फिर चर्चा में जालंधर नगर निगम, अब एक और घोटाला आया सामने

Edited By Urmila,Updated: 25 May, 2024 01:47 PM

jalandhar municipal corporation in discussion again

नगर निगम की वर्कशॉप में हुए घोटाले का शोर अभी खत्म नहीं हुआ है कि नगर निगम के बी एंड आर विभाग में एक नए घोटाले ने जन्म लिया है।

जालंधर : नगर निगम की वर्कशॉप में हुए घोटाले का शोर अभी खत्म नहीं हुआ है कि नगर निगम के बी एंड आर विभाग में एक नए घोटाले ने जन्म लिया है। दरअसल यह घोटाला कोई नया नहीं है और पिछले लंबे समय से जारी है परंतु वर्तमान आप सरकार के कार्यकाल में ऐसी गड़बड़ी होना काफी हैरानीजनक माना जा रहा है क्योंकि यह सरकार भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के दावे किए जा रही है।

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गौरतलब है कि इन दिनों शहर में जगह-जगह सीमेंट तथा इंटरलॉकिंग टाइलों वाली सड़कों के निर्माण के काम जारी हैं परंतु नगर निगम के ज्यादातर ठेकेदारों द्वारा ऐसी सड़कों के बेस बनाने में ही भारी गड़बड़ी की जा रही है और ज्यादातर मामलों में ठेकेदार बेस से ही 50 प्रतिशत तक की सेविंग कर रहे हैं। निगम से जुड़े सूत्र बताते हैं कि टैंडर की शर्त के मुताबिक ठेकेदार को सीमैंट या इंटरलॉकिंग वाली टाइल की सड़क के नीचे 1:8:16 की मिक्सिंग वाला लीन कंक्रीट (जिसे देसी भाषा में गटका कहा जाता है) डालना होता है जिसके लिए ठेकेदार को करीबन 3200 रुपए प्रति क्यूबिक मीटर भुगतान किया जाता है। इन दिनों ज्यादातर निगम ठेकेदार ऐसी सड़कों के बेस में वैट्ट मिक्स मैटेरियल का प्रयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं जो क्रेशर से आता है और करीब लीन कंक्रीट से आधे मूल्य यानी 1600 रुपए प्रति क्यूबिक मीटर पड़ता है।

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ज्यादातर कामों की देखरेख कर रहे हैं निगम के कच्चे जे.ई

नगर निगम का यह नियम है कि जब भी ठेकेदार द्वारा कोई विकास कार्य शुरू किया जाता है तो उस क्षेत्र से संबंधित जे.ई साइट पर मौजूद रहता है और अपनी निगरानी में यह काम करवाता है परंतु जालंधर निगम में शायद कभी भी इस नियम को लागू ही नहीं किया गया। निगम के ज्यादातर अधिकारी गर्मियों में अपने ए.सी. कमरे में और सर्दियों में हीटर जलाकर बैठे रहते हैं।

पिछले लंबे समय से नगर निगम में पक्के जे.ईज की काफी कमी है। इस कारण निगम में इस समय कई कच्चे जे.ई ही काम कर रहे हैं। निगम प्रशासन ने इन कच्चे जे.ईज की ड्यूटी विकास कार्यों की निगरानी पर लगा रखी है परंतु ज्यादातर मामलों में निगम के यह कच्चे जे.ई. ठेकेदारों से इतने घुले मिले हुए हैं कि कभी भी साइट पर जाकर चेकिंग इत्यादि नहीं करते। इसी कारण ज्यादातर सड़कों के बेस में ही घटिया मैटेरियल डाले जाने की शुरुआत हो जाती है।

ऐसी ही एक सड़क लक्ष्मी सिनेमा के पीछे वाले मोहल्ले में बन रही है जहां लीन कंक्रीट वाले मिक्सर (गटका) की बजाय वैट्ट मिक्स का प्रयोग किया गया है। यहां ठेकेदार ने हाल ही में सड़क पर कंक्रीट डाला है परंतु यदि इस सड़क की कोर कटिंग चैकिंग की जाए तो बेस में प्रयुक्त मैटेरियल का आसानी से पता लगाया जा सकता है।

