइयों के पीछे जिला स्वास्थ्य विभाग के फूड सेफ्टी अधिकारियों की अहम भूमिका रही। इनमें राशू महाजन, मुकुल गिल और प्रभजोत कौर प्रमुख थे। जिला प्रशासन और कोर्ट की इस कार्रवाई से कारोबारियों को कड़ा संदेश गया है कि यदि खाद्य मानकों के साथ खिलवाड़ किया गया, तो उन्हें सख्त सजा का सामना करना पड़ेगा।
मशहूर कैफे ‘कॉफी बीन एंड टी लीफ’ पर 2 लाख रुपए का ठोका जुर्माना
माडल टाऊन का लोकप्रिय कैफे "कॉफी बीन एंड टी लीफ" भी इस जांच की जद में आया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यहां से जांच के दौरान सॉस का सैंपल लिया था जो लैब टैस्ट में फेल हो गया। एडीसी कोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान कैफे की ओर से मैनेजर नैंसी और सतकार सिंह पेश हुए। दोनों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने 2 लाख रुपए का भारी-भरकम जुर्माना लगाया।
विभिन्न संस्थान जिन्हें लगाया जुर्माना
घुम्मन डेयरी, बुल्लोवाल गांव
सैंपल: काऊ मिल्क (गाय का दूध)
नतीजा: फेल
जुर्माना: 20,000 रुपए
टिप्पणी: दूध की गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी।
2. सम्राट ट्रेडिंग कंपनी, भोगपुर
सैंपल: पनीर
नतीजा: फेल
जुर्माना: 50,000 रुपए
टिप्पणी: पनीर में अशुद्धि और गुणवत्ता में भारी कमी पाई गई।
3. क्रिस्पी हॉकर, भोगपुर
सैंपल: पनीर
नतीजा: फेल
जुर्माना: 20,000 रुपए
टिप्पणी: सैंपल फेल, कई खामियां पाई गईं।
4. राजन स्वीट्स, भोगपुर
सैंपल: दूध
नतीजा: फेल
जुर्माना: 20,000 रुपए
टिप्पणी: खराब दूध से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता था।
5. मल्ली स्वीट्स, नकोदर
आरोप: साफ-सफाई की घोर कमी और खाद्य पदार्थों के समीप गंदगी
जुर्माना: 5,000 रुपए
टिप्पणी: साफ-सफाई के प्रति लापरवाही से गंभीर स्वास्थ्य जोखिम।
6. कपूर डेयरी, जमशेर खास
सैंपल: दूध
नतीजा: फेल
जुर्माना: 20,000 रुपए
संपर्क: ड्राइवर रवि से लिया गया सैंपल
टिप्पणी: डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता गंभीर रूप से संदेह के घेरे में।
7. शर्मा गिफ्ट सैंटर, नजदीक विधीपुर फाटक
सैंपल: मिस ब्रांडेड चना
नतीजा: फेल
जुर्माना: 30,000 रुपए
टिप्पणी: उपभोक्ताओं को धोखे में रखकर मिस ब्रांडिंग का प्रयास।
8. रेहड़ी संचालक अशोक कुमार
सैंपल: चिप्स
नतीजा: फेल जुर्माना: 5,000 रुपए
टिप्पणी: सस्ते उत्पाद बेचकर जान जोखिम में डालने का प्रयास।