Edited By Suraj Thakur,Updated: 13 Sep, 2019 11:16 AM
राज्य सरकार द्वारा डा. अनुप्रीत कौर को सस्पैंड करने के बाद उनकी गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है।
जालंधर। जालंधर में तैनात जनरल सहायक डॉ. अनुप्रीत कौर को 1 करोड़ 63 लाख 975 रुपए का गबन के मामले में सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में आरोपी चार लोगों के खिलाफ अभी जांच जारी है। आरोप है कि राजस्थान-जम्मू कश्मीर नेशनल हाईवे के निर्माण के मौके सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के दौरान तत्कालीन तरनतारन की एसडीएम डॉ. अनुप्रीत कौर ने उन लोगों को लाभ पहुंचाया, जिनके पास जमीन नहीं थी। इस मामले में डीसी प्रदीप सभ्रवाल की रिपोर्ट पर जनरल सहायक डॉ. अनुप्रीत कौर सरकार ने कार्रवाई की है। राज्य सरकार द्वारा डा. अनुप्रीत कौर को सस्पैंड करने के बाद उनकी गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है।
ये है मामला
राष्ट्रीय मार्ग के निर्माण के मौके भूमि अधिग्रहण के दौरान जसबीर कौर निवासी मानावाला (अमृतसर), राजविंदर कौर निवासी फतेहपुर अलगों (तरनतारन) सरताज सिंह निवासी कोट दसंधी मल्ल (तरनतारन) बिक्रमजीत सिंह निवासी होशियार नगर (अमृतसर), गुरजीत कौर निवासी कोट दसंधी मल्ल (तरनतारन) के अलावा 3 अन्य लोगों के नाम पर बैंक खातों में 1 करोड़ 63 लाख 975 रुपए की राशि डाल दी गई थी। इस मामले में पट्टी में 5 सितंबर को केस दर्ज किया था। इसके बाद लोक इन्साफ पार्टी के जिला अध्यक्ष बचित्तर सिंह ढिल्लों ने तरनतारन में प्रेस कांफ्रेस करके डॉ. अनुप्रीत कौर के खिलाफ करोड़ों के गबन करके जायदाद बनाने के आरोप लगाए थे। जिसके बाद यह मामला पूरी तरह से तूल पकड़ गया था।