40 प्रतिशत से ज्यादा ‘लैस’ देकर टैंडर लेते हैं ठेकेदार

पिछले साल मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जालंधर को 50 करोड़ रुपए की ग्रांट जारी की थी, जिसमें से ज्यादातर काम ठेकेदारों ने करीब 40 प्रतिशत लैस देकर हथिया लिए थे। इस साल जनवरी फरवरी में नगर निगम ने अपने फंड से जो टैंडर लगाए हैं, उनमें से भी कई काम 40 प्रतिशत लैस (डिस्काऊंट) देकर ठेकेदारों द्वारा लिए गए हैं। अब जिस प्रकार सीमैंट और इंटरलॉकिंग टाइल वाली सड़कों के बेस में घटिया मैटेरियल के प्रयोग संबंधी समाचार मिल रहे हैं, उससे साफ होता है कि ठेकेदार टैंडर में किस कारण 40-42 प्रतिशत की सेविंग दे रहे हैं।

इन दिनों थर्ड पार्टी एजेंसी श्रीखंडे ने शहर में विकास कार्यों की चैकिंग का सिलसिला शुरू कर रखा है। आने वाले समय में इस कंपनी की रिपोर्ट से कई खुलासे होने की संभावना है। वैसे इस कंपनी ने आदर्श नगर पार्क की चारदीवारी के निर्माण में घटिया ईंटों के प्रयोग का मामला पकड़ा था और कई अन्य स्थानों पर पकड़ी गईं गड़बड़ियां कंपनी द्वारा दी जाने वाली रिपोर्ट में शामिल हैं।

इन सड़कों के बेस को जांचने की जरूरत

- गांव बडिंग ओल्ड फगवाड़ा रोड के निकट गलियों का निर्माण : सेविंग 42.25 प्रतिशत
- गांव बडिंग में इंटरलॉकिंग टाइल से गलियों का निर्माण : सेविंग 42.02 प्रतिशत
- गांव लद्देवाली में गालियों का निर्माण : सेविंग्स 41.11 प्रतिशत
- पार्क एवेन्यू में गालियों का निर्माण : सेविंग्स 41.96 प्रतिशत
- गुरु नानकपुरा ईस्ट और वेस्ट में गालियों का निर्माण : सेविंग्स 41.96 प्रतिशत
- गांव धन्नोवाली में गलियों का निर्माण : सेविंग 41.96 प्रतिशत
- मॉडर्न एस्टेट गांव दकोहा में इंटरलॉकिंग टाइल से गलियों का निर्माण : सेविंग्स 41.96 प्रतिशत
- सिद्धू एनक्लेव में इंटरलॉकिंग टाईल से गलियों का निर्माण : सेविंग्स 41.96 प्रतिशत
- कोहली गैस एजेंसी चौगिट्टी के निकट सड़क का निर्माण : सेविंग्स 40.96 प्रतिशत
- शहीद बाबू लाभ सिंह नगर में गालियों का निर्माण : सेविंग 40.11 प्रतिशत
- गांव परागपुर में इंटरलॉकिंग टाइल से गलियों का निर्माण : सेविंग 40.41 प्रतिशत
- ग्रीन वैली में इंटरलॉकिंग टाइलों से गलियों का निर्माण : 40 प्रतिशत
- न्यू रतन नगर आटा चक्की वाली गली का निर्माण : सेविंग्स 40 प्रतिशत
- राजा गार्डन की गलियों का निर्माण : सेविंग 40 प्रतिशत
- पंजपीर कॉलोनी में सड़कों का निर्माण : सेविंग 40 प्रतिशत
- बाबू जगजीवन राम चौक के निकट सर्विस लेन का निर्माण : सेविंग्स 40 प्रतिशत
- बूटा मंडी हड्डा रोड़ी के निकट सड़क का निर्माण : सेविंग्स 40 प्रतिशत
- अवतार नगर की गलियों का निर्माण : सेविंग्स 39 प्रतिशत
- बस्ती दानिशमंदा आनंद स्वीट्स के निकट सड़क का निर्माण : सेविंग्स 38.69 प्रतिशत
- भारत नगर में इंटरलॉकिंग टाईल से सड़कों का निर्माण : सेविंग्स 38.88 प्रतिशत
- शांतिपुरा में गलियों का निर्माण : सेविंग 38.39 प्रतिशत
- बशीरपुरा शमशान घाट के निकट गलियों का निर्माण : सेविंग्स 38 प्रतिशत

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